Chhattisgarh News: सीएम विष्णुदेव लेंगे आज शाम कलेक्टर, कमिश्नर की बैठक, इमरजेंसी मीटिंग से चौंके अफसर...

Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज शाम कलेक्टर, कमिश्नर की वीडियो क्रांफ्रेंसिंग करने जा रहे हैं। वे अहम मुद्दों पर अफसरों से बात करेंगे और योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेंगे। सीएम के वीसी का अचानक आए कार्यक्रम से कलेक्टर, कमिश्नर हतप्रभ हैं।

Update: 2025-08-12 05:44 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बिलासपुर दौरे पर रहेंगे। दिन भर वहां विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद शाम चार बजे रायपुर लौटेंगे। वहां से लौटने के बाद वे कलेक्टर, कमिश्नर की वीडियोकांफें्रसिंग करेंगे।

मुख्यमंत्री का आज सुबह जो कार्यक्रम जारी हुआ था, उसमें कलेक्टर, कमिश्नर की वीडियोकांफ्रेंसिंग का कोई जिक्र नहीं था। उसे देखकर लोगों को लगा कि दिन भर की बिलासपुर की थकाउ दौरे के बाद हो सकता है कि मुख्यमंत्री शाम को कोई कार्यक्रम न लें। मगर मुख्यमंत्री सचिवालय ने कमिश्नरों और कलेक्टरों के नाम सूचना जारी कर दिया कि मुख्यमंत्री 12 अगस्त को शाम चार बजे वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से योजनाओं की समीक्षा करेंगे।

ये होंगा एजेंडा

मुख्यमंत्री सचिवालय के नोट के अनुसार एजेंडा में सबसे पहले नंबर पर है छत्तीसगढ़ का रजत महोत्सव का आयोजन। उसके बाद फिर हर घर तिरंगा, राजस्व विभाग में ई-कोर्ट, न्यायालयों में प्रकरणों का त्वरित निराकरण, एग्रीस्टेक के माध्यम से अधिक से अधिक किसान पंजीयन एवं फार्मर आईडी का निर्माण, खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण 15 अगस्त से शुरू कर 30 सितंबर तक पूर्ण करना। सीएम सचिवालय ने कलेक्टर, कमिश्नरों से कहा है कि बैठक में पूर्ण जानकारी लेकर उपस्थित हों।

सुशासन तिहार के बाद पहली मीटिंग

मई में समाधान शिविर के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूरे प्रदेश का दौरा किया था। इसके साथ ही जिलों में चल रही योजनाओं का उन्होंने समीक्षा भी किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री पहली बार कलेक्टरों की मीटिंग ले रहे हैं। जाहिर है, मुख्यमंत्री जिलों का दौरा कर स्थितियों को समझ चुके हैं। सो, अब वे आंकड़ों पर बात करेंगे। कोई कलेक्टर और कमिश्नर अब मुख्यमंत्री को गुमराह नहीं कर पाएगा। क्योंकि, उन्हें अब सबके बारे में पता है। मुख्यमंत्री सचिवालय भी अटल पोर्टल के जरिये जिलों के सारे डेटा अब अपने पास अपडेट रखता है। ऐसे में, जिन जिलों में योजनाओं की स्थिति खराब होगी, उन जिलों के कलेक्टर और कमिश्नरों की क्लास भी लग सकती है।

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