विवाहित होने के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता, बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Update: 2021-11-21 10:03 GMT

बिलासपुर, 21 नवंबर 2021। एसईसीएल द्वारा विवाहित पुत्री होने के कारण आवेदका गिरजा बाई को आश्रित रोजगार देने से इनकार करने के आदेश को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया और निर्देशित किया की मात्र विवाह के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता l उसे अन्य अर्हता पूरी करने पर अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होंगी l कोल् इंडिया मे कर्मचारी की मृत्यु पर आश्रित रोजगार/अनुकम्पा निययुक्ति का प्रावधान हैँ गिरजा बाई के पिता स्वर्गीय  गोपाल एसईसीएल के अंतर्गत कार्यरत थे उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी पुत्री गिरजा बाई ने अनुकंपा नियुक्ति/ आश्रित रोजगार हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिसे SECL ने यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि कोल् वेज एग्रीमेंट(NCWA नेशनल कोल् वेज एग्रीमेंट) के अनुसार विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है उक्त आदेश को उन्होंने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी एवं बताया कि मात्र विवाह के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता एवं पूर्व में आशा पांडे के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय ने निर्णय किया है कि विवाहित पुत्री भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है प्रकरण की सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय मे न्यायमूर्ति  p sam koshy ने विवाहित पुत्री को अपात्र करने के आदेश को निरस्त करते हुए निर्णित किया कि मात्र विवाह के आधार पर याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित ना किया जाए एवं NCWA की अन्य अर्हता पूरी होने पर उसे अनुकंपा नियुक्ति / आश्रित रोजगार दी जाये l

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