संयम और अनुशासन का मॉकड्रिल: प्रदर्शनकारियों को रोकने राजधानी पुलिस ने एक दिन पहले किया मॉकड्रिल...BJP के रणनीतिकारों को किया मायूस

Update: 2022-08-24 17:07 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी और बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ बुधवार को भाजपा युवा मोर्चा की तरफ से हल्ला बोल विरोध प्रदर्शन किया गया। भूपेश सरकार के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा और भाजपा का अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है। इस प्रदर्शन में प्रदेश के अलग अलग जिलों से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता राजधानी पहुँचे। विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए पुलिस ने पहले ही कमर कस ली थी। इसके लिए एक दिन पहले ही पुलिस कर्मियों को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मॉकड्रिल कर ट्रेनिंग दी गई। पुलिस अधिकारियों के देखरेख में पुलिस जवानों ने लगभग 2 घण्टे तक मॉकड्रिल किया। उन्हें रस्सी का प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने, हाथ में लिए हुए डंडे का प्रयोग किस तरह करना है, इसकी भी ट्रेनिंग दी गई। रोड पर बने बैरिकेड के पास भी पुलिस जवानों को ले जाकर स्पॉट में भी ट्रेनिंग दी गई। मॉकड्रिल में बिना बल प्रयोग किये ही प्रदर्शनकारियों को रोकने की ट्रेनिंग दी गई, जिसका असर भी प्रदर्शन में देखने को मिला। प्रदर्शनकारी पुलिस बल से धक्का मुक्की, झूमा झटकी कर बैरिकेड तोड़कर सीएम हाउस तक पहुँच गए, लेकिन पुलिस कर्मियों ने बिना बल प्रयोग किये ही उन्हें रोकने में सफल रहे। सम्भवतः पहला मौका है जब इतने बड़े प्रदर्शन में पुलिस कर्मियों ने बल का प्रयोग न किया हो। संयम, सावधानी, अनुशासन और चतुराई से प्रदर्शनकारियों को रोकने में सफल रहे।

इससे प्रदर्शनकारी भले ही मुख्यमंत्री निवास तक लगभग पहुंचने में कामयाब हो गए, मगर वो नहीं हो पाया, जिसके लिए भाजपा कार्यकर्ता विभिन्न वीडियो में पुलिस को उकसाते रहे। लिहाजा, भाजपा ने अपनी ताकत तो दिखाने में कामयाब रही, मगर पार्टी का सिर्फ यही उद्देश्य नहीं था। बताते हैं, भाजपा की कोशिश थी कि 2002 की पुनरावृति हो जाए, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा के प्रदर्शकारियों पर लाठी चलवा दी थी। इसमें नंदकुमार साय का पैर टूट गया था, तो तब के भाजयुमो अध्यक्ष शिवराज सिंह को जान बचाने दीवार फांदना पड़ा था। उसी के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा के पक्ष में एक वेव आया।

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