Korea News: नि:संतान भाई को मुखाग्नि देने के बदले बहु के सामने रखी दी डिमांड, तो मृतक की पत्‍नी लेना पड़ गया ऐसा फैसला कि...

Korea News: चचेरे भाई को मुखाग्नि देने के लिए बड़े भाई ने बहु के सामने पैसा या जमीन देने की शर्त रख दी। विवश होकर पत्‍नी ने ऐसा कुछ किया कि वहां मौजूद लोगों की आंखें छलक गईं।

Update: 2024-11-06 12:03 GMT

Korea News: कोरिया। लंबे समय से बीमार चल रहे कतवारी लाल राजवाड़े की बीती रात मौत हो गई। आज सुबह राजवाड़े के अंतिम संस्‍कार की तैयारी चल रही थी। राजवाड़े नि:संतान थे, ऐसे में राजवाड़े के चाचा के बेटा से बहु (कतवारी की पत्‍नी) और गांव वालों ने मुखाग्नि देने का आग्रह किया, लेकिन लालची भाई ने मुखाग्नि के बदले ऐसी शर्त रख दी कि लोग उसका मुंह देखते रह गए। ऐसे में विवश होकर राजवाड़े की पत्‍नी श्‍यामपति ने वो किया जिसकी हिम्‍मत बहुत कम महिलाएं कर पाती हैं।

मामला कोरिया जिले के पटना से लगे ग्राम पंचायत करजी की है। गांव के कतवारी लाल (47) वर्ष मुंह के कैंसरे पीड़‍ित थे। दो साल से ईलाज चल रहा था, लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई। बीते 6 महीने से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ी जा रही थी। पत्‍नी श्‍यामपति उनकी सेवा में लगी रही। दोनों की शादी 25 साल पहले हुई थी, लेकिन कोई संतान नहीं है।

सोमवार रात में कतवारी लाल राजवाड़े का निधन हो गया लेकिन मंगलवार सुबह उसकी पत्नी और गांव के ग्रामिणों के बीच समस्या उत्पन्न हो गई कि अंतिम मुखाग्नि कौन देगा और हिन्दु रीति रिवाज के हिसाब से क्रिया कर्म कौन करेगा। राजवाड़े समाज के लोगों ने मृतक कतवारी के बड़े पिताजी के लड़के संतलाल को मुखाग्नि देने और क्रिया कर्म करने की सलाह दी लेकिन वह इसके बदले एक लाख रूपये या 5 डिस्मील जमीन की मांग करने लगा। मृतक की पत्नी ने कहा कि उनके पास महज 15 से 20 डिस्मील जमीन जीवन यापन करने के लिए है उसमें से वह 5 डिस्मील जीन दे देगी तो जीवन यापन कैसे करेगी। वह 15 हजार रूपए देने के लिए तैयार थी लेकिन वह नहीं माना तब अंत में मृतक कतवारी लाल राजवाड़े की पत्नी श्यामपति राजवाड़े ने स्वयं मुखाग्नि देने और सभी क्रिया कर्म करने का फैसला लिया और अपने पति के अर्थी को कांधा देकर मुक्तिधाम पहुंची और मुखाग्निी दी।


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