चीफ जस्टिस के सामने 14 साल के बच्चें ने कहा, पहले पापा के साथ न ही रहना न ही उनका गिफ्ट चाहिए,मम्मी को करते थे परेशान

Update: 2022-08-25 07:56 GMT

बिलासपुर । भरी अदालत में चीफ जस्टिस के सामने एक 14 साल के बच्चें ने अपने वास्तविक पिता के साथ रहने के साथ इंकार कर दिया। साथ ही अपनी मां के दूसरे पति के साथ रहने की इच्छा जताई। अदालत ने बच्चें को उसके दूसरे पिता को सौप दिया है।

जगदलपुर की रहने वाली महिला की मुंबई निवासी व्यक्ति से 2004 में शादी हुई थी। 2007 में उनका बच्चा हुआ था। शादी के 15 साल बाद 2019 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया था। तलाक के बाद महिला ने दूसरी शादी कर ली। और उसके पूर्व पति ने भी दूसरी शादी कर ली। शादी के बाद महिला जगदलपुर के मायके के ही मकान के एक हिस्से में रहने लगी। 2021 में महिला की कोरोना के चलते मौत हो गई। मौत के बाद महिला के पूर्व पति यानी की बच्चें के वास्तविक जैविक पिता ने बच्चें को पाने के लिए अपनी पूर्व पत्नी के पति और बच्चें के नाना नानी से संपर्क किया। पर उन्होंने बच्चा देने से इंकार कर दिया। तब उसके पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर बच्चें की कस्टडी मांगी।

चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी की डिवीजन बैंच में हुई सुनवाई में बच्चे ने अदालत में उपस्थित होकर कहा कि उसे अपने पहले पापा के साथ नही जाना है क्योकि वह उसकी मम्मी को मारते पीटते थे। साथ ही कहा कि उनका दिया गिफ्ट भी नही चाहिए। बच्चें ने कहा कि मुझे नही रहना है पहले पापा के साथ मैं दूसरे पापा और नाना नानी के घर मे रहना चाहता हूं। हाईकोर्ट ने बच्चें का बयान सुन कर बच्चें को उसके दूसरे पिता को सौपते हुए पहले पिता की याचिका निराकृत कर दी।

Tags:    

Similar News