Budget session of the Assembly: दुर्ग के हथखोज चलेगा बुलडोजर: अतिक्रमण की शिकायत पर उद्योग मंत्री ने सदन में की घोषणा
Budget session of the Assembly: दुर्ग जिला के औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में अतिक्रमण के खिलाफ उद्योग विभाग बड़ी कार्यवाही करेगा। यह घोषणा आज विधानसभा में विभागीय मंत्री लखनलाल देवांगन ने की।
Budget session of the Assembly: रायपुर। वैशालीनगर सीट से विधायक रिकेश सेन ने आज दुर्ग के औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायत की। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि हथखोज में उद्योग की करीब 100 एकड़ पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है। इस पर मंत्री ने बताया कि वहां बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही जल्द से जल्द की जाएगी।
इस प्रश्न पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने चुटकी लेते हुए कहा कि सेन जी आप तो खुद ही बुलडोजर लेकर पहुंच जाते हैं, वहां भी क्यों नहीं चले जाते। इस सेन ने कहा कि मुझे अनुमति मिले तो मैं वह भी करुंगा।
सीएसआर पर घमासान: मंत्री बोले हमारे हाथ में कुछ नहीं है, केंद्र को नियमों में बदलाव करने लिखेंगे पत्र
रायपुर। विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) का मुद्दा गरमाया रहा।पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने इस राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कहा कि उद्योगपति अपनी मर्जी से पैसा खर्च करते हैं। राशि खर्च करते हैं या नहीं यह भी पता नहीं चलता। इस पर उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने सदन को बताया कि सीएसआर के मामले में अब राज्य सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। पहले सीएसआर की राशि जिलों में आती थी फिर कलेक्टर के मध्यम से उसे खर्च किया जाता था, लेकिन अब उद्योग वाले ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय और जरुरत के हिसाब से खर्च कर रहे हैं।
विधायकों की तरफ से उठ रहे सवालों पर मंत्री देवांगन बार-बार यही कहते रहे कि नियम बदल गया है अब हमारे हाथ में कुछ नहीं है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2021 में केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था, तब परिस्थितियां अलग थीं। उन्होंने पूछा कि क्या आप भारत सरकार से आग्रह करेंगे कि पहले जैसे पहले राज्य सरकार और कलेक्टर के माध्यम से इसका संचालन होता था फिर वैसे ही हो। इस पर मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हम इस संबंध में भारत सरकार से पत्राचार करेंगे।
सीआरएस का यह मामला भाजपा विधायक भावना बोहरा ने उठाया था। इस दौरान विधायक अनुज शर्मा ने पूछा कि क्या इस पूरे मामले में राज्य सरकार कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक ईमानदारी से खर्च नहीं करते हैं। दूसरी जगह पर खर्च करते हैं। क्या कार्यवाही का प्रावधान है।
मणिपुर मामले की आईजी रेंक के अफसर करेंगे जांच
अंबिकापुर के मणिपुर चौकी के पास 2 वर्ष पहले एक नाबालिग की लाश मिली थी। शव की स्थिति को देखते हुए रेप के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की गई थी। इस मामले में सीतापुर विधायक राम कुमार टोप्पों ने प्रश्न किया था।टोप्पों ने इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया। कहा कि पुलिस की पूरी कार्यवाही संदेह के घेरे में है। पंचनामा रिपोर्ट तक गलत बनाया गया है। उन्होंने बताया कि शव मिलने के कुछ देर बाद ही मृतका की पहचान कर ली गई थी और उसके परिजन भी पहुंच गए थे, लेकिन उनसे झूठ बोलकर थाने में ही बैठाए रखा गया। टोप्पों ने आरोप लगाया कि पुलिस दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा के स्थान पर प्रश्न का जवाब दे रहे है मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी। इसके लिए आईजी रेंक के अफसरों की टीम बनाई जाएगी।
श्रमिकों के शोषण की होगी जांच
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में श्रमिकों के शोषण के मामले की श्रम अधिकारियों की टीम से जांच कराने की घोषणा की है। विधायक रामकुमार यादव ने अपने प्रश्न के दौरान आरोप लगाया कि वहां कंपनियों में श्रमिकों से 12-12 घंटे काम कराया जा रहा है। कोई आवाज उठाता है तो उसे नौकरी से बाहर कर देते हैं। मंत्री ने इस पूरे मामले की जांच कराने की घोषणा सदन में की है।
स्थानीय लोगों को नहीं मिल रही नौकरी
आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने नौकरी और सुविधा देने में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इस पर उद्योग मंत्री देवांगन ने कहा कि उद्योग विभाग का नियम है उसके तहत सभी सुविधाएं दी जाती है। कहीं- कोई कमी होती है तो कार्यवाही करते हैं। इसी प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि उद्योगों की स्थापना के लिए समय सीमा निर्धारित है यदि समय सीमा में काम नहीं होता तो जमीन वापस लेने का नियम है।