IAS Subodh Kumar Singh Biography in Hindi प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का बेटा कराएगा देश की टॉप परीक्षाएं, यहां से निकलेंगे मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के माहिर बच्चे

छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस सुबोध कुमार सिंह को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का महानिदेशक नियुक्त किया गया है.

Update: 2023-06-12 14:36 GMT

IAS Subodh Kumar Singh Biography in Hindi

रायपुर. एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक के बेटे को केंद्र सरकार ने देश की टॉप परीक्षाएं ऑर्गनाइज कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक की कमान सौंपी है. उस होनहार बेटे का नाम है, सुबोध कुमार सिंह. छत्तीसगढ़ कैडर के 1997 बैच के आईएएस सुबोध कुमार सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के हैं. केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय में वे एडिशनल सेक्रेटरी थे. उन्हें अब डायरेक्टर जनरल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) बनाया गया है.

सुबोध कुमार सिंह बेहद सामान्य परिवार में 15 अगस्त 1973 को पैदा हुए थे. उनके पिता प्राइमरी स्कूल के शिक्षक थे. हालांकि उनकी पढ़ाई-लिखाई और परवरिश में ऐसी कोई कमी नहीं रही. सुबोध बचपन से ही होनहार थे. उन्होंने इंजीनियरिंग करने की ठानी. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश के टॉप आईआईटी में से एक रूड़की से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पहले बीई, फिर एमई की डिग्री ली. बीई में वे डिस्टिंक्शन के साथ फर्स्ट डिवीजन से पास हुए. इसके बाद मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग में भी उन्होंने फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास की थी. इग्नू से उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए भी किया है.

1997 में जब सुबोध सिंह आईएएस बने तो उनके गांव से लगे आसपास के कई गांवों में युवाओं के लिए ऐसी प्रेरणा बने कि कई और होनहार यूपीएससी सलेक्ट होकर आईएएस बने थे. आईएएस अकेडमी में ट्रेनिंग के बाद सुबोध को 1998 में मंडला जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली थी. इसके बाद कोरिया के एसडीओ बनाए गए. छत्तीसगढ़ राज्य अलग हुआ, तब बस्तर के पहले जिला पंचायत सीईओ बने. 2002 में रायगढ़ कलेक्टर बनाए गए. इसके बाद मार्कफेड और नान के एमडी, पशु संचालनालय के डायरेक्टर रहे.


दो शहरों में सिटी बस शुरू करने का श्रेय

रायगढ़ में कलेक्टरी के बाद कुछ समय के लिए सुबोध सिंह डिरेल हुए उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2005 में रायपुर के कलेक्टर बनाए गए. इसके बाद बिलासपुर के कलेक्टर बने और बिलासपुर के बाद फिर से रायपुर के कलेक्टर बनाए गए. दोनों जिलों में सिटी बस सेवा शुरू करने का श्रेय उन्हें जाता है. रायपुर कलेक्टर से उन्हें हाउसिंग बोर्ड का कमिश्नर बनाया गया. जून 2009 में वे मुख्यमंत्री सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी बने. इसके बाद 2018 तक रहे. इस बीच सीएम सचिवालय के कामकाज को तकनीकी से जोड़ने से लेकर जनदर्शन के सिस्टम को पारदर्शी बनाने का श्रेय उन्हें जाता है.

बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी हुई हाईटेक

2009 में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल को भंग कर पांच कंपनियां बना दी. डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी सीधे तौर पर उपभोक्ताओं यानी लोगों से जुड़ी थी. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने का लाभ उठाते हुए सुबोध सिंह ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया. लोग लाइन में खड़े होकर बिजली का बिल पटाते थे, उसे पहले एटीपी मशीन, फिर ऑनलाइन पेमेंट से जोड़ा. शिकायत करने के लिए भी टोल फ्री नंबर की शुरुआत की गई. बिजली मीटर के लिए आवेदन करने के बाद कनेक्शन जोड़ने के तरीके को ज्यादा पारदर्शी और फ्रेंडली बनाया गया, जिससे आवेदन करने के बाद कम से कम समय में कनेक्शन मिल सके. खनिज विभाग में भी ऑनलाइन नीलामी का रिकॉर्ड बनाया था.

ये परीक्षाएं कराती है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी

जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE)

कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (CMAT)

यूजीसी नेशनल एलिजिबिलिटी लेस्ट (UGC NET)

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (JNU Entance Test)

आईसीएआर ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जामिनेशन

होटल मैनेजमेंट जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन

स्टडी वेब ऑफ एक्टिव लर्निंग बाइ यंग एंड एस्पायरिंग माइंड्स

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET)

ग्रेजुएट फॉर्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट आईआईएफटी एंट्रेंस एग्जामिनेशन

जॉइंट सीएसआईआर नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट

दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट

एनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग

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