Bilaspur High Court: CG बॉलीवुड स्टार नहीं हैं अधिकारी: छपास रोगी अफसरों पर हाईकोर्ट की तल्‍ख टिप्‍पणी, रोज छप रही है फोटो जो काम करना है वही नहीं कर रहे....

Bilaspur High Court: FIR के आठ महीने बाद भी जांच पूरी ना होने को लेकर एक आरोपी ने एफआईआर को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की नाराजगी खुलकर सामने आई। पहले तो उन्होंने डीजीपी को कनेक्ट कर आनलाइन उपस्थिति का निर्देश जारी कर दिया था। एडिशनल एजी के अनुरोध पर चीफ जस्टिस ने अपना आदेश वापस ले लिया। उनकी नाराजगी कम नहीं हुई, सीजे ने कहा कि अफसरों की रोज फोटो छप रही है, जो काम उनके हिस्से का है उसे नहीं कर रहे हैं। बालीवुड स्टार तो नहीं कि पलक छपकते काम पूरा कर लेंगे।

Update: 2024-11-29 07:41 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। FIR के आठ महीने बाद भी जांच पूरी ना होने को लेकर एक आरोपी ने एफआईआर को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की नाराजगी खुलकर सामने आई। पहले तो उन्होंने डीजीपी को कनेक्ट कर आनलाइन उपस्थिति का निर्देश जारी कर दिया था। एडिशनल एजी के अनुरोध पर चीफ जस्टिस ने अपना आदेश वापस ले लिया। उनकी नाराजगी कम नहीं हुई, सीजे ने कहा कि अफसरों की रोज फोटो छप रही है, जो काम उनके हिस्से का है उसे नहीं कर रहे हैं। बालीवुड स्टार तो नहीं कि पलक छपकते काम पूरा कर लेंगे।

मामला सक्ती जिले के डभरा थाना का है। डभरा पुलिस ने एक मामले में एफआईआर दर्ज किया था। आठ महीने से यह मामला पेंडिंग है। आठ महीने से जांच अधूरी है। लंबे समय से जांच को पेंडिंग रखने के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए एक आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। चीफ जस्टिस ने इस लापरवाही के लिए अफसरों को जमकर फटकार लगाई। चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि अफसरों की रोज मीडिया में फाेटो छप रही है। जो काम उनकी ड्यूटी में शामिल है वही नहीं कर रहे हैं। चीफ जस्टिस की नाराजगी यहीं पर कम नहीं हुई, उन्हाेंने कहा कि अफसर अपने आपको बालीवुड स्टार समझते हैं क्या। वे कोई बालीवुड स्टार नहीं है जो पलक छपकते काम पूरा कर लेंगे। पेंडेंसी को लेकर उनकी नाराजगी सामने आई है। इसी तरह के एक अन्य प्रकरण के साथ इस मामले को मर्ज करने व दोनों मामलों की एकसाथ दो दिसंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया है।

 क्या है मामला

सक्ती जिले के डभरा थाने में 25 अप्रैल 2024 को एक मामला दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 120 बी, 408, 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया है। एफआईआर को चेलेंज करते हुए एक आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका पेश की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई। खास बात ये कि इसी मामले में एक आरोपी ने अपना पक्ष रखने कोर्ट में उपस्थित हुआ। डिवीजन बेंच के समक्ष अपना पक्ष भी रखा। डिवीजन बेंच को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने 25 अप्रैल 2024 को एफआईआर दर्ज किया है। इसमें क्या हुआ, पुलिस ने आजतलक जानकारी नहीं दी है।

 SP से लेकर जांच अधिकारी को कोई मतलब ही नहीं

याचिकाकर्ता व आरोपी की जवाब को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने हैरानी जताई। राज्य शासन की ओर से पक्ष रखने मौजूद अतिरिक्त महाधिवक्ता से चीफ जस्टिस ने पूछा कि प्रदेश में यह क्या हो रहा है। हर मामले में कुछ इसी तरह की स्थिति सामने आ रही है। एसपी से लेकर जांच अफसर को किसी से कोई मतलब ही नहीं है। साल-दर-साल मामलों की जांच ही चल रही है। मीडिया में अफसरों की फोटो छप रही है। वे अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। पीड़ित और आरोपी दोनों कोर्ट के सामने उपस्थित होकर अपनी परेशानी बयान कर रहे हैं। सभी कोर्ट में कमोबेश कुछ इसी तरह की स्थिति है।

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