Biography of IAS P. Narhari in Hindi: जानिए कौन हैं आईएएस पी. नरहरि, पढ़े- आईएएस पी. नरहरि का हिंदी में जीवन परिचय

Biography of IAS P. Narhari in Hindi: मध्‍य प्रदेश सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना में शामिल लाडली लक्ष्‍मी योजना की स्क्रिप्‍ट भी पी. नरहरि ने ही लिखी है। पी. नरहरि के पिता दर्जी का काम करते थे। गरीब परिवार से आने वाले नरहरि आज हजारों युवाओं के प्ररेणा स्रोत हैं। सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वालों को मोटिवेट करते हैं और तैयारी में भी मदद करते हैं। वे लेखक भी हैं। अब तक कई किताबें और गीत लिख चुके हैं।

Update: 2024-02-02 07:06 GMT

Biography of IAS P. Narhari in Hindi: एनपीजी डेस्‍क

परिकिपांडला नरहरि देश के उन चुनिंदा आईएएस अफसरों में शामिल हैं जिनकी काम ही उनकी पहचान हैं। मध्‍य प्रदेश कैडर के आईएएस परिकिपांडला नरहरि, पी. नरहरि के नाम से पहचाने जाते हैं। इंदौर को क्‍लीन सिटी बनाने से लेकर कई योजनाओं में उनकी महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। मध्‍य प्रदेश सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना में शामिल लाडली लक्ष्‍मी योजना की स्क्रिप्‍ट भी पी. नरहरि ने ही लिखी है। पी. नरहरि के पिता दर्जी का काम करते थे। गरीब परिवार से आने वाले नरहरि आज हजारों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वालों को मोटिवेट करते हैं और तैयारी में भी मदद करते हैं। वे लेखक भी हैं। अब तक कई किताबें और गीत लिख चुके हैं।


अश्‍लील वाट्स एप चैट की वजह से चर्चा में

पी. नरहरि वर्तमान में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव हैं, लेकिन फिलहाल अश्‍लील वाट्स एप चेट की वजह से चर्चा में हैं। पी. नरहरि ने वायरल हो रहे इस चैट को को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें उन्‍होंने इसे षडयंत्र करार देते हुए कहा है कि इसे बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध साजिश बताया है। भोपाल क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है।

पी नरहरि का सर्विस रिकार्ड

पी नरहरि 2001 बैच के आईएए हैं। वर्तमान में वे सचिव हैं। आईएएस की सेवा में आने के बाद उन्‍हें मध्‍य प्रदेश कैडर मिला। एमपी में उनकी पहली पदस्‍थापना 2002 में सहायक कलेक्टर के रुप में छिंदवाड़ा हुई। 2003 में ग्वालियर में एसडीओ (राजस्व) और एसडीएम डबरा रहे। 2004 में वे इंदौर पहुंच गए, जहां वे एसडीओ (राजस्व) और एसडीएम मह के साथ सहायक कलेक्टर और सिटी मजिस्ट्रेट, मुरार बने। सरकार ने 2005 में इंदौर नगर निगम का आयुक्त पदस्‍थ किया। 2006 उन्‍हें भोपाल बुला लिया गया और उप सचिव के रुप में परियोजना निदेशक आईसीडीएस और आईएफएल प्रबंध निदेशक डब्ल्यूएफडीसी और महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्‍मेदारी दी गई। 2007 में उनका ट्रांसफर छिंदवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रुप में हुआ।

2007 में वे कलेक्‍टरी का मौका मिला। उन्‍हें सिवनी जिला का कलेक्‍टर बनाया गया। इसके बाद 2009 में वे सिगरौली और 2011 में ग्‍वालियर कलेक्‍टर बनाए गए। 2015 में सरकार ने उन्‍हें इंदौर जिला का कलेक्‍टर नियुक्‍त किया। 2017 में उन्‍हें देश के 10 सबसे पॉपुलर आईएएस अधिकारियों में भी शामिल किया गया था। इंदौर से भोपाल मुख्‍यालय लौटे नरहरि को राजस्व, विमानन, जनसंपर्क, शहरी प्रशासन विभागों के सचिव और आयुक्त के साथ विपणन सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक की जिम्‍मेदारी सौंपी गई।


तेलंगाना में हुआ था जन्‍म

पी नरहरि का जन्म 1 मार्च 1975 को तेलंगाना के बसंतनगर गांव में हुआ था। इनके पिता एक दर्जी थे। घर पर कमाई के सीमित संसाधन थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भारत मिशन सेकेंडरी स्कूल, बसंतनगर से पूरी की। उन्‍होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1999 में भारतीय इंजीनियरिंग सेवाओं शामिल हुए। उन्हें भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नाल्को) और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) नौकरी की।


कई गीत और किताबें लिख चुके हैं नरहरि

मध्य प्रदेश में लागू होने वाली लाडली लक्ष्मी योजना की पूरी कहानी इन्हीं ने लिखा थी। इन्हीं को इंदौर को क्लीन सिटी बनाने का क्रेडिट भी जाता है। आईएएस पी. नरहरि द ग्रेट वॉल ऑफ हिंदूज्म और बेटियां जैसी किताब लिख चुके हैं। स्‍वच्‍छता, पलास्टिक, हेलमेट पर जागरुकता के लिए कई गाने लिख चुके हैं। इन गानों को शान, शंकर महादेवन सहित कई बड़े गायकों ने अपनी आवाज दी है।


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