IAS कमलप्रीत को झटका क्यों, 19 साल की सर्विस वाले अफसर को डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन बनाया गया, सचिव का भी स्वतंत्र प्रभार नहीं

Update: 2021-06-05 11:46 GMT

रायपुर, 5 जून 2021। राज्य सरकार ने आज कलेक्टरों के साथ फ़ूड और ट्रांसपोर्ट सिकरेट्री का भी आदेश निकाला। इसमें सबसे अधिक अनपेक्षित आदेश रहा तो वह डॉ कमलप्रीत सिंह का रहा। इससे ब्यूरोक्रेसी भी आवक रह गई।
भूपेश सरकार बनने के बाद कमलप्रीत सिंह को पोस्टिंग में लगातार प्राथमिकता मिलती रही। उन्हें फ़ूड के साथ ट्रांसपोर्ट जैसे विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन, आज के आदेश के बाद लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने उन्हें किनारे कर दिया। कमलप्रीत 2002 बैच के आईएएस हैं। यानी 19 बरस की उनकी सर्विस हो गई है। बावजूद इसके उन्हें जीतेन्द्र शुक्ला की जगह डीपीआई बनाया गया है। स्कूल शिक्षा सचिव वे बने जरूर हैं मगर उनके ऊपर प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला रहेंगे। मतलब स्वतंत्र प्रभार भी नहीं।
कमलप्रीत का फ़ूड और ट्रांसपोर्ट राजनांदगांव कलेक्टर टीपी वर्मा को मिल गया है। कमलप्रीत के पास सामान्य प्रशासन विभाग अवश्य यथावत है। लेकिन, इसमें आईएएस की लिस्ट पर दस्तखत करने के अलावा और कोई काम नहीं है।
कमलप्रीत ने हाल ही में तुंहर द्वार योजना के तहत ट्रांसपोर्ट की कई महत्वपूर्ण सेवाओ को ऑनलाइन कर दिया था। मुख्यमंत्री ने उसका उद्घाटन किया था। तब लगा था, कमलप्रीत का कद और बढ़ जाएगा। किन्तु, अब ब्यूरोक्रेसी के लोग ही बेचैन हैं, आखिर ये हुआ कैसे?

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