Teacher Transfer Policy: शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति में हो सकता है बदलाव, HC के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान
Teacher Transfer Policy: हाईकोर्ट ने शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है. इस फैसले से ट्रांसफर-पोस्टिंग का इंतजार कर रहे लाखों शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बड़ा बयान दिया है.
Teacher Transfer Policy: बिहार में पटना हाईकोर्ट(Patna High Court) ने शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है. इस फैसले से ट्रांसफर-पोस्टिंग का इंतजार कर रहे लाखों शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बड़ा बयान दिया है.
बदल सकती है स्थानांतरण नीति
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा, स्थानांतरण नीति को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. अब वर्तमान में नियुक्त शिक्षक अपनी मौजूदा जगह पर ही बने रहेंगे. 5 चरण की सक्षमता परीक्षा के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण होगा. साथ ही जरूरत पड़ी तो स्थानांतरण नीति में कुछ बदलाव भी किए जाएंगे. काफी सोच विचार कर इस नीति को लाया गया. यह पॉलिसी उदार भी हैं लेकिन इस नीति को लेकर शिक्षकों के मन में काफी बातें हैं. स्थानांतरण नीति में कई व्यवहारिक दिक्कतें हैं. इस पर विचार किया जाएगा.
ट्रांसफर - पोस्टिंग पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
बता दें, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने औरंगाबाद के कुछ शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर तत्काल रोक लगा दी है. पटना हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार को तीन हफ्ते में तबादला नीति की स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद ही इसपर अंतिम फैसला लिया जायेगा. तबतक के लिए हाईकोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है.
दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई नीति लागू की थी. जिसके तहत शिक्षकों से अपनी पसंद की जगह के लिए आवेदन मांगे गए थे. नियमों के अनुसार पुरुष व महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प दिया गया है. शिक्षक ट्रांसफर के लिए अपने पसंद से कोई भी दस जगह दे सकते थे. इसे लेकर सरकार ने 22 नवंबर 2024 तक आवेदन की समय सीमा तय की थी.
साथ ही यदि शिक्षक तय तारीख़ तक विकल्प नहीं देंगे तो राज्य सरकार अपनी मर्जी से शिक्षकों का से ट्रांसफर-पोस्टिंग करेगी. इसपर शिक्षक संगठनों ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षकों को गुमराह कर रही है. आवेदन प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है. नियम के विरुद्ध है. इस मामले मे शिक्षकों की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार और सरकार की तरफ से पटना हाई कोर्ट से सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने पक्ष रखा. इसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोक लगा दिया है.