Former IAS Mohinder Singh ED Raid: कौन है पूर्व IAS मोहिंदर सिंह, जिनके घर से मिले 12 करोड़ के हीरे, सोना और कैश, ED के छापेमारी में काली कमाई का भंडाफोड़

Former IAS Mohinder Singh ED Raid: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन रहे मोहिंदर सिंह (IAS Mohinder Singh) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने रेड डाली है.

Update: 2024-09-19 10:20 GMT

Former IAS Mohinder Singh ED Raid: नोएडा प्राधिकरण भूमि घोटाला मामले में बुधवार सुबह से ईडी की टीम दिल्ली, मेरठ, नोएडा और चंडीगढ़ सहित देश की दर्जन भर ठिकानों पर छापेमारी की है. यूपी कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन रहे मोहिंदर सिंह (IAS Mohinder Singh) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने रेड डाली है. 

ईडी ने हैसिंडा प्रॉजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और उनके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापा मारा. जिसमे रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह भी शामिल है. मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास और उनके सहयोगी  मेरठ निवासी आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के पांच ठिकानों पर छापा मारा गया है.

इस छापेमारी के दौरान एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये की हीरे, सात करोड़ रुपये कीमत के सोने के जेवरात मिले है. इसमें सात करोड़ के हीरे चंडीगढ़ स्थित आवास से मिले हैं. इसके साथ ही मोहिंदर सिंह के खिलाफ कई अहम् दस्तवेज ईडी के हाथ लगे हैं. छापेमारी में कंपनी के निदेशकों के छह बैंक लॉकरों का भी पता चला है. जिनकी जांच की जा रही है. 

कौन है आईएएस मोहिंदर सिंह 

पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह उत्तरप्रदेश कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मोहिंदर सिंह 31 जुलाई 2012 को वह रिटायर हुए. मोहिंदर सिंह उन्‍होंने 1977 में यूपीएससी सिविल परीक्षा पास की थी. मोहिंदर सिंह उत्तरप्रदेश के तेजतर्रार और सबसे ताकतवर अफसर में गिरे जाते थे. बसपा की सरकार यानी तत्कालीन सीएम मायावती के बेहद करीबी मानी जाते थे. मायावती शासन के दौरान उन्होंने कई अहम् पद संभाले हैं.

मोहिंदर सिंह नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी का सीईओ रह चुके हैं. इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन और प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं. मोहिंदर सिंह इन दोनों ही पदों पर पूरे पांच साल तैनात रहे थे. 

क्या है मामला 

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी में सीईओ के रहने के दौरान पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मायावती सरकार के दौरान हुए 9000 करोड़ रुपये के नोएडा प्राधिकरण भूमि घाटोले मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल थे. अपने पद का इस्तेमाल करते हुए मोहिंदर सिंह ने अफसरों ,  राजनेताओं और बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद की थी.  

इन्ही में से हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड की लोटस 300 परियोजना थी.जिसके लिए मोहिंदर सिंह ने हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को जमींन प्रदान की थी. जिसके बदले उन्होंने करोड़ों लिए थे. जिसे लेकर ईडी की टीम जांच कर रही है. वहीँ नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों व पार्कों के निर्माण में 14 अरब रुपये के घोटाले में भी  मोहिंदर सिंह का नाम आ चूका है. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगीनाथ ने जाँच के आदेश दिए थे. इसके अलावा  मोनिंदर सिंह का नाम सुपरटेक और आम्रपाली बिल्‍डर घोटाले मामले में सामने आया था. सुपरटेक के विवादित ट्विन टावर मामले में 26 अधिकारियों पर दोषी पाया गया था. जिसमे मोनिंदर सिंह समेत नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारियों थे. 

Tags:    

Similar News