IAS Sanjeev Hans Ed Raid: आईएएस संजीव हंस के ठिकानों पर ईडी की रेड, 90 लाख कैश बरामद, टीम के हाथ लगे कई अहम दस्तावेज

IAS Sanjeev Hans Ed Raid: बिहार में कार्यरत सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के कई ठिकानो पर ईडी ने दबिश दी.

Update: 2024-09-12 08:42 GMT

IAS Sanjeev Hans Ed Raid: पटना: बिहार में कार्यरत सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के कई ठिकानो पर ईडी ने दबिश दी. मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ईडी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में छापेमारी की. छापेमारी में ईडी के हाथ कई सबुत लगे हैं. 

जानकारी के मुताबिक़, ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत कई ठिकानो की तलाशी ले रही है. पिछले तीन दिनों से ईडी जाँच कर रही  है. आज गुरुवार सुबह भी ईडी जांच के लिए पहुंची. सर्च ऑपरेशन के दौरान गहने और 90 लाख से ज्यादा कैश बरामद हुए है. इसके लेन देन के दस्तावेज और कई अहम् सबुत हाथ लगे हैं. ईडी अभी भी तलाशी ला रही है. 

पहले भी हुई थी ईडी की कार्रवाई कार्रवाई

बता दें, इससे पहले भी जुलाई में ईडी ने संजीव हंस के ठिकानों पर रेड की थी. उस दौरान ईडी ने कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे. ईडी को संजीव हंस के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति से जुड़े कई सबुत मिले थे. साथ ही उनपर दुष्कर्म के भी आरोप है. इन सब मामलों के बाद बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने आईएएस संजीव हंस सारे विभाग छीन लिए थे. सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव होने के साथ-साथ संजीव हंस पर बिहार स्टेट पावर (हॉल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी थी. लेकिन जुलाई में ईडी की छापे के बाद सरकार ने उन्हें सभी पद से हटा दिया था.

क्या है मामला

पिछले साल जनवरी में एक महिला ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस के खिलाफ पटना के रूपसपुर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था। महिला ने शिकायत में बताया था कि 2016 में संजीव हंस के दोस्त और पूर्व विधायक गुलाब यादव ने उसे राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर पटना बुलाया और उसका दुष्कर्म किया। इसके बाद 2017 में भी गुलाब यादव ने संजीव हंस मिलकर कई होटलों में ले जाकर दुष्कर्म किया। जब महिला केस करने के बात कही तो मामले को रफा दफा करने के लिए उसे 90 लाख रुपए कैश और एक लग्जरी कार भी दी गई थी। पटना पुलिस जब जांच में जुटी जांच में महिला अधिवक्ता के आरोप सही साबित हुए। वहीँ 90 लाख रुपए की बड़ी रकम और लग्जरी कार का मामला सामने आने के बाद संजीव हंस और गुलाब यादव के केस में ईडी की एंट्री हुई।

जिसके बाद ईडी ने आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले में संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी और उनसे पूछताछ शुरू की। छापेमारी में संजीव हंस के आवास से 40 लाख की कीमत की विदेशी कंपनियों की 15 बेशकीमती घड़ियां भी बरामद की गईं थीं। इसके साथ ही एक किलो से ज्यादा सोना और जेवरात भी बरामद हुए थे। इसके आलावा संजीव हंस के पास चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉट भी है। संजीव हंस के अकाउंट से कई खातों में बड़ी रकम भी भेजी गयी है। साथ ही सरकारी पदों पर रहते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाने और लेनदेन के दस्तावेज हाथ लगे हैं।

कौन है आईएएस संजीव

संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मूलतः वे पंजाब राज्य के रहने वाले हैं। बीटेक करने के बाद अपने पिता से प्रेरित होकर संजीव आईएएस बने हैं। बिहार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले उनके कार्यों के चलते उन्हें वर्ष 2023 में देश के उन 23 नौकरशाहों में शामिल किया गया है जिनकी सेवाओं से बड़े बदलाव संभव हुए हैं। उनके प्रयासों के लिए उन्हें टॉप 23 चेंज मेकर ऑफ 2023 में शामिल किया गया हैं।

जन्म और शिक्षा

संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अफसर हैं। वह मूलतः पंजाब राज्य के रहने वाले हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1973 को हुआ हैं। उनके पिता राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। पिता की ही प्रेरणा से संजीव ने आईएएस अफसर बनने के बारे में सोचा। संजीव ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने हैं।

गंगा जल आपूर्ति योजना में रही अहम् भूमिका

संजीव हंस ने 21 अप्रैल 1998 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की हैं। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए बिहार के बांका जिले में एसडीएम के पद पर नियुक्ति मिली। जिसके बाद वे कई जिलों के कलेक्टर रहें। विभिन्न मंत्रालय एवं भी उन्होंने काम संभाला। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने दक्षिणी बिहार के तीन जिलों में बाढ़ के पानी को पीने योग्य पानी के रूप में लाने वाली एक अभूतपूर्व जल लिफ्ट परियोजना गंगा जल आपूर्ति योजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जल संसाधन के अलावा स्वास्थ्य विभाग के भी प्रमुख सचिव संजीव हंस रहें। सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त भी संजीव हंस रहें। संजीव हंस वर्तमान में बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड पटना के एमडी हैं। उनके पास बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएचपीसी) के निदेशक तथा ब्रेडा का अतिरिक्त प्रभार भी हैं।

टॉप 23 चेंजमेकर ऑफ 2023 में हुए शामिल

आईएएस संजीव हंस के नेतृत्व में गंगाजल आपूर्ति योजना मैं महत्वपूर्ण कार्य हुआ। बाढ़ के पानी को पीने योग्य बनाने के अलावा गंगाजल आपूर्ति योजना को आगे बढ़ाई गई। बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव की भूमिका में संजीव हंस ने अहम काम किए। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 241.66 करोड़ रुपए का रिकार्ड लाभ अर्जित करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की। 24 घंटे के भीतर शिकायतों के प्रताप व समाधान के लिए सोशल मीडिया का उपयोग हंस ने शुरू किया। उनके नेतृत्व में बिहार ने 12 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापना में अग्रणी स्थान हासिल किया क्रेच और सैनेटरी वेंडिंग मशीनों सहित कर्मचारी कल्याण पहल के चलते ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। बिहार में लोगों के मकान के छत पर सौर ऊर्जा स्थापना करने का अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में उन्होंने बिहार को स्थापित किया। बिजली चोरी रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया। समीक्षा एप और रेड एवं फिर प्रबंधन प्रणाली शुरू करवाई। बिहार में उनके इन क्रांतिकारी और परिवर्तन कार्यक्रमों के चलते उन्हें टॉप 23 चेंज मेकर ऑफ 2023 में शामिल किया गया।

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