Live Budget 2024: आम बजट 2024 में क्या है खास: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में पेश कर रही हैं वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट
Live Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर रही हैं।
Live Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर रही हैं। इस बजट के पल-पल की अपडेट के लिए npg.news के साथ जुड़े रहिये..
यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्य गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी
योजना के तहत पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य 63 हजार गांवों को कवर किया जाएगा
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए घोषणा की है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेगी।
वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इस अभियान को जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत सामाजिक न्याय और विशिष्ट मानव संसाधन विकास के उद्देश्य ‘संपूर्ण कवरेज’ की अनुशंसा की गई है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्य गांवों और आकांक्षी जिलों में रहने वाले जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में 63 हजार गांव शामिल होंगे और इसका लक्ष्य देश के पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभांवित करना है।
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ में अवयस्क बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा की गई है। इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्कता की आयु होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारियों ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके और साथ ही आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाई रखी जाएगी।
पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से शहरी गरीबों मध्यम वर्गीय आय वाले परिवारों के लिए एक करोड़ आवासों को पूरा करेगी।
औद्योगिक कामगारों के लिए पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी:
सरकार राज्यों के सहयोग से शहरों को विकास केन्द्र के रूप में विकसित करेगी
100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं एवं सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा
सरकार ने अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की
अधिक स्टाम्प शुल्क वसूल करने वाले राज्यों को सभी के लिए दरों में कमी लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि देश की जनता ने भारत को सतत विकास के मार्ग पर ले जाने और चहुंमुखी समृद्धि के लिए हमारी सरकार को एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।
पीएम आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त आवासों के निर्माण की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक धनराशि का प्रबंध बजट में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की घर संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है।
किराये के घर
किराये पर मिलने वाले आवासों के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक कामगारों के लिए वीजीएफ सहायता और एंकर उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अधिक उपलब्धता के साथ दक्ष और पारदर्शी किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।
विकास केंद्रों के रूप में शहर
सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार राज्यों के साथ मिलकर “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक और आवागमन संबंधी नीतियों तथा नगर आयोजना स्कीमों का उपयोग करके शहरों के आस-पास के क्षेत्रों को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
जल आपूर्ति और स्वच्छता
निर्मला सीतारमण ने जल आपूर्ति और स्वच्छता के बारे में बात करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों की साझेदारी में भरोसेमंद परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वित्तीय रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को बढ़ावा देगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से मिलने वाले जल का इस्तेमाल सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने की भी परिकल्पना की जा रही है।
साप्ताहिक बाजार
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सडक पर रेहड़़ी-पटरी लगाने वाले दैनिक विक्रेताओं के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से पीएम स्वनिधि की सफलता के आधार पर, अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की है।
स्टाम्प शुल्क
सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार सभी के लिए स्टाम्प शुल्क की दरों को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्कों को और कम करने पर भी विचार करने हेतु उन राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे, जिन्होंने अधिक स्टाम्प शुल्क लगाना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य घटक बनाया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है
औसत खुदरा मुद्रास्फीति 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आई
वित्त वर्ष 2024-25 में बजटीय अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत होने की संभावना
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा ''हमारा लक्ष्य घाटे को अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत से नीचे लेकर आना है
वर्ष 2024-25 के दौरान सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ और 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है
एससीबी का सकल गैर निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में अपने सर्वोच्च स्तर 11.2 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2024 में घटकर 2.8 प्रतिशत पर आया है
सकल कर राजस्व (जीटीआर) 2023-24 के राजस्व अनुमान से 11.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान, पीए 2023-24 में 38.40 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत)
प्रमुख सब्सिडियों में जीडीपी के 1.4 प्रतिशत की कमी का अनुमान, आरई 2023-24 से बीई 2024-25 में जीडीपी के 1.2 प्रतिशत
वस्तु और सेवा कर में 11 प्रतिशत बढोत्तरी दर्ज होने की संभावना, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आरई और पीई से अधिक, जो बीई 2024-25 में 10.62 लाख करोड़ रुपये
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि मेक्रो इकनामिक फ्रेमवर्क स्टेटमेंट और मीडियम टर्म फिस्कल पॉलिसी कम फिस्कल पॉलिसी स्ट्रेटजी स्टेटमेंट भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य वित्तीय सूचकों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह अनिश्चित वैश्विक अर्थव्यवस्था के संबंध में प्रमुख बिन्दुओं के रूप में देखा जा रहा है। सरकार राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से निरंतर कार्य करेगी। इसके अलावा सरकार सतत विकास के साथ ही लोगों के कल्याण और आर्थिक वृद्धि में ऋण तथा सकल घरेलू उत्पाद के बीच समन्वय बनाने का प्रयास करते हुए लक्ष्य प्राप्त करने में ध्यान केन्द्रित करेगी।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्तविक दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही। वित्त 2023-24 में प्राईवेट कंजम्प्शन एक्सपेंडीचर में 4.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। ऐसा शहरी और ग्रामीण मांग में परिवर्तित हुई विभिन्न लाभप्रद स्थितियों के कारण संभव हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इसके साथ ही सामान्य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक माहौल देखा गया है, जिसका आर्थिक असर नजर आ रहा है। बैंकों की बैलेंस शीट, कार्पोरेट क्षेत्र का सशक्तिकरण और सरकार द्वारा लगातार अर्थव्यवस्था पर ध्यान दिये जाने से सतत विकास, उच्च क्षमता उपभोग तथा व्यवसायिक अवसर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
औसत खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। शीर्ष पर महंगाई जून 2024 में 5.1 प्रतिशत थी, जो कोर मुद्रास्फीति की दर से 3.1 प्रतिशत नीचे है। सर्वांगीण रूप से मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में देखी गई है।
वर्ष 2024-25 के लिए, उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां तथा कुल व्यय क्रमशः 32.07 लाख करोड़ रुपए और 48.21 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत यानि 11,11,111 करोड़ रुपए रहा। इसमें राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए 1,50,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता शामिल है। बजटीय पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2019-20 के पूंजीगत व्यय का 3.3 गुणा है और 2024-25 के बजटीय अनुमान में कुल परिव्यय का 23 प्रतिशत है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “वर्ष 2021 में, मेरे द्वारा घोषित राजकोषीय समेकन उपाय से हमारी अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और हमारा लक्ष्य अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।”उन्होंने कहा कि सरकार इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने कहा, “वर्ष 2026-27 से, हमारा प्रयास प्रति वर्ष राजकोषीय घाटे को इस प्रकार रखना है कि केंद्र सरकार का ऋण सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में लगातार कम होता रहे।”
लेखा महा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रकाशित 3 अस्थाई वास्तविक (पीए) के अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.6 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा वर्ष 2023-24 में राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.6 प्रतिशत कम हुआ है।
सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमान (बीई) के अनुसार केंद्र सरकार के प्रमुख राजकोषीय सूचकांक नीचे सूची में दिए गए हैं:
राजकोषीय सूचकांक
बजटीय अनुमान 2024-25 (प्रतिशत में)
राजकोषीय घाटा 4.9
राजस्व घाटा 1.8
प्राथमिक घाटा 1.4
कर राजस्व (सकल) 11.8
गैर कर राजस्व 1.7
केंद्र सरकार के ऋण 56.8
वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपए और 11.63 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। दोनों ही वर्ष 2023-24 की तुलना में कम होंगे।
मार्च 2024 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का औसत घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गया। वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत के उच्चस्तर पर था। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने मार्च 2024 में अपनी पूंजी को पूंजीगत भंडार में उच्च लाभ और नई पूंजी जोड़ कर सीआरएआर को 16.8 प्रतिशत कर लिया।
2024-25 के बजटीय अनुमान में सकल कर राजस्व (जीटीआर) के 11.7 प्रतिशत से बढ़ने का अनुमान किया गया है। सकल कर राजस्व का 38.40 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत) होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का सकल कल राजस्व का क्रमश: 57.5 प्रतिशत और 42.5 प्रतिशत का योगदान देने का अनुमान है। कर राजस्व के 5.46 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
वर्ष 2023-24 के राजस्व अनुमान में प्रमुख सब्सिडी के 1.4 प्रतिशत से 2024-25 के बजटीय अनुमान का 1.2 प्रतिशत होने की संभावना है। 2024-25 के बजट अनुमान में राजस्व व्यय 10.3 प्रतिशत यानि 3.81 लाख करोड़ रुपए की प्रमुख सब्सिडी रहेगी।
राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय में संतुलन बनाने के लिए बजट अनुमान 2024-25 में केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय के क्रमश: 31.29 लाख करोड़ रुपए और 37.09 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
बजट अनुमान 2024-25 में वस्तु और सेवाकर प्राप्ति के 10.62 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह ने प्रमुख उपलब्धि हासिल की और सकल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में इसमें 11.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।
सकल कर राजस्व में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और केंद्र का कुल कर 10.9 प्रतिशत एकत्र हुआ। केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 2023-24 में सकल परिव्यय में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
परिपूर्णता दृष्टिकोण
हमारी सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुँमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। समग्र रूप से सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी पात्र लोगों को शामिल करने के लिए परिपूर्णता दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा, ताकि उनकी क्षमताओं में सुधार करके उनका सशक्तीकरण किया जा सके।
शिल्पकारों, कारीगरों, स्व-सहायता समूहों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिला उद्यमियों और स्ट्रीट वेडरों के आर्थिक कार्यकलापों में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री विश्वकर्मा, प्रधान मंत्री स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशनों और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लायी जाएगी।
पूर्वोदय
देश के पूर्वी भाग के राज्य प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध हैं और इन राज्यों की सांस्कृतिक परम्पराएं सुदृढ़ हैं। हम बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करेंगे। इस योजना में मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए।
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध में, हम गया में औद्योगिक केंद्र के विकास में सहायता प्रदान करेंगे। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। गया का यह औद्योगिक केन्द्र सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हमारे प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा। इस मॉडल से हमारी विकास यात्रा में “विकास भी विरासत भी” प्रतिबिम्बित होगा।
हम ` 26,000 करोड़ की लागत से (1) पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, (2) बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, (3) बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास और (4) बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए भी सहायता देंगे। ` 21,400 करोड़ की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है। बिहार में नए हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद अवसंरचना का निर्माण भी किया जाएगा।
पूंजीगत निवेशों में सहायता करने के लिए एक अतिरिक्त आबंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के बिहार सरकार के अनुरोधों पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले हमारे युवाओं की सहायता करने के लिए, मैं घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए ` 10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता की घोषणा कर रही हूँ। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे।
इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।
योजना गः नियोक्ताओं को सहायता
नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। 1 लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें 2 वर्षों तक ` 3,000 प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।
कामगारों में महिलाओं की भागीदारी
हम उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों और शिशु गृहों की स्थापना करके कामगारों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाएंगे। इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में महिला विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और महिला स्व-सहायता समूह उद्यमियों के लिए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।
कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम
मुझे प्रधान मंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिणाम उन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार की जाएंगी और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
कौशल प्रशिक्षण ऋण
सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ ` 7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।
रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन
हमारी सरकार प्रधान मंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं को लागू करेगी। ये ईपीएफओ (EPFO) में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिह्नित करने तथा कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगे।
योजना क: पहली बार रोजगार पाने वाले
इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में कामगारों के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम ` 15,000 होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा ` 1 लाख का मासिक वेतन होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।
परिवर्तनकारी कृषि अनुसंधान
हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। इसे चुनौती के रूप में वित्तपोषित किया जाएगा, जिसमें निजी क्षेत्र भी शामिल होगा। सरकार और सरकार से बाहर दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञ ऐसे अनुसंधान का पर्यवेक्षण करेंगे।
नई किस्मों को शुरू करना
किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
प्राकृतिक कृषि
अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
दलहन और तिलहन मिशन
दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भर बनने के लिए, हम इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को सुदृढ़ बनाएंगे। जैसा कि अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है।
सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला
प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। हम उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देंगे।
कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना
प्रायोगिक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर, हमारी सरकार, 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। इस वर्ष, डीपीआई का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराए जाएंगे।
झींगा उत्पादन और निर्यात
झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
राष्ट्रीय सहकारिता नीति
हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति लाएगी। इस नीति का
इस वर्ष, मैंने कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों ने हमारी सरकार को देश को सुदृढ़ विकास और चहुँमुखी समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ाने का अनूठा अवसर दिया है। अंतरिम बजट में, हमने ‘विकसित भारत’ के हमारे लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करने का वादा किया था। अंतरिम बजट में निर्धारित कार्यनीति के अनुरूप, इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए निम्नलिखित 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है।
1) कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
2) रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3) समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4) विनिर्माण और सेवाएं
5) शहरी विकास
6) ऊर्जा सुरक्षा
7) अवसंरचना
8) नवाचार, अनुसंधान और विकास, और
9) अगली पीढ़ी के सुधार