CG Vidhansabha Budget Session 2025: राज्‍यपाल का अभिभाषण: राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति, 5वीं-8वीं बोर्ड और स्‍थानीय भाषा में शिक्षा को राज्‍यपाल ने सराहा..

CG Vidhansabha Budget Session 2025: बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए राज्‍यपाल रमेन डेका ने प्रदेश सरकार के कामकाज की जानकारी दी। उन्‍होंने प्रदेश में अब तक हुए कामों के साथ ही छत्‍तीसगढ़ के विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। इस दौरान उन्‍होंने प्रदेश की शिक्षा नीति पर भी विस्‍तार से अपनी बात कही।

Update: 2025-02-24 06:38 GMT

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। राज्‍यपाल रमेन डेका ने अपने अभिभाषण में प्रदेश में राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने की सराहना की है। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए राज्‍यपाल ने कहा कि नई पीढ़ी को रोजगार के नये अवसरों के लिए तैयार करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने मेरी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू किया है।

राज्‍यपाल ने कहा कि मेरी सरकार 18 स्थानीय भाषाओं में बच्चों को शिक्षा दे रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कक्षा पहली से कक्षा दसवी तक की हिन्दी माध्यम की पाठ्य पुस्तकों को क्यूआर कोड युक्त किताबों में परिवर्तित किया गया है। कक्षा पहली एवं दूसरी के लिए द्वि-भाषी पाठ्य पुस्तकें निकाली गई है। प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के संचालन के लिए शैक्षणिक कैलेण्डर का निर्माण किया गया है। 5 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए संचालित 9438 बालवाड़ियों में गतिविधि पुस्तिका, अभ्यास पुस्तिका के साथ दैनिक शिक्षण योजना तैयार की गई है। खेल-खेल में बच्चों को सिखाने में 30 हजार 522 विद्यालयों में टॉय किट का वितरण किया गया है।

राज्‍यपाल ने बताया कि प्रदेश में 341 पीएमश्री विद्यालय आरंभ किये गये हैं। पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएँ पुनः आरंभ की गई हैं। पेरेण्ट्स टीचर मीटिंग का एजेंडा मेरी सरकार ने व्यवस्थित किया है। आम नागरिकों को अपने जन्मदिन को न्योता भोज के रूप में बच्चों के साथ मनाने की परंपरा आरंभ करने से स्कूलों से सामुदायिक जुड़ाव बढ़ा है।

राज्‍यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा को भी जोड़ा है। इसके अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रम में कौशल विकास के साथ ही मूल्यपरक शिक्षा आदि विद्यार्थियों की रुचि और रोजगार की जरूरतों के अनुरूप 44 पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। महापुरुषों की जीवनियों को भी पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है।

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