Bihar Me Dhan Ki Kheti: बारिश शुरू होते ही किसानों के खिले चेहरे, धान की खेती ने पकड़ी तेज रफ्तार

Bihar Me Dhan Ki Kheti: बिहार के अधिकांश इलाकों में पिछले एक सप्ताह में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है। बारिश से पानी की कमी के कारण मर रही धान की फसलों में हरियाली छा गई है, जिससे किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट देखी जा रही है।

Update: 2023-09-25 15:11 GMT

Bihar Me Dhan Ki Kheti: बिहार के अधिकांश इलाकों में पिछले एक सप्ताह में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है। बारिश से पानी की कमी के कारण मर रही धान की फसलों में हरियाली छा गई है, जिससे किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट देखी जा रही है।

धान किसानों का कहना है कि पिछले नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी धान की फसल पीले पड़ने लगे थे। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह भी कहते हैं कि इस बारिश से धान की फसल को लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि इससे खेत में नमी भी लंबे समय तक बनी रहेगी, जिसका रबी के फसल में भी लाभ मिलने की संभावना है। आंकड़ों की बात करें तो राज्यभर में 938.6 एमएम बारिश की आवश्यकता थी, इसमें शनिवार शाम तक 671.4 एमएम ही वर्षा हुई है। पूर्णिया छोड़कर शेष अन्य प्रमंडल में राज्य औसत से कम बारिश हुई है।

पटना प्रमंडल के सभी छह जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास तथा कैमूर को मिलाकर 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है, इसमें भोजपुर में 46 तथा पटना में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मगध प्रमंडल में 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी के अभाव के कारण धान के पौधे पीले हो गए हैं। किसान पानी नहीं रहने के कारण वैसे खेतों में यूरिया नहीं डाल सके, जिस कारण धान की फसल बाली निकलने से पहले ही पूरी तरह पीला हो गया है। वैसे खेतों में पानी रहने के बाद किसान यूरिया डाल सकेंगे और संभव है पूरी तरह पीली हो चुकी धान की फसल में फिर से हरियाली लौट जाएगी।

किसानों का भी मानना है कि उतरा नक्षत्र में हुई बारिश से धान की फसल को लाभ होता है। उनका कहना है कि अगर हथिया नक्षत्र में भी अच्छी बारिश हुई तो धान की फसल कुछ हो जाएगी। हालांकि, शुरू में देर से हुई बारिश के कारण धान की रोपाई में देरी हुई है।

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