आईएएस अफसर ने दिया इस्तीफा स्वास्थ्य का दिया हवाला, रिटायरमेंट में 8 साल बाकी
लखनऊ । स्वास्थ्य गत कारणों का हवाला दे यूपी कैडर के एक और आईएएस ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है। रिटायरमेंट से 8 साल पहले 2005 बैच के आईएएस गुरराला श्रीनिवासुलु ने वीआरएस मांगा है। श्रीनिवासुलु 2013 में निलंबित भी हो चुके हैं। वे दो महीनों के ही अंतराल में सेवा से पृथक होने के लिए आवेदन देने वाले यूपी कैडर के पांचवे आईएएस अफसर है। कल मंगलवार को उन्होंने अपना वीआरएस आवेदन अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी को भेजा है।
2005 बैच के आईएएस जी श्रीनिवासुलु 2020 से 6 सितंबर तक विशेष सचिव वित्त के पद पर कार्यरत थे। 6 सितंबर को एक आदेश जारी कर उन्हें विशेष सचिव राजस्व के पद पर भेजा गया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बताते हुए वीआरएस मांगा है। दो माह के अंतराल में वीआरएस मांगने वाले या इस्तीफा देने वाले वे पांचवे आईएएस है। उनसे पहले आईएएस अफसर जूथिका पाटकर, रेणुका कुमार , विकास गोठवाल और विद्याभूषण ने भी वीआरएस मांगी है। नियम है कि 30 साल या 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले आईएएस को ही राज्य सरकार वीआरएस दे सकती है।ये दोनों शर्ते पूरी न होने पर मामला केंद्र को संदर्भित किया जाता है।
आईएएस गुरराला श्रीनिवासुलु मूलतःआंध्रप्रदेश के कुरनूल जिले के रहने वाले है। यूपी कैडर चुनने के बाद श्रीनिवासुलु की पहली पोस्टिंग एडीएम जौनपुर के रूप में हुई थी। वे 2009 से 12 तक हमीरपुर जिले के कलेक्टर भी रहे थे। 2016 से 2020 तक वे अपने गृहराज्य आंध्रप्रदेश में इंटर स्टेट कैडर डेपुटेशन पर थे। वहां से वापसी के बाद 2020 से वे विशेष सचिव वित्त के पद पर थे। 6 सितंबर को उन्हें विशेष सचिव राजस्व बना कर भेजा गया। जुलाई 2030 में उनका रिटायरमेंट हैं। उस लिहाज से उन्होंने रिटायरमेंट के पहले ही वीआरएस के लिए आवेदन दे दिया है।
इनके पहले इस्तीफा देने वाले अफसर जूथिका पाटणकर और विकास गोठवाल के वीआरएस आवेदन पर सरकार ने सहमति दे दी है। किसी आईएएस के इस्तीफा देने पर कार्मिक विभाग इनकी सारी पोस्टिंग वाले जिलों व विभागों से एनओसी मंगवाता है। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विकास गोठवाल का कार्यकाल फरवरी 2038 तक था। उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा भिजवा दिया था। गोठवाल व पाटणकर के वीआरएस पर सहमति बन चुकी है, जल्द ही उनका इस्तीफा स्वीकृत कर लिया जाएगा। जबकि रेणुका कुमार को वीआरएस देने के लिए एक भी विभाग से अनुमति अभी तक नही मिली है। इसी तरह विद्याभूषण का इस्तीफा भी प्रारंभिक चरण में है।