मामा गांव के धान से रामलला को भोग: अयोध्या में 1200 एकड़ में होगी छत्तीसगढ़ के देवभोग किस्म के धान की खेती, इसके चावल से बनेगा भगवान राम के लिए विशेष भोग

कृषि विश्वविद्यालय से 110 क्विंटल धान बीज खरीद रही अयोध्या की पुरारि सीड्स कंपनी

Update: 2022-04-11 13:21 GMT

रायपुर, 11 अप्रैल 2022। भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में ऊगाई जाने वाली धान की खास किस्म देवभोग से अयोध्या में भगवान राम के लिए विशेष भोज तैयार किया जाएगा। इसके लिए अयोध्या में करीब 1200 एकड़ खेतों में देवभोग धान की खेती होगी। अयोध्या की सीड्स कंपनी पुरारि ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से 110 क्विंटल बीज खरीदी का सौदा किया है। इससे करीब 6 हजार क्विंटल फसल उत्पादन संभावित है। कृषि महाविद्यालय के डॉ. विवेक त्रिपाठी ने बताया कि 110 क्विंटल छत्तीसगढ़ देवभोग बीज की सप्लाई इस महीने के अंत तक की जाएगी। अयोध्या की पुरारि सीड्स कंपनी के संचालक रामगोपाल तिवारी ने बताया कि बारिश के मौसम में किसान यहां देवभोग धान का उत्पादन करेंगे। इस धान के चावल से अयोध्या मंदिर में रामलला के लिए विशेष भोग तैयार किया जाएगा।

इस तरह तैयार की गई देवभोग किस्म की प्रजाति

छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक उत्पादन देने वाली धान की प्रजाति स्वर्णा जो कि आंध्रप्रदेश कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निकाली गई, उसे और छत्तीसगढ़ की पुरानी धान प्रजाति जीराशंकर दोनों की प्लांट ब्रीडिंग के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ देवभोग नाम की प्रजाति विकसित की है। जो पतला चावल की सुगंधित और मुलायम चावलों की प्रजाति में गिनी जाती है। इसका धान 135-140 दिन में पकता है और उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आता है। कृषि मंत्रालय भारत सरकार की बीज विकास समिति ने वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ देवभोग को भारत के राज्य पत्र में स्थान दिया और इसे छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए उत्पादन अनुशंसा दी।

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