Breaking news: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: जानिये.. एससी-एसटी को आरक्षण के अंदर आरक्षण देने पर क्‍या कहा सुको ने

Breaking news: आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। अब से कुछ देर पहले कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनायाा है।

Update: 2024-08-01 06:06 GMT

Supreme Court

Breaking news: एनजीपी न्‍यूज डेस्‍क

अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्‍यीय संविधानपीठ ने 6-1 के बहुमत के साथ यह फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में एसटी और एससी में सब केटेगरी बनाने का निर्देश दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सहित पीठ के 8 जज इस फैसले के पक्ष में हैं, जबकि एक मात्र जस्टिस बेला त्रिवेदी ने इस फैसले पर असहमति जाहिर की है।

देश की सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने अपने इस बैठे फैसले में कहा है कि इस सब केटेगरी का आधार यह है कि एक बड़े समूह में से कई समूहों को अधिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। हालांकि आरक्षण के बावजूद निचले तबके के लोगों को अपना पेशा छोड़ने में कठिनाई होती है। संविधान पीठ में शामिल जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि पिछड़े समुदायों को प्राथमिकता देना राज्‍य का कर्तव्‍य है। एससी-एसटी के केवल कुछ लोग ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। जमीनी हकीकत से मना नहीं किया जा सकता है कि दोनों वर्गों के भीतर ऐसी श्रेणियां हैं जिन्‍हें वर्षो से उत्‍पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने 2004 में कहा था कि आरक्षण के अंदर आरक्षण देने का राज्‍यों के पास अधिकार नहीं है। लेकिन आज कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है।

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