IAS Kriti Raj Biography in Hindi: आईएएस कृति राज का जीवन परिचय...

IAS Kriti Raj Biography: इस कृति राज 2021 बैच की उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अफसर है। उत्तरप्रदेश उनका गृहराज्य है। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने 2020 यूपीएससी में 106 रैंक लाकर सफलता हासिल की। यूपीएससी में चयन से पहले वह एनजीओ भी चलाती थीं।

Update: 2024-03-13 15:37 GMT

IAS Kriti Raj Biography: आईएएस कृति राज उत्तरप्रदेश कैडर की 2021 बस की आईएएस अफसर है वर्तमान में फिरोजाबाद जिले के सदर में एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं। 2020 यूपीएससी उन्होंने 106 रैंक के साथ क्रेक किया था। दीदामई स्थित शकीला नईम स्वास्थ्य केंद्र में घूंघट ओढ़ हो सामान्य मरीज बन छापा मारने के मामले में देश भर में वर्तमान में कृति राज चर्चित हो गईं है।

कृति राज मूलतः बांदा जिले की रहने वाली है। पर उनका परिवार झांसी जिले में आकर बस गया है। वह झांसी शहर के मिशन कंपाउंड सर्वनगर कॉलोनी की रहने वाली है। उनके पिता राजेंद्र कुमार ग्रासलैंड के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनकी माता सरोज गौड़ गृहणी है। उनका एक भाई कुशाग्र राज है। जो वर्तमान में आयरलैंड में सॉफ्टवेर इंजीनियर है।

उत्तर प्रदेश के झांसी में ही कृति राज का जन्म हुआ। उन्होंने स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक झांसी से ही पूरी की और यूपीएससी की तैयारी भी झांसी में ही रहकर की। उनकी प्रारंभिक स्कूलिंग सेंट फ्रांसिस कान्वेंट स्कूल झांसी से हुई। फिर उन्होंने जय अकादमी से 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास की। कृति राज ने बीआईईटी ( बुन्देलखण्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी झांसी से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली। बीटेक उन्होंने 2014 में पूरा किया। जिसके बाद प्राइवेट सेक्टर की नौकरी ना कर कल्पवृक्ष वेलफेयर फाउंडेशन नामक एनजीओ की स्थापना की। इसके माध्यम से महिलाओं व बच्चों के उद्धार के काम किए जाते थे। उन्होंने झांसी की मलिन बस्तियों में जाकर समाज सेवा के कार्य किए। इस दौरान उन्हें लगा कि वृहद रूप से समाज सेवा करने के लिए सिविल सेवा एक अच्छा जरिया हो सकता है। इसलिए उन्होंने यूपीएससी की सेल्फ स्टडी झांसी में रहकर ही शुरू कर दी। 2017 में यूपीएससी का अपना पहला प्रयास दिया। सफल नहीं होने पर 2018 में दूसरा प्रयास दिया। सफलता नहीं मिलने पर जोर शोर से तैयारियों में एक बार फिर जुट गई।

कृति राज ने लोक प्रशासन विषय को अपना वैकल्पिक विषय बनाया था। उन्होंने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी की। दिल्ली जाकर कोचिंगो के नोट्स लाकर कृति तैयारी करती थी। उन्होंने टेस्ट सीरिज भी ज्वॉइन किया। कृति रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई करती थी। कोरोना की पहली लहर के दौरान उनके पिता अस्पताल में भर्ती हो गए और मां कोरोना की चपेट में आकर होम क्वारेंनटाईन हो गयी। परिवार को सम्हालते हुए कृति ने अपनी तैयारी जारी रखी। 2020 का मेंस एक्जाम का सेंटर कृति को भोपाल में मिला था। इस दौरान कोरोना के चलते भोपाल में लॉक डाउन था। किसी तरह कृति होटल स्टाफ की मदद से एक्जाम सेंटर में पहुंच एक्जाम दिलाती थीं।

2020 यूपीएससी का मेंस निकाल कर वे इंटरव्यू पहुंची। उनका इंटरव्यू लगभग 25 मिनट चला। बोर्ड मेंबर्स ने जब उन्हें पूछा कि आपने लंच किया है या नहीं तब कृति ने शानदार जवाब देते हुए कहा कि वे केवल सुबह का नाश्ता कर के आयीं हैं। उनके मासूम जवाब पर सभी बोर्ड मेंबर्स को हंसी आ गई। फिर दोस्ताना माहौल में इंटरव्यू पूरा हुआ। उनसे उनके एनजीओ और पर्यावरण परिवर्तन के बारे में भी प्रश्न पूछे गए। उनकी भविष्य की योजना के बारे में भी प्रश्न पूछा गया। जिस पर कृति ने स्पष्ट किया कि चयन ना होने पर भी वे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी नही करेंगी। एनजीओ का काम ही आगे बढ़ाएंगी। 2020 यूपीएससी में उनका 106 रैंक आया और 2021 बैच आईएएस का मिलने के साथ होम कैडर एलॉट हुआ।

Tags:    

Similar News