IAS Kunal Dudawat: कोरबा को ठीक करने सरकार ने भेजा धाकड़ एवं प्रैक्टिल कलेक्टर, कांग्रेस शासन काल में भी कर डाले कई बड़े काम

IAS Kunal Dudawat: पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को हटाकर अंबिकापुर का कलेक्टर बना दिया है। मगर उनकी जगह कोरबा में ऐसे तेज-तर्रार कलेक्टर भेजा गया है, जो डीएमएफ में उल्टा-सीधा काम करने वाले लोगों को भारी पड़ेगा। नए कलेक्टर को नेताओं को हैंडिल करना बखूबी आता है। कांग्रेस शासन काल में उन्होंने करिश्माई अंदाज में कई बड़े काम कर डाले थे।

Update: 2025-12-16 13:05 GMT

IAS Kunal Dudawat: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आज शाम 11 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए, उसमें छह जिलों के कलेक्टर भी बदले गए। इनमें सबसे बड़ा झटका लगा अंबिकापुर कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपन को। उन्हें कलेक्टर से हटाकर सबसे कम महत्व की पोस्टिंग अतिरिक्त निर्वाचन पदाधिकारी की पोस्टिंग दी गई है। 2019 बैच की नम्रता जैन और अमित कुमार की कलेक्टरी की पारी प्रारंभ हो गई है। नम्रत को नारायणपुर और अमित को सुकमा का कलेक्टर बनाया गया है।

इनमें सबसे अहम जिम्मेदारी दी गई है 2017 बैच के कलेक्टर कुणाल दुदावत को। कुणाल को दंतेवाड़ा से बुलाकर कोरबा जिले का कलेक्टर बनाया गया है। कलेक्टरी के तौर पर कुणाल का यह तीसरा जिला होगा। पहला जिला उनका कोंडागांव रहा, उसके बाद दंतेवाड़ा और वहां से आठ महीने बाद कोरबा जैसे बड़े और चुनौतीपूर्ण जिले का डीएम।

कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत बसंत पिछले तीन-चार महीने से काफी चर्चाओं में रहे। पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने उन्हें हटाने के लिए धरना दे दिया था। कंवर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने रायपुर भी आ गए थे। ये अलग बात कि उससे पहले ही उन्हें रोक लिया गया। इस पर भी काफी बवाल मचा था। बताते हैं, अजीत बसंत हैं ईमानदार, साफ-सुथरी छबि के मगर व्यवहारिक नहीं है। इसलिए, बुजुर्ग पूर्व मंत्री के साथ उनकी तलवारें खींच गई थी। चूकि अजीत की छबि अच्छी है, सरकार उन्हें यकबयक हटाकर ये नहीं दिखाना चाहती थी कि बिना सिर पैर के आरोपों पर किसी कलेक्टर को बलि का बकरा बना दिया जाए।

बहरहाल, सरकार ने अजीत बसंत को कोरबा से हटाकर अंबिकापुर भेज दिया है। उनकी जगह कुणाल कोरबा की कलेक्टर संभालेंगे। कुणाल की खासियत यह है कि जिस जगह रहे, उन्होंने रिजल्ट ओरियेंटेड काम करके अपनी अलग पहचान कायम की।

कांग्रेस काल में आउटस्टैंडिंग काम

पिछली कांग्रेस सरकार में अफसर जब काम का माहौल न होने की बात करते थे, तब कुणाल दुदावत ने बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर रहते शहर को चमका दिया। बड़े प्रभावशाली उद्योगपतियों से लोहा लेते हुए 70 साल पुराने अवैध कब्जे को उन्होंने तोड़वाकर तीन किलोमीटर लंबी नई सड़क बनवा दी। जिस जमीन पर बिलासपुर से मुंगेली, कवर्धा होते जबलपुर तक रेलवे लाईन बिछनी थी, उस जमीन पर शहर के धनाढ्य व्यापारियों ने कब्जा कर आलीशान हवेलियां खड़ी कर ली थी। इसके लिए उन्हें एक बड़े वर्ग से नाराजगी मोल ली, कुछ बड़े नेताओं के घर जाकर उन्हें कंविंस किया। हाई कोर्ट भी जाना पड़ा। हाई कोर्ट में वे खुद भी पेश हुए और फैसला नगर निगम के पक्ष में आया। ये वो दौर था, जब दो-चार परसेंट को छोड़ दें तो पूरी ब्यूरोक्रेसी बैकफुट पर थी। उनके कामों को लेकर बिलासपुर के लोग आज भी कुणाल दुदावत की याद करते हैं।

कुणाल के नाम पर मुहर

कोंडागांव के कलेक्टर रहने के दौरान उन्होंने पर्यटन के कई सेंटर बनवाए। खासकर टाटामारी में आज चित्रकोट के बाद सबसे अधिक पर्यटक आते हैं, उसे कुणाल ने ही शेप दिलावाया। उन्होंने वहां ऐसी प्लानिंग की कि आज दूसरे प्रदेशों से लोग टाटामारी आ रहे हैं। हालांकि, दंतेवाड़ा में आठ महीने ही रह पाए। मगर बस्तर और छत्तीसगढ़ की अब तक की सबसे भयावह आई बाढ़ में जिस शिद्दत से वे लोगों के साथ 48 घंटे फील्ड में डटे रहे, उससे बाढ़ से जैसी तबाही होनी थी, वो नहीं हो पाई। सरकार ने इसे नोटिस किया। दंतेवाड़ा में उन्हें कंटीन्यू करने की योजना थी मगर कोरबा में अजीत बसंत को रिप्लेस करना था। सरकार को कोरबा में ऐसा कलेक्टर चाहिए था, जो वहां के माफियाओं को कंट्रोल कर सकें। इसके लिए दो नाम चर्चा में थे। एक रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और दूसरे कुणाल दुदावत। इनमें से कुणाल के नाम पर मुहर लग गया।

जानिए कौन है IAS कुणाल दुदावत

कुणाल दुदावत छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। वे मूलतः राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर के रहने वाले है। आईआईटीआई मुंबई से पढ़ाई कर देश व विदेश में मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब किया। फिर यूपीएससी क्रैक कर तीसरे प्रयास में आईएएस बने। वह भारतीय वन सेवा व भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित हुए थे। आइए जानते हैं उनके बारे में...

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