Bihar Chunav 2025 Parinam Live Update: जात-पात की दीवारें टूटीः बिहार विधानसभा चुनाव में यादव बहुल इलाकों में भी महागठबंधन पिछड़ गया, यूपी के बाद बिहार में भी जातीय राजनीति का केंद्र ढहा
NDA 194 सीटों पर और महागठबंधन 44 सीटों पर आगे
लखीसराय में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पीछे
छपरा में खेसारी लाल यादव की सीट पर कांटे की टक्कर
तारापुर से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की बढ़त
कटिहार सदर में तारकिशोर प्रसाद आगे.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की सुनामी आ गई है। ऐसी सुनामी की लालू यादव परिवार की लालटेन बूझ गई है। राजद और उसके महागठबंधन की ये हालत हो गई है कि 50 सीट के नीचे सिमटती दिखाई पड़ रही है। रुझानों में आरजेडी 34, कांग्रेस 6 और वीआईपी पार्टी एक सीट पर आगे चल रही है। वहीं, एनडीए ऐतिहासिक जीत की तरफ बढ़ रही है। दोपहर 12 बजे की स्थिति में एनडीए 191 सीट पर आगे हो चुकी है। इनमें बीजेपी को 84, जेडीयू 76 और लोक जनशक्ति पार्टी की 23 सीटें शामिल हैं। राजद और महागठबंधन की यह सबसे कमजोर परफार्मेंस होगा, जिसमें उसकी इतनी खराब स्थिति दिखाई पड़ रही है। एनडीए की सुनामी ऐसी रही कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव तक राधोपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी से पीछे चल रहे हैं। लालू यादव के दूसरे बेटे तेजप्रताप यादव अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ रहे थे, वे भी पीछे हैं। राजद बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बनती दिख रही हैं। वहीं, भोजपुर फिल्म अभिनेता खेसारी यादव छपरा विधानसभा सीट से पीछे हो गए हैं।
NDA 192 सीटों पर और महागठबंधन 48 सीटों पर आगे.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मोकामा सीट से जेडीयू सीट से चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह को हत्या के केस में जेल जाना पड़ा। अनंत सिंह पर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी दुलार यादव की हत्या का आरोप लगा था। चुनाव के दौरान प्रत्याशी का मर्डर हो जाने से बिहार हिल गया था। मगर नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए अनंत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे विपक्ष को हमलावर होने का मौका नहीं मिल पाया। उधर, जेडीयू के भूमिहार ब्राम्हण नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मोकामा में जाकर कमान संभाल ली। उन्होंने यहां तक कहा था कि मोकामा विधानसभा का एक-एक आदमी अनंत सिंह मानकर काम करें। इसका नतीजा यह हुआ कि बिहार के भूमिहार ब्राम्हण वोटर जेडीयू और एनडीए के पक्ष में लामबंद हो गया। वरना, 2015 के विधानसभा चुनाव में भूमिहार ब्राम्हणों का एक बड़ा तबका एनडीए से नाराज था और राजद को वोट दिया था। मगर एनडीए ने इस बार चतुराई से सियासी गेम खेला। मोकामा के प्रत्याशी हत्याकांड ने भूमिहार ब्राम्हण वोटरों को एकजुट कर दिया। एनडीए को पता था कि यादवों वोटों का बड़ा हिस्सा राजद के पक्ष में जाता है। इसलिए, हत्याकांड में मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किए जाने के बाद भी केंद्रीय मंत्री मोकामा में जाकर बैठ गए। उन्होंने वहां जमकर प्रचार किया।
महुआ सीट से तेज प्रताप यादव पिछड़े.