Chhattisgarh ACB Raid 2024: ढाई महीने में SDM, JD, EE, एसआई समेत 21 रिश्वतखोर गए जेल, करप्शन के खिलाफ एक्शन में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार
Chhattisgarh ACB Raid 2024: छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ जितनी कार्रवाई पिछले पांच साल में नहीं हुई, उससे कई गुना ज्यादा सरकारी मुलाजिम पिछले ढाई महीने में रिश्वत लेते ट्रेप हो चुके हैं। जाहिर है, विष्णुदेव साय सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों और मुलाजिमों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है।
Chhattisgarh ACB Raid 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी को फ्री हैंड दिया, उसके नतीजे आने लगे हैं। एक अप्रैल से लेकर अभी तक 14 मामलों में 22 अधिकारी, कर्मचारी जेल जा चुके हैं। इनमें एसडीएम से लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर, एसआई, एएसआई, पटवारी शामिल हैं। कई बार तो ऐसा हुआ है कि एक दिन में तीन-तीन, चार-चार सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते एसीबी ने धर दबोचा। जाहिर है, रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े जाने पर कोई से जमानत नहीं। तीन महीने जेल में काटने के बाद ही बेल मिलती है। वो भी अगर तीन महीने में अगर चार्ज शीट दाखिल नहीं हुआ तो।
पहले ही भाषण में संकेत दिया था सीएम ने
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ लेने के बाद अपने पहले ही भाषण में छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस पर जोर देते हुए कहा था कि उनकी सरकार भ्रष्ट अफसरों, कर्मचारियों को नहीं बख्शेगी। आम लोगों से रिश्वत के लिए परेशान करने वाले लोगों से उनकी सरकार सख्ती से पेश आएगी। इसके बाद एसीबी द्वारा लगातार कार्रवाइयों का दौर जारी है।
अमरेश मिश्रा के एसीबी चीफ बनने के बाद कार्रवाई तेज
30 मार्च को डीएम अवस्थी की संविदा नियुक्ति समाप्त होने के बाद आईपीएस अमरेश मिश्रा को एसीबी और ईओडब्लू की कमान सौंपी गई थी। 1 अप्रैल से अमरेश मिश्रा ने जांच एजेंसी का काम संभाला था। इसके बाद कुछ दिन उन्हें एजेंसी को समझने में लगा। 15 अप्रैल के बाद एसीबी ने भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। और करीब ढाई महीने में 14 कार्रवाइयों में 22 लोग जेल जा चुके हैं। इनमें एसडीएम, ज्वाइंट डायरेक्टर, ईई जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। तो वहीं एसीबी टीम ने एसआई और एएसआई को भी नहीं छोड़ा। दिलचस्प यह है कि पिछले पांच साल में एसीजी ने जितनी कार्रवाइयां नहीं की, उससे कई गुना ढाई महीने में हो चुकी है। एसीबी के सूत्रों की मानें तो पिछले पांच साल में रिश्वत लेते ट्रेप होने वाले मुलाजिमों की संख्या दर्जन भर भी नहीं पहुंच पाई।
एसडीएम को जेल
छत्तीसगढ़ में इससे पहले एसडीएम भागीरथी खाण्डे को रिश्वत लेते पकड़े जाने के बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। रेवेन्यू और मजिस्ट्रेट का पावर होने की वजह से एसडीएम के तार रसूखदार लोगों से लेकर सरकार में भी उपर लेवल तक जुडे़ होते हैं। इसलिए, छत्तीसगढ़ में अभी तक पटवारी के आसपास ही कार्रवाइयां सीमित होती थी।
एसीबी को फ्री हैंड
बताते हैं, गुड गवर्नेंस के लिए सरकार ने ईओडब्डू और एसीबी को फ्री हैंड दे दिया है। सरकार ने भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ कोई मरौव्व्त न करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। हालांकि कहने के लिए ईओडब्लू और एसीबी राज्य सरकार की स्वतंत्र जांच एजेंसी है। उसे अपने हिसाब से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। मगर ये सिर्फ कहने के लिए है। बिना सरकार से इजाजत लिए एसीबी का कोई कार्रवाई नहीं करती। राज्य सरकारें ऐसा चाहती भी नहीं कि ईओडब्लू और एसीबी ताकतवर होकर कार्रवाइयां करें। अलबत्ता, राजस्थान में ईओडब्लू और एसीबी इतना सक्षम है कि आईएएस, आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लेती है। मगर छत्तीसगढ़ में पटवारी, डिप्टी रेंजर से उपर नहीं उठ पाते। पिछले पांच साल में ईओडब्लू, एसीबी के हाथ-पैर बांध दिए गए थे। आलम यह रहा कि पांच साल में एसीबी और ईओडब्लू ने पांच कार्रवाइयां नहीं की।
आज पकड़े गए दो पटवारी
आज 28 जून को खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में प्रकाशपुर हल्का नंबर 11 में पदस्थ पटवारी विवेक परगनिया टोलागांव के किसान किशोर दास साहू से जमीन में त्रुटि सुधार के नाम से रिश्वत मांग रहा था। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पटवारी को किसान से चार हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। वहीं दूसरे मामले में प्रार्थी संजय कुमार खुंटे, निवासी ग्राम पनगॉव, तह. पामगढ़ जिला जांजगीर-चांपा ने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर के कार्यालय में शिकायत की थी। आज उसे प्रार्थी से राशि 3500 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
एक ही दिन में कई ट्रैप
17 मई को भी एसीबी ने अलग-अलग जिलों में चार कार्रवाई करते हुए पांच भ्रष्ट अफसर व कर्मियों को पकड़ा है। एसीबी की कार्यवाही की शुरुआत आज कोंडागांव जिले से हुई है। कोंडागांव जिले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता टीआर मेश्राम के शासकीय बंगले में एसीबी की टीम ने छापामार कार्यवाही की है। कार्यपालन अभियंता द्वारा विभाग में सप्लीमेंट्री कार्य के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत ठेकेदार तुषार देवांगन से मांग रहे थे। ठेकेदार की शिकायत के बाद एसीबी ने पहले पुष्टि की फिर आज सुबह-सुबह कार्यपालन अभियंता के शासकीय निवास में 50 हजार रुपए कैश रिश्वत लेते कार्यपालन अभियंता को गिरफ्तार किया है।
एसीबी की दूसरी कार्यवाही बिलासपुर जिले में हुई है। बिलासपुर के तहसील कार्यालय में पदस्थ राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन ने बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले प्रवीण कुमार तरुण से तोरवा में स्थित उनकी जमीन के सीमांकन हेतु ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसकी प्रथम किश्त के रूप में एक लाख रुपए लेकर आज तहसील कार्यालय में बुलाया था। प्रार्थी प्रवीण कुमार तरुण ने इसकी शिकायत बिलासपुर एंटी करप्शन ब्यूरो को की थी। शिकायत के सत्यापन के बाद सुनियोजित ट्रैप कार्यवाही कर तहसील कार्यालय बिलासपुर से राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार देवांगन को 1 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की तीसरी कार्यवाही रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में हुई है। झाड़– फूंक करने वाले जगमोहन मांझी ग्राम कुर्मी भवना का रहने वाला है। झाड़–फूंक से वापस लौटते समय उसे घरघोड़ा रेंज के डिप्टी रेंजर मिलन भगत ने पड़कर जंगली मुर्गा मारने के केस में जेल भेजने का डर दिखाकर 8 हजार रुपए मांगा था। 3 हजार रुपए तत्काल ले लिए थे। 5 हजार की दूसरी किश्त लेते हुए आज एंटी करप्शन ब्यूरो ने डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की चौथी कार्यवाही अंबिकापुर जिले में हुई है। यहां पदस्थ नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के सहायक संचालक ( सर्वे) बालकृष्ण चौहान एवं सहायक मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव ने ग्राम मोमिनपुर निवासी मोहम्मद वसीम बारी के समधी से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु 35 हजार रुपए के रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित मोहम्मद वसीम बारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर के कार्यालय में की थी। शिकायत सत्यापन के पश्चात आज ट्रैप कार्यवाही की गई तथा नगर एवं ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय अंबिकापुर में सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और सहायक मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।