Bilaspur High Court: सड़कों की बदहाली पर हाईकोर्ट की नाराजगी: अफसरों से पूछा- फंड का यूज होगा या फिर मिसयूज

Bilaspur High Court: प्रदेशभर की खस्ताहाल सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका की गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। एनएचएआई, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अफसरों की लापरवाही को लेकर चीफ जस्टिस ने जमकर नाराजगी जताई। सीजे ने राज्य शासन के अफसरों से पूछा कि अभी तो सरकार ने सड़कों के लिए ग्रांट जारी कर दिया है। फंड का यूज करेंगे या फिर मिस यूज होगा। नवरात्रि का समय है। सड़कों को ठीक कर दीजिए। नहीं तो लोग गड्ढों में दशहरा मनाएंगे। देवी करने गए और दुर्घटना घट गई तब क्या होगा। पढ़िए हाई कोर्ट ने अफसरों से और क्या कुछ कहा।

Update: 2024-10-03 09:10 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में प्रदेशभर की खराब सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की नाराजगी सामने आई। उनको कहना पड़ गया, रोड की हालत तो बहुत खराब है। राज्य शासन की ओर से पैरवी करने के लिए उपस्थित एडिशनल एजी से कोर्ट ने कहा कि आप भी तो देखते होंगे। सब जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं। हाई कोर्ट आते और घर जाते समय याद आता है या नहीं। ट्रैफिक की हालत ऐसी कि सड़कों पर खड़े रहना पड़ता है। नाराज कोर्ट ने अफसरों से पूछा कि राज्य सरकार ने सड़कों की मरम्मत करने और नई सड़कें बनाने ग्रांट जारी कर दिया है। कब तक काम शुरू होगा। सीजे ने पूछा फंड का यूज होगा या फिर मिसयूज।

प्रदेशभर की खस्ता हाल सड़कों को लेकर कोर्ट की नाराजगी सुनवाई के दौरान खुलकर नजर आई। एनएचएआई की ओर से हलफनामा पेश कर बताया कि सेंदरी फोरलेन के पास जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। यहां ब्लैक स्पाट के कारण घट रही दुर्घटनाओं को रोकने नई सड़क बनानी है। वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी कर लेने की जानकारी डिवीजन बेंच को दी गई।

सड़कें बनाने प्रारंभ कर दी है प्रक्रिया

नगर निगम बिलासपुर की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने डिवीजन बेंच को बताया कि नई सड़क बनाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पेच रिपेरिंग का काम भी जल्द प्रारंभ किया जा रहा है। राज्य शासन ने नई सड़कों के साथ ही मेंटनेंस के लिए ग्रांट जारी कर दिया है। एक महीने के भीतर काम पूरा कर लेने की जानकारी अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को दी।

कोरबा एयर स्ट्रीप की घटना को लेकर जताई नाराजगी

कोरबा एयर स्ट्रीप की घटना को सीजे ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि मेंटनेंस में लापरवाही बरतने का खामियाजा इस अंदाज में भुगतना पड़ता जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। वित्त मंत्री और जनप्रतिनिधि बाल-बाल बच गए। एयर स्ट्रीप की हालत तो देखिए। वीवीआईपी बाल-बाल बच गए। जब इनका ये हाल है तो आम आदमी कहां जाएंगे। क्या करेंगे। समझ से परे है। सीजे ने कहा कि आम से लेकर खास हर एक आदमी का जीवन बेहद कीमती है। सड़कों की हालत को दुरुस्त करना ही होगा। नाराज सीजे ने कहा कि ठेका कंपनी और मानिटिरंग करने वाले विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी बनती है या नहीं। इनको तो अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए। जो काम सौंपा गया है उस पर खरे उतरे।

अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करनी चाहिए

पीआईएल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि जिसे जो जिम्मेदारी दी गई है उसका ईमानदारी के साथ पालन करना चाहिए। हर एक आदमी को अपनी ड्यूटी करनी ही चाहिए। हर एक का जीवन कीमती है। चाहे वह आम आदमी हो या फिर खास। किसी की जिदंगी को अनदेखी नहीं किया जा सकता।

देख लेते हैं एक महीने में क्या करते हैं

सुनवाई के दौरान जब एनएचएआई व नगर निगम की ओर से कहा गया कि एक महीने के भीतर सड़कें दुरुस्त हो जाएंगी। काम पूरा कर लिया जाएगा,तब चीफ जस्टिस ने कहा कि देख लेते हैं एक महीने में क्या करते हैं। एनएचएआई,पीडब्ल्यूडी व नगर निगम को शपथ पत्र के साथ प्रोग्रेस रिपोर्ट की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 18 नवंबर की तिथि तय कर दी है।

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