IPS GP Singh: IPS जीपी सिंह का प्रमोशन होने पर केंद्र से DG का एक अतिरिक्त पद मांगना पड़ेगा वरना खड़ा हो जाएगा पद का संकट

IPS GP Singh: आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह की वापसी और पीएचक्यू में ज्वाईनिंग के बाद पुलिस महकमे का समीकरण बदलता दिख रहा है। सबसे पहले दिक्कत डीजी के पद को लेकर आएगी। अगर अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन मिल जाता है तो फिर भारत सरकार से डीजी का एक टाईम बिइंग पोस्ट मांगनी पड़ेगी।

Update: 2024-12-30 08:27 GMT

IPS GP Singh

IPS GP Singh: रायपुर। आईपीएस जीपी सिंह की ज्वाईनिंग के बाद जाहिर है उनका जल्द ही प्रमोशन होगा। उनका डीजी प्रमोशन ड्यू है। इस साल 29 जून को डीजी के लिए डीपीसी हुई थी, उसमें 92 बैच के आईपीएस अफसर अरुणदेव गौतम और 94 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता को डीजी प्रमोटी किया गया था।

इसके बाद अक्टूबर में 92 बैच के पवनदेव को भी सरकार ने डीजी प्रमोट किया था। मगर 92 बैच में हिमांशु गुप्ता से बैचवाइज सीनियर होने के बाद भी जीपी सिंह इसलिए डीजी प्रमोट नहीं हो पाए कि उस समय तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आया था। जैसे ही तीनों को डीजी प्रमोशन हुआ, उसके पखवाड़े भर बाद सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया। जाहिर है, कैट ने जीपी सिंह के पक्ष में फैसला देते हुए भारत सरकार को आदेश दिया था कि उन्हें आईपीएस की सर्विस बहाल की जाए।

भारत सरकार कैट के फैसले के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत पहुंच गई थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने भी जीपी सिंह के पक्ष में ही फैसला दिया। इसके बाद भारत सरकार ने अगले दिन ही उनकी सेवा बहाल कर दिया।

चूकि छत्तीसगढ़ में डीजी के दो ही कैडर पोस्ट भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हैं। इसके अलावा दो एक्स कैडर होता है। याने डीजी के चार पद हुए। इनमें इस समय डीजीपी अशोक जुनेजा के साथ पवनदेव, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता हैं। खबर है, जीपी सिंह की विभागीय जांच समाप्त होने के तुरंत बाद उनका डीजी प्रमोशन किया जाएगा। मगर डीजी के चारों पद भरे हुए हैं।

लेकिन, 94 बैच में सीनियर होने के नाते जीपी सिंह को सरकार को डीजी प्रमोट करना पड़ेगा। ऐसे में, हिमांशु गुप्ता की परेशानी बढ़ेगी। जानकारों का कहना है कि पद से अधिक अगर अफसर प्रमोट हो गए हैं तो फिर नीचे वाले को रिवर्ट करना पड़ेगा।

हिमांशु गुप्ता को डीजी से एडीजी में रिवर्ट करना सरकार के भी धर्मसंकट का कारण बनेगा। क्योंकि, इसमें हिमांशु गुप्ता का कोई कसूर नहीं। प्रमोशन कमेटी ने उन्हें डीजी प्रमोट किया और उस आधार पर गृह विभाग ने उनका आदेश जारी किया।

अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ऐसी नौबत आएगी तो भारत सरकार से डीजी का एक निश्चित समय के लिए एक अतिरिक्त पद मांगा जाएगा। इससे समस्या का निराकरण हो जाएगा। केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं जाएगी।

वैसे पहले भी ऐसा हो चुका है। विश्वरंजन जब केंद्र से लौटकर छत्तीसगढ़ आए थे तो संतकुमार पासवान का डीजी पद खतरे में पड़ गया था। मगर रमन सरकार ने उनके लिए भारत सरकार से एक पद लिया था।

यद्यपि, उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, बावजूद इसके मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह ने प्रधानमंत्री स्व0 मनमोहन सिंह से बात कर एक अतिरिक्त पद स्वीकृत कराया था। बाद में वासुदेव दुबे के रिटायर होने पर पद खाली हुआ तो पासवान रेगुलर डीजी बन गए थे।

मगर छत्तीसगढ़ में दूसरी बार ये स्थिति तभी बनेगी, जब डीजीपी अशोक जुनेजा को बस्तर में नक्सलियों से सीधी लड़ाई के मद्देनजर और एक्सटेंशन दे दिया। अगर एक्सटेंशन नहीं मिला तो फिर एक पद 5 फरवरी को खाली होगा। ऐसे में फिर हिमांशु भी एडजस्ट हो जाएंगे। मगर अत्यधिक संभावना है कि जुनेजा को एक एक्सटेंशन और मिलेगा।

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