CG रायगढ़ एक्सिस बैंक डकैती मामला: पुलिस ने शेरघाटी के कुख्यात दो डकैतों को दबोचा... पिस्टल, कट्टा जब्त...

Update: 2023-10-03 14:23 GMT

रायगढ़। रायगढ़ जिले के बहुचर्चित एक्सिस बैंक डकैती मामले में रायगढ़ पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। घटना के बाद फरार हुये “शेरघाटी गैंग”के डकैतों की पतासाजी में बिहार, झारखंड रवाना हुई स्पेशल टीम ने बिहार के गया में रेड कर गैंग के 2 डकैत निलेश उर्फ नीतीश जादव और प्रकाश उर्फ पवन उर्फ पंकज जाधव को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया गया। 

जानिए डकैती की घटना के बारे में

ज्ञात हो कि “शेरघाटी गैंग”के इन डकैतों ने 19 सितंबर की सुबह सशस्त्र हथियारों के साथ रायगढ़ के ढिमरापुर चौक स्थित एक्सिस बैंक की मुख्य शाखा में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। डकैतों ने बैंक से नगद 4.19 करोड रूपये और 78 पैकेट सोने के जेवरात (वजन- 2 किलो 91 ग्राम) कुल 5.62 करोड़ रूपये लेकर अलग-अलग वाहनों से फरार हो गये थे। राज्य की सबसे बड़ी बैंक डकैती को छत्तीसगढ़ पुलिस ने चैलंज के रूप में लिया। डीजीपी अशोक जुनेजा द्वारा तत्काल पड़ोसी राज्यों के आला अधिकारियों से संपर्क करते हुए स्थानीय पुलिस को सहायता उपलब्ध कराई। आईजी बिलासपुर रेंज अजय कुमार यादव और डीआईजी रामगोपाल गर्ग खुद रायगढ़ में कैंप कर केस की कमान संभालते हुये मॉनिटरिंग की। रायगढ़ पुलिस एतिहासिक रूप से शत प्रतिशत बरामदगी करते हुये “शेरघाटी गैंग” बिहार के 5 डकैत- (1) राकेश कुमार गुप्ता (2) उपेंद्र सिंह (3) निशांत उर्फ पंकज कुमार महतो उर्फ राजेश दास (4) राहुल कुमार सिंह (5) अमरजीत कुमार को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया।

आईजी बिलासपुर अजय यादव एवं डीआईजी रायगढ़ राम गोपाल गर्ग के मार्गदर्शन पर एसएसपी रायगढ़ सदानंद कुमार स्वयं विवेचनाटीम को मॉनिटरिंग कर रहे थे। आरोपियों से की गई मैराथन पूछताछ में मिले महत्वपूर्ण इनपुट पर एसएसपी रायगढ़ द्वारा सीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में थाना कोतवाली, चक्रधरनगर, साइबर सेल के स्टाफ की विशेष टीम गठित कर बिहार, झारखंड रवाना किया गया, जहां टीम ने टेक्निकल इनपुट और ह्यूमन इंटेलिजेंस के साथ बड़ी सूझबूझ और जान जोखिम में डालकर 2 हथियाबंद डकैत निलेश उर्फ नीतीश जाधव और प्रकाश उर्फ पवन उर्फ पंकज जाधव को घेराबंदी कर पकड़ने में सफलता हासिल की।

डकैतों को पकड़ना बड़ी चुनौती

शेरघाटी गैंग के सभी डकैत मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे जिससे इन्हें लोकेट करना और भी कठिन चुनौती के रूप में सामने आ रहा था। सीएसपी अभिनव ने रायगढ़ से ही अपनी स्पेशल टीम को अलग-अलग टास्क देकर आरोपियों के संबंध में जानकारी जुटाने हेतु विभक्त किया गया था जिसमें आरोपियों द्वारा किये गये मूव्हमेंट का सीसीटीवी फुटेज खंगालने से लेकर गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई। इस दौरान अन्य आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।

टेक्निकल इनपुट की कमी होने के बावजूद भी स्पेशल टीम एसएसपी सदानंद कुमार से परमीशन लेकर दिगर राज्य आरोपियों की पतासाजी के लिए रवाना हुई। पूछताछ के दौरान स्पेशल टीम को पता चला था कि फरार आरोपियों के द्वारा टाटानगर (झारखंड) में विगत तीन माह से एक कमरा किराये में लिया था जिसे वे बिहार और छत्तीसगढ़ के बीच छिपने के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते थे। स्पेशल टीम द्वारा बड़ी मशक्कत के पश्चात सबसे पहले टाटानगर के कमरे की पहचान की गई और वहां रेड किया, लेकिन वह कमरा बंद मिला।

तीन टीम बनाकर आरोपी को पकड़ा गया

पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ पर आरोपियों के जिस मित्र के द्वारा कमरा दिलाया गया था उसे बुलाकर पूछताछ किया गया। फरार आरोपी निलेश उर्फ नीतीश के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। आरोपी निलेश उर्फ नीतीश अपने ठिकाने से आज रात रांची से बाराचट्टी बस पकड़ कर बस स्टैण्ड आने वाला है।  इस जानकारी पर तत्काल सीएसपी अभिनव अपनी टीम को लेकर टाटानगर जमशेदपुर से बाराचट्टी गया (बिहार) रवाना हुये। आरोपियों को पकड़ने में किसी प्रकार की चूक ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुये सीएसपी अभिनव ने टीम को ब्रीफ कर तीन भाग में विभक्त किया। 

पहली टीम में हेम प्रकाश सोन, प्रशांत पंडा, नवीन शुक्ला एव उत्तम सारथी को पास के ही टोल प्लाजा में रूक कर आरोपी के बस की पहचान और पीछा कर बस स्टैंड तक आने का कार्य दिया गया। दूसरी टीम में पुष्पेन्द्र जाटवर, डेहरू उरांव को आरोपी के मित्र के साथ बस स्टैंड में स्थित पान ठेला (जहां आरोपी ने अपने मित्र को मिलने का समय दिया था) के पास रूक कर आरोपी के कॉल आने का इंतजार करने कहा गया। तीसरी टीम में स्वयं सीएसपी अभिनव उपाध्याय, एएसआई इगेश्वर यादव और आरक्षक तारीक अनवर हथियार से लैस होकर हिटिंग टीम के रूप में बस के रूकने के संभावित स्थान पर छिपकर इंतजार करने लगे। तभी पहली टीम ने टोल नाके के पास एक बस को चिन्हाकित कर आरोपी की बस के रूप में पहचान कर स्पेशल टीम को सूचित कर अलर्ट किया गया। टीम उक्त बस का पीछा करने लगी, जैसे ही बस स्टैंड पर बस रूकी आरोपी निलेश उर्फ नीतीश जाधव बस से उतर कर पान ठेले की ओर जाने लगा। चूंकि गहन पूछताछ के दौरान आरोपी निलेश की फोटो स्पेशल टीम को मिल चुकी थी, अत: सीएसपी अभिनव द्वारा आरोपी निलेश को देखते ही पहचान लिया गया और एएसआई इगेश्वर यादव के साथ पीछे से जाकर आरोपी निलेश उर्फ नीतीश जाधव को पकड़ने में सफलता हासिल की। सभी टीमें बस स्टैंड पर पहुंच की थी। आरोपी के मित्र द्वारा आरोपी निलेश की पहचान की पुष्टि की गई।

गिरफ्तार आरोपी निलेश से अन्य फरार आरोपियों के संबंध में पूछताछ की गई, उसके द्वारा सिर्फ एक फरार आरोपी पवन उर्फ पंकज जाधव की जानकारी होना बताया। आरोपी निलेश ने यह भी बताया कि पवन के द्वारा गिरफ्तारी से बचने हेतु कोई मोबाइल का उपयोग नहीं किया जा रहा और फरार आरोपी पवन के सूर्यमंडल चौक, बाराचट्टी में मिलने की संभावना जताई। सीएसपी अभिनव और प्रशांत पंडा भेष बदलकर खलासी के रूप सूर्यमंडल चौंक के आसपास रेकी करने गये। इस दौरान आरक्षक प्रशांत पंडा को सूर्यमंडल चौक पर स्थित एक दुकान में आरोपी पवन दिखा। टीम को बुलाने का समय नहीं होने की वजह और आरोपी के फरार होने की संभावना को देखते हुये सीएसपी अभिनव और आरक्षक प्रशांत पंडा द्वारा स्वयं दुकान के अंदर घुसकर आरोपी पवन उर्फ प्रकाश जाधव को धर दबोचा गया। तत्काल पूरी टीम को बैकअप हेतु बुलाया गया एवं आरोपियों की विधिवत गिरफ्तारी कर स्पेशल टीम स्थानीय थाना को सूचना देकर रायगढ़ हेतु रवाना हुई।

पूरे मिशन में इनकी रही भूमिका 

पूरे मिशन में एसएसपी सदानंद कुमार के द्वारा संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक से समन्वय स्थापित कर अपनी स्पेशल टीम को स्थानीय थानों का पूर्ण सहयोग मुहैया कराया गया। लगातार दिन-रात स्पेशल टीम लीडर सीएसपी अभिनव के संपर्क में रहकर आरोपियों के गिरफ्तार करने हेतु बिहार के अपने स्थानीय संपर्क सूत्रों से हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई। उक्त मिशन में स्पेशल टीम को नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय द्वारा लीड किया गया जिसमें एएसआई इगेश्वर यादव, हेड कांस्टेबल हेम प्रकाश सोन, आरक्षक प्रशांत पंडा, आर0 पुष्पेन्द्र जाटवर, आर0 नवीन शुक्ला, आर0 उत्तम सारथी, आर0 डहरू उरांव, आर0 गणेश भगत, आर0 तारीक अनवर शामिल थे । उक्त मिशन की सफलता में स्पेशल टीम के साथ-साथ हेड क्वाटर रायगढ़ से एसडीओपी धरमजयगढ़  दीपक मिश्रा, थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शनिप रात्रे, एएसआई दिलीप बेहरा, सायबर सेल से लगातार टीम को टेक्निकल मदद प्रदाय करने हेतु प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, महिला आरक्षक मेनका चौहान, थाना कोतवाली के प्रधान आरक्षक श्रीराम साहू, दिलीप भानू, देवनारायण मरावी, आरक्षक जगमोहन ओग्रे, संदीप मिश्रा, संदीप भगत, विनोद शर्मा, कोमल तिवारी,आर0 परमानंद पटेल, आर0 यशवंत दुबे, आर0 225 सुदर्शन पाण्डेय (छसबल ) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

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