IPS Myank Shrivastva: छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क के कमिश्नर आईपीएस मयंक श्रीवास्तव का जीवन परिचय हिंदी में
IPS Myank Shrivastva: विष्णुदेव सरकार ने भी योजनाओं का प्रचार-प्रसार और सरकार की छबि बनाने की जिम्मेदारी आईपीएस अफसर को दी है। भूपेश सरकार में पूरे पांच साल तक हांसिये पर रहे 2006 बैच के आईपीएस अफसर मयंक श्रीवास्तव को कमिश्नर पब्लिक रिलेशंस बनाया गया है। मयंक आईजी प्रमोट होने वाले हैं।
IPS Myank Shrivastva: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने कल देर रात बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 88 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया। इनमें बड़़ी संख्या में सचिवों के साथ 19 कलेक्टरों को भी बदला गया। सरकार ने दिपांशु काबरा की जगह आईपीएस मयंक श्रीवास्तव को जनसंपर्क विभाग की बागडोर सौंपी है। मयंक फिलहाल फायर एंड सेफ्टी में डीआईजी की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
आईपीएस मयंक श्रीवास्तव ने सेवा की शुरुआत बस्तर संभाग से की। नारायणपुर में प्रशिक्षु एएसपी रहे। बस्तर में एडिशनल एसपी रहे। इसके बाद इन्हीं दोनों जिलों में एसपी भी रहे। वे दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा जिला के भी एसपी रह चुके हैं। 2009 से 2014 के बीच वे अलग-अलग तीन बार राजभवन में एडीसी रह चुके हैं।
आईपीएस मयंक श्रीवास्तव मूल रुप से प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं, लेकिन अब उनका पूरा परिवार इलाहाबाद (प्रयागराज) में बस गया है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले मयंक श्रीवास्तव के पिता उत्तर प्रदेश सरकार के पंजीयन विभाग में सब रजिस्ट्रार थे। उनके 4 भाई और 3 बहनें हैं।
नौकरी के साथ सिविल सेवा की भी करते रहे तैयारी
मयंक श्रीवास्तव की प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद में हुई है। गोविंदनगर बल्लभ पंत एग्रीकल्चर एंड टेक्नालाजी इजीनियरिंग विश्वविद्यालय से बीई किया। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने ने नौकरी शुरू की। एनटीपीसी में सर्विस के दौरान वे सिविल सेवा की भी तैयारी करते रहे। 2005 में सिविल सेवा में चयन हुआ और आईपीएस बन गए।
कला और साहित्य से है लगाव
आईपीएस मयंक श्रीवास्तव को कला और साहित्य से बेहद लगाव है। नाटक लिखना उन्हें बेहद पसंद है। मयंक श्रीवास्तव सोशल मीडिया में अपना लिखा नाटक और कहानियां पोस्ट करते रहते हैं। उन्हें नाटकों में अभिनय भी किया है। स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई नाटकों का मंचन भी किया है।
प्रदेश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को दिया अंजाम
आईपीएस मयंक श्रीवास्तव वर्तमान में एसडीआरएफ के डीआईजी हैं।इस पद पर रहते उन्होंने कई बचाव और राहत के ऑपरेशनों को सफलता पूर्व अंजाम दिया है। प्रदेश के अब तक के सबसे बड़ा रेस्कूय ऑपरेशन भी मयंक श्रीवास्तव के नेतृत्व में चला था। यह रेस्कूय ऑपरेशन जांजगीर में बोरवेल मे गिरे राहुल साहू नाम के बच्चे को बाहर निकालने के लिए चलाया गया था। करीब 110 घंटे चला यह ऑपरेशन सफल रहा।