CM Champai Soren News: छह बार के विधायक चंपई सोरेन को राजभवन से न्योता, आज लेंगे CM पद की शपथ, जानिए उनके बारे में

CM Champai Soren News: झारखंड में अब नई सरकार का गठन होने वाला है. लगभग 26 घंटे तक चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड में नई सरकार को लेकर छाई धुंध छंट गई है.

Update: 2024-02-02 04:14 GMT

CM Champai Soren News: झारखंड में अब नई सरकार का गठन होने वाला है. लगभग 26 घंटे तक चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड में नई सरकार को लेकर छाई धुंध छंट गई है. झारखंड के राज्यपाल ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. 2 फरवरी यानी आज दोपहर 12 बजे चंपई सोरेन सीएम पद की शपथ लेंगे. आपको बता दें चंपई सोरेन 12वें सीएम के तौर पर शपथ लेने वाले हैं.

राज्यपाल से मिले चंपई सोरेन

ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था. इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने कहा था कि हमें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है. राज्यपाल की ओर से इसपर फैसले में विलंब होने पर गुरुवार को चंपई सोरेन ने शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मुलाकात कर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे आग्रह किया कि उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई जाए. इसके बाद देर रात राजभवन की ओर से चंपई सोरन को बुलावा आया और उन्हें सीएम के तौर पर मनोनयन का पत्र सौंपा गया. बता दें आज दोपहर 12 बजे चंपई सोरेन सीएम पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में होगा. 

कौन हैं चंपई सोरेन? Champai Soren Biography in Hindi

झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन का जन्‍म 11 नवंबर 1956 को हुआ है। सोरेन सरायकेला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैं। 2014 के चुनावों में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गनेश माहली को 1115 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए। सोरेन इससे पहले भाजपा के अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। मैट्रिक तक पढ़े हैं। चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है वे झमुमो के संस्‍थापक शिबु सोरेन के साथ भी काम कर चुके हैं।

चंपई सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं. इससे पहले भी वो एक बार मंत्री रह चुके हैं. चंपई सोरेन सरायकेला से विधायक हैं. चंपई को झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है. उनके पिता सेमल सोरेन खेती किसानी करते थे. चंपई ने भी खेती की है. चंपई हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं. झारखंड के आंदोलन में चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था. हेमंत सोरेन सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखे हैं और रिश्ते में उन्हें चाचा मानते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि चाहे मामला सरकार का हो या पार्टी के अहम विषयों का...हेमंत सोरेन चंपई सोरेन से सलाह मशविरा जरूर करते हैं.

कब हुई चंपई सोरेन की सियासत में एंट्री?

चंपई सोरेन ने 1991 में पहली बार उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. वो जीत इसलिए बड़ी थी क्यों कि चंपई ने कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. इसके बाद चंपई सोरेन ने 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीत हासिल की. साल 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चंपई चुनाव हार गए थे. लेकिन 2005 से लगातार चंपई सरायकेला से विधायक हैं. 2019 में उन्होंने बीजेपी के गणेश महाली को हराया था.

चंपई सोरेन की शिक्षा

सरायरकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर चंपई सोरेन का जन्म हुआ था. अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं. अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो चंपई मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.


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