CBI In Chhattisgarh: सीजी में कहीं भी पहुंच सकती है CBI : सरकार ने सीबीआई को इन धाराओं में राज्य की सीमा में कार्यवाही करने की दी अनुमति, देखें अधिसूचना
CBI In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सीबीआई पर लगाया गया बैन खत्म हो गया है। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने सीबीआई को सहमति पत्र जारी कर दी है।
CBI In Chhattisgarh: रायपुर। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई अब छत्तीसगढ़ में कहीं भी छापेमारी सहित अन्य कार्यवाही कर सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई को विभिन्न धाराओं के तहत राज्य की सीमा में कार्यवाही करने की सहमति दे दी है।
बता दें कि दिसंबर 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। बड़े बहुमत के साथ सरकार में आते ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी 2019 में सीबीआई को दी गई सहमति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। इसकी वजह से 2019 के बाद से अभी तक प्रदेश में राज्य सरकार से संबंधित संस्थानों और मामलों में सीबीआई की जांच नहीं हुई है।
अब राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने फिर से सीबीआई को राज्य की सीमा में कार्यवाही करने की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार सीबीआई राज्य में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 336, 307, 302 और 120बी के तहत राज्य की सीमा में कहीं भी कार्यवाही कर सकती है।
PSC घोटाला CBI को हुआ ट्रांसफर: ईओडब्ल्यू के साथ एक और एफआईआर की केंद्रीय एजेंसी करेगी जांच, सरकार ने जारी की अधिसूचना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) भर्ती घोटाला की जांच राज्य सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने ब्यूरो को ईओडब्ल्यू- एसीबी में दर्ज एफआईआर के साथ ही पीएससी घोटाला में दर्ज एक और एफआईआर को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है। इसके साथ ही ब्यूरो को इस मामले की जांच के लिए पूरे छत्तीगसढ़ में कार्यवाही करने की अनुमति भी दे दी गई है।
बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कथित तौर पर सीजी पीएससी की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। सीजी पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित पीएससी के कई अफसर इस मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद किए गए हैं। आरोप है कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करके सोनवानी सहित अन्य अफसरों और नेताओं के रिश्तेदारों को नौकरी दी गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह बड़ा मुद्दा बना था, तब बीजेपी ने सरकार बनने पर इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की थी। इसी वर्ष 3 जनवरी को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ।
सीजी पीएससी भर्ती घोटाला में राज्य में 2 एफआईआर दर्ज है। एक एफआईआर शासन के निर्देश पर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है। वहीं, दूसरी एफआईआर बालोद जिला के अर्जुंदा थाने में दर्ज हुई है। गृह विभाग से जारी अधिसूचना में दोनों ही मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की जानकारी दी गई है।
पीएससी के तत्कालीन चेयरमेन और सचिव के साथ कांग्रेस नेताओं के भी नामए
सीबी-ईओडब्ल्यू दर्ज एफआईआर में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव के साथ ही कुछ अफसरों और कांग्रेस नेताओं को आरोपी बना गया है। गृह विभाग से जारी पत्र के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और जिसके परिणाम 11 मई 2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ननकीराम कंवर व अन्य के माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायती पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एवं शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकगण और संबंधित राजनेतागण एवं अन्य के द्वारा अपने-अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तथा राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से आपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों को कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले इनका चयन शासकीय पदों पर करते हुए शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुये छल कारित किया गया है, जो कि धारा 120 बी, 420, भादवि एवं धारा 7, 7 (क), एवं 12 भ्र.नि.अ. 1998 यथा संशो. 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया है, अतः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।