कलेक्टर-सचिव जाएंगे गौठान... मुख्य सचिव ने जमीन पर बैठकर महिलाओं से की बात, 7 अप्रैल से अफसरों का दौरा, देखेंगे गौठान का कामकाज

-गौठान पहुंच कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बलौदाबाजार के पुरैना-खपरी के गौठान का किया निरीक्षण

Update: 2022-04-06 08:18 GMT
कलेक्टर-सचिव जाएंगे गौठान... मुख्य सचिव ने जमीन पर बैठकर महिलाओं से की बात, 7 अप्रैल से अफसरों का दौरा, देखेंगे गौठान का कामकाज
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रायपुर, 06 अप्रैल 2022। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना गौठान के कामकाज का निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर और सचिव गांव-गांव जाकर गौठानों का दौरा करेंगे। इसके लिए 7 अप्रैल से गौठान पहुंच कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इससे पहले मुख्य सचिव अमिताभ जैन बुधवार को बलौदाबाजार जिले की ग्राम पंचायत पुरैना खपरी के गौठान पहुंचे। मुख्य सचिव जैन ने गौठान में संचालित विभिन्न गतिविधियों का जायजा लिया और गौठान में लगायी गयी चौपाल में जमीन पर बैठकर महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों के साथ उनके द्वारा गौठान में संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह के कार्यों की सरहाना की। इस अवसर पर बलौदाबाजार जिले के कलेक्टर डोमन सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने गौठान में गोबर खरीदी की जानकारी ली और स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता भी परखी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों सभी अधिकारियों को गौठानों का भ्रमण कर वहां संचालित गतिविधियों का जायजा लेने और गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में आज मुख्य सचिव पुरैना खपरी के गौठान में पहुंचे। मुख्य सचिव ने गौठान में ग्रामीणों और महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों से चर्चा के बाद कहा कि गौठानों की व्यवस्था और अधिक मजबूत हो और लोगों को इससे फायदा हो। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 07 अप्रैल से अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत अधिकारी गौठानों का भ्रमण कर वहां गतिविधियों का जायजा लेंगे और गौठानों की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन देंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि वे इस अभियान के शुरू होने के एक दिन पहले ही गौठान में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पुरैना-खपरी गौठान में काम कर रहीं महिलाएं अपने काम से संतुष्ट हैं। उन्हें यहां से आमदनी भी हो रही है और सबसे बड़ी बात यह है कि ये महिलाएं होने वाली आमदनी का इस्तेमाल अपने रोजमर्रा के खर्च में न करके, अपने काम की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कर रही हैं।

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