Bilaspur High Court: रिटायरमेंट के बाद रिकवरी को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला: एसपी को लौटाना पड़ेगा दो लाख

Bilaspur High Court: पुलिस इंस्पेक्टर की विधवा ने वसूली आदेश के विरुद्ध दायर की थी याचिका। कोर्ट ने कहा.. सेवाकाल के दौरान वेतन के रूप में अधिक भुगतान करने के एवज में रिटायरमेंट के बाद ना तो कर्मचारी और ना ही परिजनों से नहीं कर सकेंगे रिकवरी।

Update: 2024-08-31 14:24 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। शासकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह अच्छी व राहत भरी खबर हो सकती है। सेवाकाल के दौरान वेतन के रूप में अधिक भुगतान करने के एवज में रिटायरमेंट के बाद रिकवरी नहीं होगी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि रिटायरमेंट के बाद शासकीय कर्मचारी या परिजनों से रिकवरी नहीं कि जाएगी।

इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के बाद मृत पुलिस अधिकारी की पत्नी से की गई दो लाख रुपये की रिकवरी को रद करते हुए हाई कोर्ट ने एसपी जांजगीर चांम्पा को तत्काल राशि याचिकाकर्ता को लौटाने का आदेश दिया है।

हेमूनगर, तोरवा निवासी मालिकराम रात्रे, जिला- जांजगीर-चांपा में पुलिस विभाग में निरीक्षक (inspecter) के पद पर पदस्थ थे। सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा ने इंस्पेक्टर मालिकराम रात्रे के सेवाकाल के दौरान 27.दिसम्बर.1986 से 30 नवम्बर.2018 तक गलत वेतन, नियतन के कारण अधिक भुगतान करना बताते हुए उनकी विधवा धनेश्वरी रात्रे के सेवानिवृत्ति देयक से दो लाख रूपये की वसूली का आदेश जारी कर दिया । उक्त वसूली आदेश के विरूद्ध धनेश्वरी रात्रे ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने एसपी द्वारा जारी वसूली आदेश को चुनौती दी।

मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। याचिककर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह (2015), थॉमस डेनियल विरूद्ध स्टेट ऑफ केरला (2022) व छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य विरूद्ध लाभाराम ध्रुव के मामले में सुनाए गए फैसले का हवाला दिया।

छग हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किसी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी,रिटायर कर्मचारी या तृतीय श्रेणी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य विधवा से पूर्व में शासकीय कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर उक्त कर्मचारी के रिटायरमेन्ट के पश्चात् उस सेवानिवृत्त कर्मचारी या परिवार के किसी सदस्य के विरूद्ध वसूली आदेश जारी कर किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

याचिकाकर्ता को लौटानी होगी वसूली की राशि

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने रिकवरी आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने एसपी जांजगीर चांपा को याचिकाकर्ता से वसूली गई दो लाख की राशि तत्काल लौटाने का निर्देश दिया है।

Tags:    

Similar News