Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटला के आरोपियों को नहीं मिली जमानत: हाईकोर्ट खारिज की अनवर सहित 4 की याचिका

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Update: 2023-10-06 13:47 GMT

Chhattisgarh Liquor Scam: बिलासपुर। कथित शराब घोटला मामले में हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर सहित 4 आरोपियों की जमानत याचिका खानिज कर दी। अनवर अभी अंतरिम जमानत पर हैं। कोर्ट ने आज दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को जमानत देने से मना कर दिया है। जानकारी के अनुसार ढेबर के साथ ही त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुणपति त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दखिल की थी।

बता दें  कि इस मामले की जांच केंद्रीय प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) कर रही है। शराब के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद रिमांड के लिए अपने आवेदन में कई खुलासे किए हैं. ढेबर को शुक्रवार को देर रात राजधानी रायपुर स्थित होटल ग्रैंड इम्पीरिया से गिरफ्तार किया गया. होटल के कमरे में दो डोंगल, दो आईफोन और एक सामान्य फोन बरामद हुआ है. इसके सिम बेनामी हैं.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2020 में ढेबर परिवार के घर और अन्य परिसरों में छापेमारी की थी. इसके बाद ईडी ने भी हाल में शराब कारोबारियों के यहां छापे के क्रम में मेयर एजाज और उनके बड़े भाई अनवर के यहां भी छापा मारा था. ढेबर ने राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी थी कि उनके घर पर ईडी की टीम नोटिस लेकर आई थी, लेकिन उनके भाई के घर बिना नोटिस के जांच की गई और सारा घर अस्त व्यस्त कर दिया गया. दो दिन पहले ढेबर को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. वे अपने समर्थकों के साथ गए थे. देर रात तक उनके समर्थक डटे रहे और एजाज के बाहर आने के बाद ही वहां से लौटे. खबर है कि अनवर ढेबर ईडी की नोटिस पर नहीं गए थे. इसके बाद ईडी ने उन्हें शुक्रवार को देर रात हिरासत में लिया है. उनके साथ होटल के जीएम को भी हिरासत में लेने की चर्चा है, लेकिन कोर्ट में पेश नहीं किया गया है. 


इधर, भाजपा का हमला: रवि भगत बोले- अनवर ढेबर की जमानत उच्च न्यायालय ने रद्द की, मुख्यमंत्री बताएं शराब घोटाला क्या अब भी मनगढ़ंत है


रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शराब घोटाले के मास्टरमाइंड अनवर शेबर की जमानत याचिका रद्द कर दी है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के रवि भगत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है की क्या अब भी उन्हें शराब घोटाला मनगढ़ंत है? अगर ऐसा है तो माननीय उच्च न्यायालय ने शराब घोटाले के तथ्यों और ईडी की कार्यवाही को सही ठहराया है।

न्यायालयीन निर्णय के प्रकाश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग करते हुए रवि भगत ने कहा है कि अनवर ढेबर सहित जितने भी लोग शराब घोटाले में शामिल हैं, उन सभी का नार्काे टेस्ट कराया जाए। ताकि वह सच उगल सकें।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुआ शराब घोटाला देश का एक बड़ा घोटाला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी नैतिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि ईडी की जांच में सामने आए तथ्यों पर मुख्यमंत्री को स्वयं संज्ञान लेकर अपने स्तर पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने इसके विपरीत घोटालेबाजों को संरक्षण देते हुए ईडी के तथ्यों को ही गलत ठहरा दिया। इससे स्पष्ट है कि बड़े घोटाले में बड़े लोग लिप्त हैं।

भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में घोटाले की सरकार चल रही है। भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है। भ्रष्टाचारियों के बचाव में मुख्यमंत्री स्वयं सामने आते हैं और केंद्रीय एजेंसी पर निराधार आरोप लगाते हुए राजनीतिक बयानबाजी करते हैं। जबकि उन्हें अपने संवैधानिक पद की मर्यादा के अनुरूप आचरण करते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए।

उन्होंने ने कहा कि ईडी ने न्यायालय में जो तथ्य दिया है उससे सारी बातें स्पष्ट तौर पर सामने आ चुकी हैं। एक तो हमारी पहली बात है कि यह घोटाला देश के बड़े घोटालों में से एक है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सहित आम आदमी के सांसद संजय सिंह को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। छत्तीसगढ़ में भी अनिल टुटेजा का नाम सामने आया है जो प्रदेश के मुखिया के लिए काम करते हैं इसलिए इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तत्काल अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए। उनको एक मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार अब नहीं है। दूसरी बात अनवर ढेबर सहित जितने भी लोग शराब घोटाले में शामिल थे उनका नार्काे टेस्ट होना चाहिए। नार्काे टेस्ट होगा तो यह जो दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ है, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसको कितना पैसा दिया गया है, यह सारी बातें सामने आएंगी। हिमाचल के चुनाव में, उत्तर प्रदेश, असम के चुनाव में घोटालों का कितना पैसा गया, यह सारी बातें सामने आएंगी और असली चेहरे का खुलासा होगा।

उन्होंने ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पहली सरकार है, जिसने टैक्स की चोरी की है। शराब घोटाले में सीधे डिक्टनरी से माल दुकान ले गए और नकली होलोग्राम बनाए। यह नकली नोट छापने से ज्यादा बड़ा गुनाह है।यह सारी चीजें नार्काे टेस्ट में सामने आएंगी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही घोटालों का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह सबके सामने है। हमने कहा था कि प्रदेश में शराब घोटाला हो रहा है। रेत घोटाला हो रहा है। कोल घोटाला हो रहा है। सदन के अंदर और सड़क पर भी हमने यह बात उठाई। यह करोड़ो रुपए कहां गया, प्रदेश की जनता जानना चाहती है। मुख्यमंत्री को इसका पूरा हिसाब प्रस्तुत करना चाहिए। इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह लोक धन की लूट है। सरकारी पैसे की लूट वे लोग कर रहे हैं जो सरकार में बैठे हुए हैं। अगर यह पैसा प्रदेश के विकास में लगता तो आज सुदूर क्षेत्रों में नागरिक सुविधाएं, बुनियादी चीजें नहीं हैं, स्कूल नहीं है, अस्पताल नहीं हैं, सड़क नहीं हैं, वहां कितना काम हो जाता। लेकिन अपने आकाओं को खुश करने के लिए, अपनी कुर्सी को बचाने के लिए यह सारा षड्यंत्र रचा गया।मुख्यमंत्री के कार्यालय तक भ्रष्टाचार की बू आ रही है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि आने वाले समय में और भी बड़े घोटाले सामने आएंगे। उनके कारनामे हैं, वे सब सामने आने वाले हैं। मुख्यमंत्री का असली चेहरा उजागर हुआ है।


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