Liquor scam: शराब घोटाला में 3 डिस्टलरी के खिलाफ भी चलेगा मुकदमा, ED ने स्पेशल कोर्ट में दाखिल की याचिका

Liquor scam: छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले मामले में एक नया एपीसोड जुड़ गया है। ED ने घोटाले में भाटिया,वेलकम और केडिया वाइन डिस्टलरी को आरोपी बनाने ईडी की स्पेशल कोर्ट में याचिका पेश किया है। स्पेशल कोर्ट ने ईडी की याचिका को स्वीकार कर लिया है। ईडी की इस नई याचिका पर सुनवाई करने के लिए स्पेशल कोर्ट ने 20 दिसंबर की तिथि तय कर दी है। बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ की जिन तीन डिस्टलरी को आरोपी बनाने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है उसमें से एक बिलासपुर व एक मुंगेली जिले में संचालित की जा रही है।

Update: 2024-12-13 07:09 GMT

Liquor scam: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में एक और बड़ी कड़ी जुड़ने वाली है। ईडी ने स्पेशल कोर्ट में छत्तीसगढ़ में संचालित तीन शराब कारोबारियों की कंपनियों को आरोपी बनाने के संबंध में याचिका पेश की है। ईडी ने अपनी याचिका में इस बात का पुख्ता सबूत पेश करते हुए आशंका जताई है कि शराब घोटाले में शराब कंपनियों के अलावा छत्तीसगढ़ में संचालित तीन डिस्टलरी के संचालकों की भूमिका भी काफी रही है। लिहाजा तीनों को आरोपी बनाने के संबंध में स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है। ईडी की याचिका को स्वीकार करते हुए स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई की तिथि तय कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वाइन डिस्टलरीज संचालकों की परेशानी बढ़ेगी। इनकी गिरफ्तारी को लेकर अभी से ही अटकलें भी लगाई जाने लगी है। बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ की जिन तीन डिस्टलरी को आरोपी बनाने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है उसमें से एक बिलासपुर व एक मुंगेली जिले में संचालित की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ से भी अधिक का शराब घोटाला हुआ है। अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के पूर्व MD अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के अकाउंटेंट सुनील दत्त और प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फ़िल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के स्टेट हेड दिलीप पांडे पर छत्तीसगढ़ के नकली होलोग्राम मामले का आरोप है।

शराब घोटाले में लगाए गए आरोप के मुताबिक प्रिज्म होलोग्राफ़ी कंपनी के मालिक विधु गुप्ता ने वर्ष 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। नकली होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद, इन बोतलों को फर्ज़ी ट्रांज़िट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। यह सब करने के लिए छत्तीसगढ़ में एक संगठित गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। संगठित गिरोह ने राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है।

 पूर्व आईएएस टूटेजा को हाई कोर्ट ने जमानत देने से कर दिया है इंकार

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शराब घोटाले में फंसे पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा को नियमित जमानत पर रिहा करने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए तल्ख टिप्पणी की है। उपरोक्त अपराधों के लिए निर्धारित दंड की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और उपरोक्त मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की बाध्यकारी टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए कि भ्रष्टाचार राष्ट्र का दुश्मन है और भ्रष्ट लोक सेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 का एक आवश्यक आदेश है

 सिंडिकेट के साथ मिलीभगत

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि याचिकाकर्ता सहित कई सरकारी अधिकारियों की भूमिका उजागर हुई है और अपराध में उनकी भूमिका स्थापित हुई है। जांच से पता चला है कि याचिकाकर्ता ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिली-भगत करके सिंडिकेट्स को रिश्वत के भुगतान की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शराब घोटाले के सिंडिकेट

राज्य शासन ने हाई कोर्ट में आरोप लगाया कि पूर्व आईएएस टूटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ सिंडिकेट का मुख्य व्यक्ति है। यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है और उसने सरकारी अधिकारी होने के नाते अपने पद का दुरुपयोग किया और अन्य आरोपियों के साथ शराब की अवैध बिक्री में शामिल रहा।

 सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को पहुंचाया नुकसान

पूर्व आईएएस टूटेजा पर राज्य सरकार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सह-आरोपियों के साथ मिलकर राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है और अपराध की अनुमानित आय लगभग 1660,41,00,056/- रुपये है। यह बहुत बड़ी अघोषित धनराशि और सिंडिकेट के माध्यम से अर्जित अनुपातहीन संपत्ति है, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचा है और जिसके लिए वर्तमान आवेदक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत कार्यवाही दर्ज की गई है।

टूटेजा के खिलाफ ये मामले हैं लंबित

0 एसीबी/ईओडब्ल्यू, रायपुर द्वारा धारा 109,120-बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)9डी) और 13(2) के तहत अपराध के लिए एफआईआर क्रमांक 09/2015 पंजीकृत किया गया, जिसमें आरोप पत्र दायर किया गया है और विशेष न्यायाधीश, एसीबी, रायपुर के समक्ष विचारण लंबित है

0 ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत पंजीकृत ईसीआईआर संख्या 01/2-029 जिसमें आवेदक के खिलाफ जांच चल रही है।

0 एफआईआर संख्या 196/2023, पीएस कासना, ग्रेटर नोएडा, जिला गौतम बुद्ध नगर, यूपी द्वारा धारा 420.468.471,473,484 और 120-बी आईपीसी के तहत अपराध के लिए पंजीकृत।

0 ईसीआईआर/आरपीजेडओ/04/2024, ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत पंजीकृत किया गया है और मामला विद्वान विशेष न्यायाधीश पीएमएलए के समक्ष लंबित है।

0 एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा धारा 420,120-बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध करने के लिए एफआईआर संख्या 36/2024 दर्ज की गई।

0 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,7ए, 8, 13(2) और आईपीसी की धारा 182.211.193,195ए, 166ए और 120-बी के तहत अपराधों के लिए एसीबी द्वारा 4.11.2024 को एफआईआर संख्या 49/2024 दर्ज की गई।

0 वर्तमान मामले में, वह सिंडिकेट के आपराधिक कृत्यों में शामिल था आरोप पत्र के साथ संलग्न व्हाट्सएप चैट का विवरण प्रथम दृष्टया वर्तमान मामले में आवेदक की संलिप्तता को दर्शाता है।

Tags:    

Similar News