Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh News: बिजली कंपनी में जुर्माना के खेल में बड़ा खुलासा: कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने साफ्टवेयर में भी किया गया खेल

Chhattisgarh News: बिजली कंपनी में उपभोक्‍ताओं की श्रेणी बदलकर बिलिंग करने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। विजिलेंस की जांच में पकड़े गए कुछ उपभोक्‍ताओं का जुर्माना माफ करने के लिए कंपनी के साफ्टवेयर में भी खेल किया गया है।

Chhattisgarh News: बिजली कंपनी में जुर्माना के खेल में बड़ा खुलासा: कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने साफ्टवेयर में भी किया गया खेल
X
By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी के कुछ अफसर कंपनी को ही चूना लगा रहे हैं। अफसर ही उपभोक्‍ताओं की श्रेणी बदलकर बिल कम कर दे रहे हैं। विजिलेंस की जांच में पकड़े गए इन मामलों पर NPG.NEWS की खबर के बाद सतर्कता विभाग ने मामले की पड़ताल की तो उसमें कंपनी के साफ्टवेयर में खेल किए जाने का खुलासा हुआ है।

बता दें कि NPG.NEWS ने 7 मार्च को सीएम के विभाग में बड़ा खेला: कंपनी को चूना लगा रहे हैं बिजली अफसर, सामने आया बिलिंग में गड़बड़ी का मामला, खबर प्रकाशित किया था। इस खबर के बाद बिजली कनेक्‍शनों की जांच करने वाली विजिलेंस की टीम ने पूरे मामले की समीक्षा की। कंपनी के अफसरों के अनुसार कंपनी के कम्‍प्‍यूटर साफ्टवेयर (सैफ) में विजिलेंस की बिलिंग को माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद बिल माफ कर दिया गया है। विजिलेंस के अफसरों ने जब इसका पता लगाया तो नए खेल का खुलासा हुआ। विजिलेंस की टीम ने साफ्टवेयर में बदलाव को गैर कानूनी बताते हुए इसकी आला अफसरों से लिखित शिकायत की है।

कंपनी के कार्यपालन अभियंता (सतर्कता) ने इस संबंध में मुख्‍य अभियंता (सतर्कता) को इस संबंध में एक पत्र लिखा गया है। इमसें कार्यपालन अभियंता ने कहा है कि उपभाक्ताओं के नियमित बिलों में सतर्कता जांच कि अतिरिक्त राशि सीसीबी कोड 0236 (डेबिट विजिलेंस चेक) के माध्यम से जोड़ी जाती है। विजिलेंस चेकिंग का सीसीबी क्रेडिट कोड सैप सिस्टम में उपलब्ध नहीं है। इसलिए ईआईटीसी द्वारा नया अस्थायी सीसीबी कोड 0010/0740 सृजित किया गया है जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं के बिलो में क्रेडिट किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत प्रदाय संहिता-2011 की कड़िका क्र. 11.14 के अनुसार कार्यपालन अभियंता को निम्नदाब कनेक्शनों के सतर्कता जांच कि अतिरिक्त बिलिंग हेतु पूर्ण रूप से अधिकार दिए गए हैं उनके द्वारा बिलिंग में पांच-पांच छः-छः माह का विलंब किया गया और आधी अधूरी जानकारी के साथ टैरिफ के प्रयोजन में मेनीपुलेट (Manipulate) कर प्रकरण उच्च कार्यालयों को भेजे गए। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत प्रदाय संहिता-2011 की कड़ीका क्र.11.21 का परिपालन नहीं किया गया। उक्त कड़ीका में निहित प्रवधान के अनुसार आवेदक से विवादित बिलिंग की राशि का 50% साथ ही फीस की राशि 1% अथवा कम से कम 500-/ रू. या अधिकतम 10000/- रू. जमा करवाने थे जिसका परिपालन नहीं किया गया है।

वसूली नहीं होने की भी शिकायत

कंपनी के कार्यपालन अभियंता (सतर्कता) ने अपने पत्र में टैरिफ के प्रयोजन में मेनीपुलेट (Manipulate) कर कंपनी के राजस्व का लाखों-करोड़ो का नुकसान पहुंचाने की भी शिकायत की है।

1. कारपेंटर एवं फर्नीचर मेकर्स कंपनी की टैरिफ के अनुसार इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को गैर-घरेलु कनेक्शन (एलवी-2) दिया जाता है किंतु इनको अधौगिक कनेक्शन (एलवी-5) में कनेक्शन दिये गये। अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा करीब 20 कनेक्शनों का निरीक्षण किया गया जिसकी अतिरिक्त सतर्कता बिलिंग राशि 4628044/- बिलिंग कि गई थी जिसे उपभोक्ताओं के खाते से विड्रॉल कर दिया गया।

2. टायर के रिमोडलिंग कर रिपेयरिंग - अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा ऐसे करीब 10 कनेक्शनों का निरीक्षण किया गया जिसकी सतर्कता बिलिंग राशि 8494971/- बिलिंग कि गई थी जिसे उपभोक्ताओं के खाते से विड्रॉल कर दी गई।

3. कबाड के सामान के गोडाउन- अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा करीब 12 कनेक्शनों का निरीक्षण किया गया जिसकी सतर्कता बिलिंग राशि 3592863/- बिलिंग कि गई थी जिसमें से 1233131/- की वसूली की जा चूंकि है शेष तीन कनेक्शनों कि बकाया राशि 2359732/- निरस्त कर दी गई।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story