IAS News: एक और केस में फंसे IAS संजीव हंस, सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी कर जुटाई 100 करोड़ की संपत्ति, जाने पूरा मामला
IAS News: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ एक और मामले में कार्रवाई की तैयारी कर ली है. जिसके लिए गृह विभाग से ईडी ने लिखित अनुमति मांगी है.
IAS News: जेल में बंद बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी संजीव हंस(IAS Sanjeev Hans) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ एक और मामले में कार्रवाई की तैयारी कर ली है. जिसके लिए गृह विभाग से ईडी ने लिखित अनुमति मांगी है.
आईएएस संजीव हंस के खिलाफ नया केस
जानकारी के मुताबिक़, ईडी ने आईएएस संजीव हंस पर सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है. ईडी का आरोप है आईएएस संजीव हंस ने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की है. संजीव हंस ने सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी करते हुए करोडो की संपत्ति जुटाए हैं. इस मामले में ईडी ने बिहार के गृह विभाग से आईएएस संजीव हंस के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए लिखित अनुमति मांगी है.
साथ ही गृह विभाग के विशेष सचिव को एक 25-30 पेज की रिपोर्ट भी सौपी हैं. बता दें, राज्य के किसी लोक सेवक पर अगर आईपीसी (अब बीएनएस) की धाराओं में किसी केंद्रीय एजेंसी को केस दर्ज करने के लिए पहले राज्य सरकार से बीएनएसएस की धारा 197 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति लेना पड़ता है. लेकिन हालांकि आईएएस हंस के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय कार्मिक विभाग से अनुमति लेना होगा.
20 हज़ार पेज की चार्जशीट दर्ज
आईएएस अधिकारी संजीव हंस फिलहाल आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना के बेऊर जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में 20 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की गयी है. इसमें 8 अभियुक्त बनाए गए हैं. जिसमें संजीव हंस, राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव, शादाब खान, संजीव हंस के बेहद करीबी प्रवीण चौधरी के अलावा तीन कंपनियों के भी नाम हैं.
इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को संजीव हंस और उनसे जुड़े करीबी लोगों की दिल्ली, नागपुर और जयपुर में संपत्ति जब्त की है. जब्त की गई संपत्ति की कीमत करीब 23 करोड़ 72 लाख रुपए है. यह कार्रवाई पीएमएलए एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है. ईडी ने जानकारी देते हुए बताया, "संजीव हंस, आईएएस (बिहार-1997) और अन्य के खिलाफ धन शोधन मामले के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत अपराध की आय से अर्जित नागपुर में 3 भूखंड, दिल्ली में 1 फ्लैट और जयपुर में 3 फ्लैटों के रूप में 23.72 करोड़ रुपये (लगभग) मूल्य की 7 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है और ये संपत्तियां संजीव हंस, आईएएस के सहयोगियों प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं. " बता दें, प्रवीण कुमार चौधरी ऊर्जा विभाग में ठेकेदार थे और वहीँ पुष्पराज बजाज कोलकाता के कारोबारी हैं. वहीँ इस केस में अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
क्या है मामला
संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. संजीव हंस बिहार में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त, बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड पटना के एमडी, बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएचपीसी) के निदेशक समेत कई अहम् पद पर रह चुके हैं. पिछले साल जनवरी में एक महिला ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस के खिलाफ पटना के रूपसपुर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. मामले में जांच करने पर पता चला था आईएएस ने केस रफा दफा करने के लिए उसे महिला 90 लाख रुपए कैश,करोडो की फ्लैट और एक लग्जरी कार दी थी. जिसके बाद ईडी ने आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले में केस दर्ज करते हुए संजीव हंस के खिलाफ जांच शुरू की थी.
जाँच में ईडी को संजीव हंस के पटना और दिल्ली स्थित आवास से 80 लाख रुपये और 65 लाख रुपये मूल्य के सोने के आभूषण और लग्जरी, वहीँ उनके करीबियों के यहाँ से 1 करोड़ 7 लाख कैश, 11 लाख रुपये के 13 किलो चांदी और 1 करोड़ 25 लाख के 1.5 किलो सोने के सिक्के और 20 लाख की विदेशी मुद्रा बरामद हुई थी. इसके अलावा संजीव हंस के एक करीबी सहयोगी के परिवार के सदस्यों के डीमेट अकाउंट में 60 करोड़ रुपये के शेयर, 70 बैंक खातों में 10 करोड़ रुपए, 16 लाख रुपये विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपये की नकद भी मिले हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजीव हंस और उनके बिजनेस पार्टनर आरजेडी के विधायक रह चुके गुलाब यादव जेल में बंद है. जिनके खिलाफ ईडी की जांच जारी है.