IPS Mohit Garg Biography in Hindi: आईपीएस मोहित गर्ग का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस मोहित गर्ग?

IPS Mohit Garg Biography Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: आईपीएस मोहित गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः हरियाणा के रहने वाले है। पर उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया था। आईआईएम से एमबीए करने के बाद यूपीएससी के पहले ही प्रयास में एग्जाम क्रैक कर आईपीएस बने है। छत्तीसगढ़ के इकलौते ऐसे आईपीएस मोहित गर्ग है। जिन्हें तीन बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिला है। सख्त मिजाज के मोहित गर्ग दबाव में नहीं आने वाले आईपीएस माने जाते हैं।

Update: 2024-06-27 12:20 GMT

IPS Mohit Garg

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एनपीजी। मोहित गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी है। वे मूलतः हरियाणा के रहने वाले है पर उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया। इंजीनियरिंग व एमबीए करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर मोहित गर्ग आईपीएस बने है। एक साल उन्होंने प्राइवेट जॉब भी की है। फिर फर्स्ट अटेम्पट में ही यूपीएससी क्रैक की। मोहित गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के इकलौते ऐसे आईपीएस है। जिन्हें तीन बार वीरता पदक मिला है। ईमानदार व कड़क मिजाज के आईपीएस मोहित गर्ग के बारे में कहा जाता है कि गलत चीजों के लिए वे कभी भी प्रेशर में नही आते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

मोहित गर्ग हरियाणा के रहने वाले है। पर उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया है। उनका जन्म 4 अक्टूबर 1989 को हुआ था। उनके पिता रोशन लाल गर्ग सरकारी विभाग में इंजीनियर थे। दिल्ली से स्कूलिंग करने के बाद दिल्ली के एनएसआईटी कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच से इंजीनियरिंग मोहित गर्ग ने की। अंग्रेजी में मोहित गर्ग काफी कमजोर थे। पर इस कमजोरी को दूर करने के लिए मोहित ने काफी काफी मेहनत की। मात्र 20 साल के उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री मोहित गर्ग ने ले ली थी। फिर काफी मेहनत कर कैट एग्जाम क्लियर कर आईआईएम अहमदाबाद में एमबीए में एडमिशन लिया। बा करते हुए उनका आईटीसी कंपनी में उनका कैंपस सलेक्शन हुआ। 1 वर्ष तक आईटीसी कंपनी में नौकरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में शुरू की। उन्होंने वैकल्पिक विषयों के रूप में अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट का विषय लिया। आईआईएम से एमबीए करवाने के लिए मोहित के पिताजी ने उनके लिए एजुकेशन लोन लिया था। लिहाजा मोहित गर्ग के ऊपर लोन चुकाने की भी जवाबदारी थीं। इसलिए मोहित गर्ग ने आईटीसी की नौकरी नहीं छोड़ी और नौकरी के साथ ही तैयारी शुरू कर दी।जब भी टाइम मिले मोहित पढ़ाई करते थे। रात 12 से 4 मोहित पढ़ते थे। बसों में ट्रेवल के दौरान मोहित पढ़ाई करते थे। चाहे तबीयत खराब हो या कोई भी परिस्थिति हो मोहित ने पढ़ाई का रूटीन बनाए रखा। कड़ी मेहनत के ही परिणाम स्वरूप पहले ही प्रयास में प्री,मेंस व इंटरव्यू क्रैक कर 249 वीं रैंक लाकर आईपीएस के लिए मोहित गर्ग चुन लिए गए।

प्रोफेशनल कैरियर:–

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मोहित गर्ग ने 2 सितंबर 2013 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात फील्ड ट्रेनिंग के लिए उन्हें कोरबा जिले में बतौर प्रशिक्षु आईपीएस पोस्टिंग मिली। कोरबा में वे बांकीमोंगरा थाना प्रभारी रहें। फिर वे बिलासपुर जिले में सिटी कोतवाली सीएसपी रहें। एडिशनल एसपी बीजापुर भी रहें। मोहित गर्ग गरियाबंद, बीजापुर,नारायणपुर, कबीरधाम, बलरामपुर–रामानुजगंज जिलों के पुलिस कप्तान रहें। वे कमांडेंट 14 वीं वाहिनी धनोरा बालोद के अलावा कमांडेंट 19 वीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल जगदलपुर के कमांडेंट, 16 वीं बटालियन नारायणपुर के कमांडेंट रहें।

मोहित गर्ग इकलौते ऐसे आईपीएस है जिन्हें तीन बार राष्ट्रपति वीरता पदक ( गेलेंट्री) से सम्मानित किया गया है। 2016 में मोहित गर्ग बीजापुर में एडिशनल एसपी थे। इस दौरान थाना बीजापुर के गांव कोकड़ा पारा तुमनार में पुलिस ने मओवादी विरोधी अभियान निकाला था। जिसका नेतृत्व मोहित गर्ग कर रहे थे। सर्चिंग के दौरान घात लगाकर बैठे मओवादियों ने पुलिस की टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस और मओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में 4 मओवादी मारे गए। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए थे। इस सफलता के बाद पुलिस कप्तान मोहित गर्ग को साल 2019 में राष्ट्रपति द्वारा 'पुलिस वीरता पदक' से नवाजा गया था।

इसी तरह साल 2017 में थाना बेदरे के गांव पदमेटा के जंगल में पुलिस ने मओवादी विरोधी अभियान शुरू किया। जिसका नेतृत्व मोहित गर्ग कर रहे थे। सर्चिंग के दौरान घात लगाकर बैठे मओवादियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में भी 2 माओवादी मारे गए। यहां भी पुलिस ने हथियारों का जखीरा जब्त किया था। जिसके बाद पुलिस कप्तान मोहित गर्ग को साल 2020 में राष्ट्रपति द्वारा 'पुलिस वीरता पदक' मिला था।

बीजापुर में पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान किए गए नक्सल ऑपरेशन के लिए मोहित गर्ग को तीसरी बार गेलेंट्री अवार्ड मिला।

बीजापुर में पदस्थापना के दौरान थाना भैरमगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत बोडगा के जंगल में उनके नेतृत्व में डीआरजी और एसटीएफ की टीम संयुक्त अभियान पर रवाना हुई थी। दिनांक 7 फ़रवरी सन 2019 को बोड़गा नाला के पास पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 5 पुरूष और 5 महिला सहित 10 माओवादी मार गिराए थे। साथ ही 11 नग कंट्रीमेड गन सहित विस्फोटक बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली थी। जिसके चलते उन्हें इसी वर्ष 26 जनवरी को राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।

मोहित गर्ग के कवर्धा में पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान दो समुदायों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और हिंसक संघर्ष हो गया था। पर पुलिस की सक्रियता से दंगे में किसी की जान नहीं गई और ना ही पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ। बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में भी पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान मोहित गर्ग राजनैतिक दबाव में नहीं आए। उनकी गिनती सख्त,कड़क मिजाज व नियमों तथा कानूनों के तहत काम करने वाले अफसरों में होती हैं। वर्तमान में मोहित गर्ग राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक हैं।

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