आपरेशन मुस्कान के तहत खुर्सीपार पुलिस को मिली बडी सफलता... अपहृता व विधि से संघर्षरत बालक को 30 घंटे के अंदर 2,500 किलो मीटर तय कर पुणे से किया गया बरामद

Update: 2021-12-02 13:22 GMT

दुर्ग 2 दिसम्बर 2021। 29 दिसम्बर की रात में खुर्सीपार थाना क्षेत्र से 14 वर्षीय एक नाबालिक घर से बिना बताये निकल गई थी, जिसकी शिकायत परिजनों के द्वारा थाना खुर्सीपार में दर्ज कराई गई थी। पीड़ितों की शिकायत पर धारा 363 भादवि के तहत दर्ज कर पुलिस नाबालिग की तलाश शुरू की गई। चूकि बालिका के पास कोई मोबाईल नम्बर नहीं था, इसलिए प्रारंभिक स्तर पर पुलिस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पुलिस टीम द्वारा बालिका के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया, जिसमे रात में अपहृत बालिका का फुटेज मिला। फुटेज में  बालिका किसी लड़के के साथ जाते दिखाई दे रही थी। इसके बाद पुलिस टीम लगातार उनको कैमरे के माध्यम से ट्रैक करते दुर्ग स्टेशन तक पहुंची, जहां उसी लड़के के साथ अपहृत बालिका दिखाई दे रही थी । पुलिस लगभग कन्फर्म हो चूकि थी कि अपहृता को लेकर वो लडका ट्रेन के माध्यम से कहीं बाहर निकल गया है। इस बीच पुलिस के द्वारा उस लड़के की पहचान भी कर ली गई थी, जो उसी मोहल्ले के रहने वाले अपने रिस्तेदारों के यहां आया हुआ था। यहां से युवक का मोबाईल नम्बर जब्त कर ट्रेस किया गया जो बीच बीच मे बंद व चालू हो रहा था। सम्पूर्ण घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। मामले की गंभीरता व संवेदन शीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग बीएन मीणा के द्वारा थाना प्रभारी को आवश्यक निर्देश देकर तत्काल टीम निकालने को कहा जो बिना देर किये थाना खुर्सीपार के उप निरीक्षक सतीश साहू के हमराह टीम बनाकर अपहृता के बरामदगी हेतु रवाना किया गया। एसएसपी दुर्ग बीएन मीणा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय धुव्र के मार्गदर्शन पर टीम के द्वारा लगातार मिल रहे लोकेशन व आसुचनाओ के आधार पर आगे बढ़ते रहे।

लगातार पीछा करते हुए टीम ने पुणे बस स्टैण्ड के पास अपहृता व संदेही लड़के को सकुशल बरामद किया गया। अपहृता के परिजनों के द्वारा पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई के लिए एसएसपी दुर्ग एवं थाना प्रभारी थाना खुर्सीपार को धन्यवाद किया गया । वहीँ इस पूरे मामले में टीम को पूरे समय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय स्वंय मानिटरिंग कर रहे थे। जिनकी कुशल मार्गदर्शन में 2,500 किलोमीटर का सफर तय कर इतने कम समय में सटीक सुचनाओं व सायबर सेल दुर्ग की मदद से अपहृता व संदेही लड़के को बरामद कर वापस थाना लाया जा सका। अपहृता के बयान के आधार पर संदेही जो स्वंय भी नाबालिक है के विरूद्ध धारा 363,366 भादवि के तहत अपराध सबूत पाये जाने पर विधि से संघर्षरत बालक को परिरूद्ध कर माननीय किशोर न्यायालय दुर्ग प्रस्तुत किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इतनी दूरी तय कर इतने कम समय मे अपहृता की सकुशल बरामदगी कर आपरेशन मुस्कान के तहत संभवतः सबसे फास्टेस्ट मामला है जिसे थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा के नेतृत्व मे उप निरीक्षक सतीश साहू आरक्षक डी प्रकाश , महिला आरक्षक तोषी गोश्वामी तथा सायबर सेल दुर्ग के प्रभारी निरीक्षक गौरव तिवारी व उनके टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 

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