Ambikapur News: CG चार सौ बीसी के आरोपी अफसर पर गिरी गाज: सरकार ने छीनी जिम्‍मेदारी, बिना विभाग मंत्रालय में किया पदस्‍थ

Ambikapur News: सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी राज्‍य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अफसर को सरकार ने पद से हटा दिया है। इस अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

Update: 2024-03-16 12:11 GMT

Ambikapur News: रायपुर। अंबिकपुर में सरकारी जमीन को निजी खाते में दर्ज करने के आरोपी राज्‍य प्रशासनिक सेवा के अफसर से सरकार ने पद छीन लिया है। अंबिकापुर में नजूल अधिकारी रहते किए इस कांड में एफआईआर दर्ज होने के साथ ही सरकार ने पद से हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग के पदस्‍थ कर दिया है।

राप्रसे के जिस अफसर के हाथ से सरकार ने काम छीना हैं उनका नाम नीलम टोप्‍पो है। टोप्‍पो अभी जिला पंचायत कोंडगांव के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्‍थ थें। सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सरकार ने उनका मंत्रालय ट्रांसफर कर दिया है, लेकिन मंत्रालय में उन्‍हें कोई काम नहीं दिया गया है।

बता दें अंबिकापुर तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ अंबिकापुर पुलिस ने धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़ा की शिकायत शिकायत कैलाश मिश्रा ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित कलेक्टर सरगुजा से की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उक्त मामले में संलिप्त लोगों ने 4.22 एकड़ जमीन राजस्व विभाग के अधिकारी सहित कुछ पटवारी व राजस्व निरीक्षक की मिलीभगत से 50 करोड़ से अधिक में बेच दी। शिकायत के अनुसार नमनाकला, अंबिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) सरकारी भूमि सरगुजा सेटलमेंट मे गोचर मद की भूमि में दर्ज थी। 1977-78 में एक ग्रामीण बंसू राम को यह जमीन पट्टे में मिली थी। बाद में शासन द्वारा इस जमीन को गोचर भूमि के रूप में दर्ज किया गया। इस बेशकीमती जमीन को आरोपियों ने प्रशासनिक अमले से मिलीभगत करके दोबारा बंसू राम के नाम पर दर्ज करने का षड्यंत्र रचा। पूर्व में जिस बंसू राम को जमीन का पट्टा मिला था, उसकी बरसों पहले मौत हो चुकी थी। फर्जीवाड़ा करने वालों ने इसके लिए ग्राम फुन्दुरडिहारी निवासी बंसु आत्मज भटकुल की तलाश कर ली और उसे कार्यालय में खड़ा कर उसके नाम पर जमीन दर्ज करा ली। इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह की भूमिका संदिग्ध बताई गई है।



 


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