IPS Deepak Ranjan News: आईपीएस फ्रेश होते रहे, गनमैन और ड्राइवर गाड़ी लेकर निकल गए, दो किमी पैदल चलकर पहुंचे थाना...

IPS Deepak Ranjan News: आईपीएस फ्रेश होते रहे, गनमैन और ड्राइवर गाड़ी लेकर निकल गए, दो किमी पैदल चलकर पहुंचे थाना...

Update: 2025-05-31 11:03 GMT
IPS Deepak Ranjan News: आईपीएस फ्रेश होते रहे, गनमैन और ड्राइवर गाड़ी लेकर निकल गए, दो किमी पैदल चलकर पहुंचे थाना...
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IPS Deepak Ranjan News: पटना। कमांडेंट के पद पर बोधगया में तैनात 2012 बैच के आईपीएस दीपक रंजन पटना से बोधगया लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें प्रेशर आया और फ्रेश होने की जरूरत महसूस हुई। कमांडेंट ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ी रूकवाई और अपना मोबाइल गाड़ी में ही छोड़ फ्रेश होने चले गए। उन्हें छोड़ कर उनका ड्राइवर और दो सुरक्षाकर्मी गाड़ी लेकर आगे बढ़ गए। आईपीएस जब लौटे तो गाड़ी नहीं देखकर दो किलोमीटर पैदल चल कर नजदीकी थाने पहुंचे और मदद मांगी। इस गंभीर चूक के चलते आईपीएस के ड्राइवर और दो सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

Patana पटना। बिहार की राजधानी पटना से बोधगया जा रहे आईपीएस दीपक रंजन को उनके ड्राइवर और दो गनमैन ने पेट्रोल पंप पर छोड़ दिया और गाड़ी लेकर चले गए। आईपीएस किसी तरह दो किलोमीटर पैदल चलकर पास के थाने पहुंचे और मदद मांगी। जिसके बाद उन्हें बोधगया पहुंचाया गया। मामले में आईपीएस के ड्राइवर प्रदीप कुमार और दो सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

दीपक रंजन बिहार कैडर के 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह बिहार सशस्त्र सीमा बल की 3 री और 17वीं बटालियन में कमांडेंट के पद पर तैनात है। उनकी पोस्टिंग बोधगया में है। वे शासकीय कार्यवश राजधानी पटना के पुलिस मुख्यालय में गए हुए थे। वहां से वापसी के वक्त शौचालय जाने की जरूरत पड़ गई। जिसके चलते उन्होंने रास्ते में जहानाबाद के टेहटा में एक पेट्रोल पंप में उन्होंने अपनी गाड़ी रूकवाई और फ्रेश होने के लिए पेट्रोल पंप के पब्लिक टॉयलेट में चले गए। जहां पर गाड़ी रूकवाई गई वहां पर सड़क किनारे काफी अंधेरा था। आईपीएस के साथ उनके ड्राइवर प्रदीप कुमार और दोनों गनमैन भी उतरे थोड़ी देर इंतजार करने के बाद वे वापस गाड़ी में बैठ गए और मोबाइल चलाने लगे।

मोबाइल चलाते हुए तीनों इतने व्यस्त हो गए कि उन्हें यह ध्यान भी नहीं रहा कि उनके साथ आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें लेकर जाना है और उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी। आईपीएस दीपक रंजन जब बाथरूम से वापस आए तो उन्हें गाड़ी और अपना स्टाफ गायब मिला। उनका फोन और पर्स भी गाड़ी में ही था इसलिए वह ड्राइवर से संपर्क भी नहीं कर पाए। परेशान आईपीएस ने थोड़ी देर वहां पर इंतजार किया पर जब कोई जानकारी नहीं मिली तो वहां से पैदल ही रवाना हो गए। दो किलोमीटर पैदल चल कर टेहटा थाना पहुंचे। यहां उन्होंने थाना प्रभारी के मोबाइल से बोधगया स्थित बटालियन के कमांडेंट एवं अन्य अफसरों को जानकारी दी।

जहानाबाद थाने से आईपीएस का फोन आने पर उनके रीडर ने जब उनके बॉडी गार्ड और ड्राइवर को जब रीडर ने फोन किया तो उन्होंने बताया कि वह बोधगया में आईपीएस के निवास में पहुंचने वाले हैं और आईपीएस उनके साथ ही है। पर जब उन्हें सच्चाई बताई गई तो उनके होश उड़ गए और वह गाड़ी घुमा कर वापस आईपीएस को लेने के लिए रवाना हो गए। दूसरी तरफ दीपक रंजन को थाने की गाड़ी से बोधगया के लिए रवाना किया गया। रास्ते में दोनों गाड़ियों ने एक दूसरे को क्रॉस किया और आईपीएस थाने की गाड़ी छोड़ अपने गाड़ी में बैठ गए।

पूछताछ में बॉडी गार्ड और ड्राइवर ने बताया कि जहां गाड़ी खड़ी थी वहां अंधेरा था। वे लोग मोबाइल चलाने में इतने व्यस्त थे कि उन्हें लगा कि कमांडेंट साहब आकर गाड़ी में बैठ गए हैं और उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी। उन्हें ध्यान ही नहीं रहा कि कमांडेंट नहीं आए हैं। रीडर का फोन आने पर उन्हें पता चला। आईपीएस की सुरक्षा में इस तरह चूक को गंभीरता से लेते हुए उनके ड्राइवर प्रदीप कुमार और दो सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठाई गई है।

वही आईपीएस दीपक रंजन ने तीन निलंबन के बावजूद इस घटना को मामूली बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना माइनस सी घटना है गाड़ी उन्हें लेने के लिए वापस लौट कर आ गई थी इसे तवज्जो देने की जरूरत नहीं है और सस्पेंशन की भी एक सामान्य सी प्रक्रिया है। पर आईपीएस के द्वारा जिस घटना को सामान्य बताया जा रहा है उस घटना की चर्चा पूरे बिहार राज्य में हो रही है।

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