4 साल में 5 कलेक्टर: छत्तीसगढ़ के इस जिले में चार साल में पांच कलेक्टर बदल गए, ये IAS बिना काम किए विभाग से विदा हो गए
रायपुर। राज्य सरकार ने कल दर्जन भर से अधिक आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए। इनमें धमतरी और नारायणपुर के कलेक्टरों को भी बदला गया। आवासीय आयुक्त दिल्ली अजीत बसंत को नारायणपुर का कलेक्टर बनाया गया तो नारायणपुर के कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी को धमतरी जिले की कमान सौंपी गई है। धमतरी के कलेक्टर पीएस एल्मा को रायपुर बुला लिया गया है। एल्मा करीब पौने दो साल से धमतरी कलेक्टर थे। छत्तीसगढ़ में इस समय किसी भी कलेक्टर का आठ महीने से ज्यादा नहीं हुआ है।
सबसे आश्चर्यजनक यह है कि नारायणपुर में कोई कलेक्टर टिक नहीं रहा है। कांग्रेस सरकार बनने पर 2019 में टीपी वर्मा की जगह पीएस एल्मा को कलेक्टर बनाया गया। फिर अभिजीत सिंह, धर्मेंद्र साहू, ऋतुराज रघुवंशी और अब अजीत बसंत।
उधर, जनकराम पाठक को महीने भर में ही रजिस्ट्रार कॉपरेटिव से हटा दिया गया। उन्हें डायरेक्टर फूड के साथ वन विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। 28 अक्टूबर के आदेश में उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया था। उन्होंने एक दिन बाद ज्वाइन भी कर लिया। मगर काम शुरू करते तब तक ऊपर से प्वाइंट आ गया, काम शुरू मत करो, अभी रुको। सो, डेढ़ महीने वे नाम के रजिस्ट्रार रहे। काम कुछ नहीं किए। अब नरेंद्र dugge को रजिस्ट्रार का चार्ज दिया गया है। 2017 बैच के आईएएस चंद्रकांत वर्मा को सरकार ने ठीक ठाक पोस्टिंग दी है। वे अंतागढ़ में एडिशनल कलेक्टर थे। उन्हें सीजीएमसी का एमडी बनाया गया है। इस पोस्ट पर एक दो जिले की कलेक्टरी करने वाले ही बिठाए जाते थे। भुवनेश यादव, कार्तिकेय गोयल, अभिजीत सिंह सीजीएमसी में एमडी रहे हैं।
आईएफएस आलोक कटियार को भी जल जीवन मिशन के डायरेक्टर के रूप में सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। क्रेडा के सीईओ भी वे बने रहेंगे। कटियार के पास प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का भी प्रभार था। अब वन सचिव आईएफएस प्रेम कुमार को PMGSY का जिम्मा दिया गया है तो आईएफएस शालिनी रैना को फारेस्ट सिक्रेटरी बनाया गया है।