Chhattisgarh News: बिजली कंपनी में जुर्माना के खेल पर लेटरबाजी: ईई का सीई को पत्र, एसई पर लगाया जांच से रोकने का आरोप

Chhattisgarh News: उपभोक्‍ताओं की श्रेणी बदलकर बिजली कंपनी के अफसर ही कंपनी को राजस्‍व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। सतर्कता अमले की जांच उजगार हुए ऐसे मामलों में जुर्माना माफी भी हो चुका है। अब सतर्कता विभाग के ईई ने अपने विभाग के एसई को पत्र लिखकर बड़ा आरोप लगाया है।

Update: 2024-03-26 12:10 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। बिजली कंपनी में श्रेणी बदलने के खेल में कंपनी के सतर्कता विभाग के कार्यपालन अभियंता (ईई) ने मुख्‍य अभियंता (सीई) को पत्र लिखकर बड़ा आरोप लगाया है। ईई ने अपने लेटर में लिखा है कि तत्कालीन अधीक्षण अभियंता ने लकड़ी का काम करने वालों के कनेक्शनों का निरीक्षण करने से मौखिक रूप से रोका गया था। ईई ने सतर्कता विभाग के एसई को लिखे पत्र में कहा है कि सतर्कता सेल का मूल उद्देश्य बिजली कि चोरी / अनिमियता को डिडेक्ट कर कंपनी को इस तरह होने वाली क्षती की प्रतिपूर्ति कर कंपनी को किसी भी प्रकार कि राजस्व कि हानि से बचाना है। अतः यह आवश्यक है कि सतर्कता संकाय द्वारा निरीक्षण उपरांत पाए गए चोरी / अनिमियता के प्रकरणो पर आवश्यक बिलिंग कर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत प्रदाय सहिंता-2011 में निहित प्रावधानो के अनुसार वसूली करना मैदानी अधिकारियों की मूलभूत जिम्मेदारी है। ऐसे डिफाल्टर उपभोक्ताओं के बिल जारी नहीं करना अथवा बिलों को निरस्त कर देना अथवा बिलों कि वसूली नहीं करना सतर्कता संकाय के प्रयासो पर पानी फेरने जैसा है।

इस आशय से अवगत कराने का निवेदन है कि अधोहस्ताक्षरकर्ता के कार्यालय कि टीम द्वारा अगस्त 2022 से दिसंबर 2022 के अवधि में विभिन्न लकड़ी से संबंधित सामान बनाने का काम (दरवाजे, फर्निचर, खिडकी, फेम) का निरीक्षण किया जा रहा था। तब तत्कालीन अधीक्षण अभियंता ने उक्त कनेक्शनों का निरीक्षण न करने के लिए मौखिक रूप से रोका गया था। इसके बाद उनके द्वार उक्त संबंधित सतर्कता जांच के पंचनामाओं के बिलिंग माध्यम से रोके गए अधोहस्ताक्षरकर्ता कार्यालय का पत्र के माध्यम से उक्त रूकी हुई बिलिंग को जारी करने के लिए निवेदन किया गया। आपके कार्यालय ने भी निर्देशित करने के बाद उक्त कनेक्शनों कि बिलिंग की गई।

30 मई को सी.एस.पी.डी.सी.एल के द्वारा नियामक आयोग में लकड़ी के दरवाजा निर्माण का टैरिफ किलीयरीफिकेशन (स्पष्ट करने) के लिए आवेदन किया गया। नियामक आयोग द्वारा 19.07.2023 को आदेश पारित कर किलीयरीफाई (स्पष्ट) किया कि लकड़ी के दरवाजा निर्माण एलवी-5 औधिगिक श्रेणी में सम्मलित करते हुए बिलिंग किया जाए। नियामक आयोग का आदेश 19.07.2023 को पारित किया गया यानी उक्त आदेश दिनांक 19.07.2023 से प्रभावशील रहेगा किन्तु संबंधित अधिकारियों द्वार आदेश के पहले की बिलिंग राशि 4628044/- उपभोक्ताओं के खाते में क्रेडिट कर दी गई है। सतर्कता जांच के बिलिंग कि राशि सीसीबी कोड 0236 (डेबिट विजिलेंस चेकिंग) के माध्यम से उक्त राशि को जोडा गया था चूंकि सैप सिस्टम में विजिलेंस चेकिंग का क्रेडिट करने का सीसीबी कोड नहीं होने के कारण उक्त कनेक्शनों का सीसीबी केडिट किया जाना संभव नहीं था। इसलिए ईआईटीसी द्वारा नया अस्थाई सीसीबी कोड 0010/0740 सृजित किया गया जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं के बिलों में केडिट किया गया है।

अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा टायर के रिमोडलिंग कर रिपेयरिंग करने वाले करीब 10 कनेक्शनों का निरीक्षण किया गया था। सर्वप्रथम उक्त कनेक्शनों की सतर्कता जांच के बिलिंग को रोका गया उसके बाद अधोहस्ताक्षरकर्ता के पत्राचार एवं आपके कार्यालय के निर्देश के बाद 5-6 माह बाद बिलिंग कि गई जिसकी सतर्कता बिलिंग राशि 8494971/- हुई थी। किन्तु कार्यपालक निदेशक (रा.श.क्षे.) में सतर्कता जांच कि राशि 8494971/- निरस्त कर दी गई। इसके अलावा उनके द्वारा अपने पत्र क्र. 4524 (07.12.2023) के माध्यम से सभी मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि आपके संभाग के अधीनस्थ कनेक्शनों में सतर्कता जांच दल के द्वारा अनिमियता का उल्लेख कर प्रयोजन परिर्वतन एवं अतिरिक्त देयक जारी किये जाने के लिए जांच प्रतिवेदन प्राप्त होता है तो ऐसे प्रकरणों में विद्युत बिल / परिसर के जांच उपरान्त पूर्णतः सत्यापित किये जाने के बाद ही अतिरिक्त देयक जारी किया जाना सूनूश्चित करे।

ईई ने कहा है कि जो सतर्कता टीम के अधिकारों का वितरण विभाग द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। उसे रोकते हुए सतर्कता टीम को कंपनी द्वारा दिये गये कार्य को निशपक्ष एवं स्वतंत्र रूप से कार्य करते हुए कंपनी को आर्थिक नुकसान को बचाने के लिए कार्य कर सकें। कंपनी के सरकुलर क्र. 1203 (07.04.2003) के अनुसार सतर्कता टीम आपके प्राशासनिक नियत्रण में कार्य करती है।

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