Chhattisgarh: रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा कर सरकार को 1.63 करोड़ का चूना लगाने वाले 3 डिप्टी रजिस्ट्रार सस्पेंड, मंत्री ओपी बोले...भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
Chhattisgarh: जमीन की खरीदी-बिक्री में सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले 3 उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया गया है। इन पर सरकार को डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है।
Chhattisgarh: रायपुर। स्टाम्प शुल्क की छूट में गड़बड़ी और गाइड लाइन दरों के उल्लंन के दोषी पाए गए 3 वरिष्ठ उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से 2 पर रायपुर में पदस्थ रहने के दौरान गड़बड़ी करने का आरोप है, जबकि तीसरे पर दुर्ग में पदस्थाना के दौरान गड़बड़ी करने का आरोप है।
इसमें रायपुर का चर्चित 1 ही प्लाट की 3 अलग-अलग लोगों को रजिस्ट्री का मामला भी शामिल है। npg.news ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर तत्कालीन उप पंजीयक सुशील देहारी निलंबित किए गए थे। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस मामले मे कड़ी कार्रवाई की बात कही थी।
वहीं, जमीन की रजिस्ट्री में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित की गई वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा अभी रायपुर में पदस्थ हैं। वहीं सुशील देहारी धमतरी और शशिकांता पात्रे पाटन (दुर्ग) में पदस्थ हैं। तीनों के खिलाफ जांच में एक करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। अफसरों ने बताया कि तीनों के खिलाफ कार्रवाई विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
विभागीय आदेश के अनुसार रायपुर की वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा पर प्रावधानों के विपरीत वाणिज्यिक / व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को स्टाम्प शुल्क से अनियमित छूट देने का आरोप है। एक मामले में उन पर पंजीयन में गाइडलाइन उपबंधों का सही सही पालन न करने एवं गलत मूल्यांकन कर अनियमितता पूर्वक पंजीयन किये जाने से शासन को मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क के रूप में रूपये 87,12,714 रुपये की राजस्व हानि पहुंचाने का आरोप है।
इसी तरह सुशील देहारी पर रायपुर में रहते हुए प्रावधानों के विपरीत वाणिज्यिक / व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को स्टाम्प शुल्क से अनियमित छूट देने पंजीयन में गाइडलाइन के उपबंधों का सही सही पालन न करने एवं गलत मूल्यांकन कर अनियमितता पूर्वक पंजीयन करने का आरोप है। इससे सरकार को 5542677 रुपये की राजस्व हानि हुई है। देहारी अभी धमतरी वरिष्ठ उप पंजीयक के पद पर हैं। शशिकान्ता पात्रे पर दुर्ग में पदस्थ रहने के दौरान पंजीयन में गाइडलाइन उपबंधों का सही सही पालन न करने एवं गलत मूल्यांकन कर अनियमितता पूर्वक पंजीयन करने का आरोप है। इसकी वजह से सरकार को 2114689 रुपये की राजस्व हानि हुई।
बोले मंत्री चौधरी- जारी रहेगी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के विभागीय मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा शासकीय कार्य में नही होनी चाहिए तथा विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही किया जाएगा। विभाग के कुछ अधिकारी चुनिन्दा लोगों के साथ मिलकर गलत पंजीयन कर भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये, जिससे शासन को राजस्व की हानि हुई है, ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। राज्य में सुशासन स्थापित करने जांच की कार्यवाही निरंतर चलती रहेगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाये जाने का कार्य जारी रहेगा। जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त पाये जायेंगे उन पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जायेगी।
रायपुर। इस खबर की हेडिंग पढ़कर कोई भी बोलेगा कि ऐसा ब्लंडर करने वाले अफसर को बर्खास्त किया जाना चाहिए, जो नियमों को ताक पर रख पार्किंग में जाकर भूमाफियाओं को रजिस्ट्री कर देता है। मगर ये छत्तीसगढ़ का रजिस्ट्री विभाग है। यहां के अफसर जो न करें, वो कम है। उन्हें मोटी रकम मिल जाए तो ये नहीं देखेंगे कि दूध में मक्खी पड़ी है। तभी तो नियम कायदों को धज्जियां उड़ाने वाले पंजीयन अधिकारी को दूसरी बार क्लीन चिट देकर न केवल सस्पेंशन समाप्त कर दिया गया बल्कि उसे प्रमोट भी कर दिया गया। रायपुर जहां पंजीयन विभाग के आईजी से लेकर सिकरेट्री तक बैठते हैं, वहां के डिप्टी रजिस्ट्रार एसके देहारी ने छह महीने के भीतर तीन रजिस्ट्री कर दी। वो भी अलग-अलग गाइडलान रेट से। सरकार को भी चूना लगाया और इंकम टैक्स विभाग को भी। npg.news में खबर छपी तो सरकार ने जांच कराई। जांच अधिकारी बीएस नायक ने उसे दूध का धुला करार दिया। npg.news में फिर यह खबर छपी तो पंजीयन विभाग ने डिप्टी रजिस्ट्रार एसके देहारी को सस्पेंड कर दिया और जांच अधिकारी बीएस नायक को ठीक से जांच न करने के लिए नोटिस थमा दी। लेकिन, उसके बाद ऐसी चकी चली कि देहारी को न केवल बहाल कर दिया गया बल्कि प्रमोशन देकर सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार बना दिया गया।