DGP Salection 2024: छत्तीसगढ़ में डीजीपी पद के दावेदार: देखिये... 2 प्रमुख दावेदारों का सर्विस रिकार्ड
DGP Salection 2024: छत्तीसगढ़ के मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो जाएगा। ऐसे में राज्य के नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है।
DGP Salection 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा का दो साल का कार्यकाल अगले महीने ४ अगस्त को कंप्लीट हो जाएगा। ऐसे में राज्य के अगले डीजीपी के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस पद के दावेदारों में दो प्रमुख नाम अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता है। गौतम 1992 और गुप्ता 1994 बैच के आईपीएस हैं। 2 दिन पहले ही दोनों अफसरों को एडीजी से डीजी रैंक पर पदोन्नत किया गया है।
डीजीपी पद के दावेदार दोनों अफसरों का सर्विस रिकार्ड
नाम | अरुण देव गौतम | हिमांशु गुप्ता |
उम्र | 57 वर्ष | 55 वर्ष |
बैच | 1992 | 1994 |
शिक्षा | एमए, एमफिल | बीई इलेक्ट्रॉनिक्स |
राज्य निर्माण के बाद पोस्टिंग | ||
एसपी | कोरिया,रायगढ़, जशपुर, राजनंदगांव, सरगुजा, बिलासपुर | दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा धमतरी, कोरबा, जगदलपुर |
अन्य पोस्टिंग | सचिव गृह विभाग , ओएसडी | संचालक तकनीकी शिक्षा |
आईजी | छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स बिलासपुर रेंज बस्तर रेंज रेलवे, प्रशिक्षण, भर्ती और यातायात | सरगुजा रेंज बस्तर रेंज दुर्ग रेंज |
एडीजी | जेल और परिवहन नगर सेना, अग्निशमन सेवा लोक अभियोजन | दुर्ग रेंज, गुप्तवार्ता प्रशासन और भर्ती |
गौतम और गुप्ता के अलावा ये भी हैं दावेदार
चूकि भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 25 साल का नियम बना दिया है, सो पेनल में 25 साल की सर्विस वाले सभी अफसरों के नाम भेजे जाएंगे यूपीएससी को। वहां मीटिंग में तय होगा कि आखिरी किन तीन नामों को पेनल फायनल कर यूपीएससी राज्य को भेजे। राज्य सरकार फिर उन तीन नामों में से किसी एक पर टिक लगाकर डीजीपी अपाइंट करेगी। इस समय अशोक जुनेजा के बाद सीनियरिटी में चार नाम ऐसे हैं, जिनकी सर्विस 30 साल पूरी हो गई है। उनमें पवनदेव, अरुणदेव गौतम, हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी शामिल हैं। पवनदेव की जांच की वजह से डीजी प्रमोशन का लिफाफा बंद हो गया है। ऐसे में उनका नाम पैनल में नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ में चूकि 25 साल की सेवा वाले अफसरों के नाम ज्यादा नहीं, लिहाजा गृह विभाग सभी का नाम भेजेगी। इनमें अरुणदेव गौतम 92 बैच, हिमांशु गुप्ता 94 बैच, एसआरपी कल्लूरी 94 बैच, प्रदीप गुप्ता 95 बैच, विवेकानंद 96 बैच, दिपांशु काबरा 97 बैच और अमित कुमार 98 बैच। इन नामों में से तीन का पेनल फायनल कर यूपीएससी भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजेगी। फिर वहां से लेटर राज्य सरकार को आएगा। राज्य सरकार उसमें से किसी को डीजीपी अपाइंट करेगी।
डीजीपी पद के लिए योग्यता
यद्यपि डीजीपी बनने के लिए 30 बरस की सेवा जरूरी है। इससे पहले स्पेशल केस में एकाध साल पहले भारत सरकार डीजीपी बनाने की अनुमति दे सकती है। छोटे राज्यों में जहां आईपीएस का कैडर छोटा होता है, सो वहां अफसर मिल नहीं पाते। इसको देखते भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 30 साल की सर्विस की जगह 25 साल कर दिया है। मगर बड़े राज्यों के लिए यह प्रासंगिक नहीं है। क्योंकि, जब 30 साल की सेवा वाले उपर में कई अफसर हैं तो फिर नीचे के अफसर को कैसे डीजीपी बनाया जा सकता है।
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