Bilaspur High Court: एसपी महासमुंद को हाई कोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस, 6 महीने की सजा या दो हजार जुर्माने का है प्रावधान...
Bilaspur High Court: न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के मामले में महासमुंद एसपी आशुतोष सिंह को हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में एसपी आशुतोष सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
Bilaspur High Court: बिलासपुर. महासमुंद के SP आशुतोष सिंह कोर्ट के आदेश की अवहेकना करने के आरोप से घिर गए हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में एसपी आशुतोष सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. न्यायालय के आदेश की अवहेलना के आरोप में 6 महीने की सजा व दो हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. या फिर दोनों सजा साथ साथ भुगतनी पड सकती है.
पार्वती नगर, गुढ़ियारी, रायपुर निवासी नरेन्द्र यादव जिला-महासमुन्द को पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर रहते हुए सेवा से पृथक कर दिया गया था। आदेश के ख़िलाफ़ कांस्टेबल ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. मामले कि सुनवाई के हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को सेवा में बहाल करने का आदेश जारी किया था.
हाई कोर्ट द्वारा तय 90 दिनों से अधिक की समयावधी बीत जाने के पश्चात् भी एस.पी. महासमुन्द ने याचिकाकर्ता को जिला-महासमुन्द में आरक्षक पद पर ज्वाईनिंग नहीं दी. न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना की शिकायत करते हुए कांस्टेबल नरेन्द्र यादव ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं स्वाति कुमारी के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष अवमानना याचिका दायर की।
मामले की सुनवाई जस्टिस रवींद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व स्वाति कुमारी ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा
कि हाई कोर्ट बिलासपुर द्वारा किसी रिट याचिका या अन्य याचिकाओं में मेरिट पर आदेश पारित किये जाने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ राज्य के आई.ए. एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारी निर्धारित समयावधी के भीतर हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना कर पीड़ित पक्षकार को लगातार प्रताड़ित एवं परेशान करते हैं. इसके साथ ही न्यायालय के आदेशों की लगातार अवमानना की जा रही है।
अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने न्यायालयीन अवमान अधिनियम, 1971 की धारा 12 का हवाला दिया देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध 06 माह का कारावास या 2000 रू. का जुर्माना या दोनों दण्ड एक साथ दिये जाने का प्रावधान किया गया है.
याचिकाकर्ता के मामले में एस.पी. महासमुन्द आशुतोष सिंह द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना कर याचिकाकर्ता को लगातार प्रताड़ित एवं परेशान किया गया, अतः एस.पी. महासमुन्द को न्यायालय अवमान अधिनियम, 1971 की धारा 12 के तहत् दण्डित किये जाने की अधिवक्ता पांडेय ने कोर्ट से मांग की। कोर्ट उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए एस.पी. महासमुन्द आशुतोष सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है ।