Budget session of Chhattisgarh Assembly: कबीर शोध पीठ में बिना फंड छप गई 3 किताबें: मंत्री बोले जादू से छापा होगा, विभाग लगाएगा पता...

Budget session of Chhattisgarh Assembly: विधानसभा के बजट सत्र में आज प्रश्‍नकाल के दौरान एक दिलचस्‍प मामला सामने आया। राज्‍य के एक शोध पीठ में एक वर्ष में 3 किताबें छापी गई हैं, लेकिन विभाग ने इसके लिए एक रुपये का बजट नहीं दिया है।

Update: 2024-02-23 06:48 GMT

Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। कबीर शोध पीठ के माध्‍यम से 3 पुस्‍तकों के प्रकाशन का मामला आज विधानसभा में उठा। यह शोध पीठ राज्‍य के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्‍वव‍िद्यालय के अंतर्गत स्‍थापित है। शोध पीठों को लेकर बीजेपी के वरिष्‍ठ विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्‍न किया था। प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में विभाग की तरफ से बताया गया कि एक वर्ष में कबीर शोध पीठ 3 पुस्‍तकों का लेखन किया गया। इसमें संत कबीर का इतिहास, संत कबीर का छत्‍तीसगढ़ और कहत कबीर शामिल है।

विधायक चंद्राकर ने पूछा कि इन पुस्‍तकों क प्रकाशन के लिए विभाग ने कितन बजट दिया। इन पुस्‍तकों के मुद्रक और प्रकाशक कौन हैं। इसके उत्‍तर में उच्‍च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इन पुस्‍तकों के लिए शासन के द्वारा छपाई के लिए कोई अनुदान नहीं दिया गया है और न ही शासन के पास इनका कोई रिकार्ड है। इस पर चंद्राकर ने पूछा तो क्‍या यह किताबें जादू से छप गई हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि मुझे भी लगता है कि जादू से ही छपा होगा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इन किताबों के संबंध में प्रश्‍न किया और पूछा कि इन किताबों को लिखने वाले विद्वान का नाम क्‍या है। इसके बाद मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विभाग इस बात का पता लगाएगा कि ये किताबें कैसे छपी।

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