ब्रेकिंग : लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो बिजली मिस्त्री बन गया किडनैपर……12 घंटे के भीतर 12 साल के मासूम को रायगढ़ पुलिस ने कराया आजाद…..रायगढ़ एसपी की अगुवाई में रात भर चलता रहा पुलिस का ऑपरेशन … मिला 30 हजार का इनाम

Update: 2020-12-25 06:37 GMT

रायगढ़ 25 दिसंबर 2020। लॉकडाउन में काम छूटा तो बिजली मिस्त्री ने किडनैपिंग का धंधा शुरू कर दिया। 12 साल के मासूम की 12 घंटे के भीतर बरामदगी के बाद पुलिस ने सन्न कर देने वाला खुलासा किया है। एसपी संतोष सिंह की अगुवाई वाली रायगढ़ पुलिस ने गुरुवार शाम अगवा किये 12 साल के बच्चे की रिहाई के लिए आपरेशन चला रखा था, जिसके बाद आज दोपहर 12 बजे के करीब बच्चे को रिहा कराया गया। खास बात ये है कि ना सिर्फ इस आपरेश में बच्चा बरामद हुआ है, बल्कि तीनों अपहर्ता भी पकड़े गये हैं। दरअसल कल शाम रैरूमाखुर्द पुलिस चौकी इलाके में 12 वर्षीय बच्चे के अपहरण कर लिया गया था। किडनैपर्स ने इस दौरान बच्चे की मां को फोन कर 5 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। फिरौती की डिमांड आते ही पुलिस हरकत में आ गयी। खुद एसपी संतोष सिंह ने इस आपरेशन की कमान संभाली।

जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ अंतर्गत बरहामड़ा गांव के संजू बड़ा नाम के व्यक्ति ने पुलिस चौकी 12 वर्षीय बेटे राहुल के अपहरण की शिकायत की। साथ ही ये भी बताया कि अपहर्ताओं ने 5 लाख की डिमांड की है। चौकी प्रभारी जेम्स मिंज की सूचना पर एसपी संतोष कुमार सिंह एडिशनल एसपी रायगढ़ अभिषेक वर्मा, सहायक पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा, एसडीओपी धरमजयगढ़ सुशील नायक के साथ रैरूमा पहुंच गये । इस दौरान पुलिस ने अलग-अलग इलाकों में नाकेबंदी शुरू कर दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने पीड़ित परिवार से पूछताछ कर रात्रि में गांव बरहामड़ा के लगभग 150 लोगों से पूछताछ किए ।

बच्चे के पिता ने पूछताछ में बताया था कि कुछ माह पूर्व अपनी पुश्तैनी जमीन बेचे हैं जिसमें प्राप्त हुए रुपयों से स्कॉर्पियो गाड़ी खरीदने वाला था। पुलिस को इसके बाद शक हो गया कि मामले में कोई ना कोई करीबी का ही हाथ है। जिसके बाद टीम ने इलाके संदिग्धों की खोजबीन तेज कर दी। इसी दरमियान चोरी मामले में पकड़ा गया संदिग्ध अरूण टोप्पो ग्राम धौंरागांव बरपाली तथा उसके गांव विकास तिर्की जो राउरकेला (ओडिसा) में बिजली पोल लगाने का काम करता था जो लॉक डाउन में जॉब छूट जाने पर गांव आकर रह रहा था। उसकी संलिप्तता इस किडनैपिंग में हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने विकास तिर्की, अरूण टोप्पो एवं उसके एक साथी को संदेह के दायरे में रखा।

पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि तीनों कल से गांव में नहीं लौटे हैं। सुबह पुलिस की एक टीम को सूचना मिली कि जंगल भीतर *तीन नकाबपोश* एक बालक का हाथ, पैर बांधकर रखे हुए हैं । सुबह तक पुलिस पार्टी को पुख्ता जानकारी मिल चुकी थी कि हथियारबंद किडनैपर्स बालक को जंगल भीतर रखे हुए हैं । जिसके बाद पुलिस पार्टी बहुत सावधानी के साथ मौके पर पहुंची और आरोपियों को चारों ओर से गन पाइंट में लिया। पुलिस को देख आरोपियों की पूरी प्लानिंग बेकार हो गयी। जिसके बाद बच्चे को छुड़ाया गया। घटनास्थल पर पुलिस को *03 मोबाइल, 03 चाकू, मोटरसाइकिल और बालक की साइकिल मिली है। तीनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ करने पर पुलिस की जांच सही निकली किडनैपिंग का मास्टरमाइंड विकास तिर्की निकला। आरोपी विकास को जानकारी थी कि अपहृत बालक का पिता हाल ही में अपनी पुश्तैनी जमीन को बड़ी रकम में बेचा है और उसके पास काफी रुपए हैं और लूट और किडनैपिंग दोनों की प्लानिंग बनाया हुआ था और इसके लिये अपने दो अन्य साथियों को मिलाया । अपहृत बालक के सकुल बरामदगी पर पुलिस महानिदेशक एवं रेंज आईजी द्वारा रायगढ़ पुलिस को बधाई देने एवं रेंज आईजी श्री दीपांशु काबरा जी द्वारा रेस्क्यू टीम का हिस्सा रहे अधिकारी/कर्मचारियों को नकद ₹30,000 रूपये ईनाम स्वरूप दिए जाने की जानकारी दिया गया है

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