Bilaspur High Court: हाईकोर्ट पहुंचा रायपुर के गुजराती शिक्षण समिति का मामला: पदाधिकारियों पर आरोप-समिति की संपत्ति बेचकर करा रहे प्लाटिंग
Bilaspur High Court: गुजराती शिक्षण समिति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रायपुर के डीईओ को नोटिस जारी कर सभी पक्षों को सुनने और चार महीने के भीतर कार्रवाई का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने शिक्षण समिति के पदाधिकारियों पर समिति के स्वामित्व वाली संपत्ति को बेचने का आरोप लगाया है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। गुजराती समाज रायपुर के पदाधिकारी मनीष टांक ,भावेश कुमार कोठारी, दीपक मकवाना, प्रफुल्ल बारमेड़ा, हिमेश रायचूरा नवीन पिथालिया एवं निलेश शाह ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि श्री गुजराती शिक्षक संघ देवेंद्र नगर रायपुर में बरती जा रही अनियमितता की जांच के लिए डीईओ रायपुर को पत्र लिखा था।
डीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि गुजराती समाज द्वारा संचालित शिक्षण समिति व प्रबंधन समिति को भंग कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि शैक्षणिक कामकाज में बाधा ना आए इसके लिए तदर्थ समिति गठित करने की बात कही है। बीते 19 वर्षों से शिक्षण समिति के पदाधिकारी काबिज हैं।
गुजराती समाज की शैक्षणिक संस्था की अचल संपत्ति को मनमाने तरीके से हस्तांतरित व बिक्री की जा रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि समिति के पदाधिकारियों की इस कृत्य के चलते समाज की प्रतिष्ठा को भी आघात पहुंच रही है,साथ ही आर्थिक क्षति भी हो रही है। गुजराती समाज के द्वारा निर्मित शैक्षणिक समिति अपने मूल उद्देश्यों की भी पूर्ति नहीं कर पा रही है एवं समाज के बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है।
डीईओ पर लगाए गंभीर आरोप
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में रायपुर डीईओ पर शिक्षण समिति के पदाधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। याचिका के अनुसार 15.05.2024 को जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर को कानूनी सूचना पत्र देकर वर्तमान शिक्षक समिति को भंग कर तदर्थ कमेटी गठित करने व शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराने आवेदन दिया था। जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर द्वारा जानबूझकर प्रभावशाली माने जाने वाले वर्तमान समिति के सदस्यों व पदाधिकारी को बचाने के लिए उक्त शिक्षक समिति के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
समिति की संपत्तियों को बेचकर करा रहे प्लाटिंग
राज्य सहायता प्राप्त शिक्षण समिति के प्रबंध वर्ग ने शिक्षण समिति की ऐतिहासिक भवन श्री गुजराती स्कूल मौदहापारा को शासन की विधिवत अनुमति लिए बिना अवैधानिक रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त करने भवन को विक्रय , शाला भवन को तुड़वाने दुकानों , अतिथिगृह ,सचदेवा कोचिंग को खाली करने एवं शाला भवन को अवैध रूप से गिरवा कर शिक्षण संस्था की अचल भू संपदा को उक्त प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य गण एक राय होकर प्लाटिंग कर भूमि की बिक्री धड़ल्ले से कर रहे हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने रायपुर के डीईओ को नोटिस जारी कर श्री गुजराती शिक्षण समिति मौदहापारा रायपुर के खिलाफ पेश शिकायत पर सभी पक्षों को सुनने के बाद चार महीने के भीतर नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया है।