बंदूक के दम पर विकास ने जबरन कराई थी अपने ‘राइट हैंड’ की शादी, दसवें दिन पत्नी हो गई विधवा….अमर के पिता और की पत्नी गिरफ्तार

Update: 2020-07-09 15:11 GMT

नईदिल्ली 9 जुलाई 2020। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे गैंग के शार्प शूटर अमर दुबे की शादी 10 दिन पहले ही हुई थी। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि अमर ने बंदूक की नोक पर यह शादी की थी। शादी के दसवें दिन ही नवविवाहिता विधवा हो गई। यह भी बताया जा रहा है कि अमर दुबे की शादी विकास दुबे की कोठी में ही हुई थी।

गांव में शहनाई बज रही थी, मंगल गीत गाए जा रहे थे। अमर की शादी कल्याणपुर निवासी एक युवती से हुई थी। इसी के बाद 2/3 जुलाई की रात को बिकरू गांव में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजी। सुबह हुई तो यहां एक नहीं बल्कि आठ पुलिसकर्मियों के शव पड़े थे।

इस घटना में विकास दुबे के साथ उसके दाहिने हाथ कहे जाने वाले उसके पारिवारिक अमर दुबे को शूटर के रूप में नामजद किया गया था। घटना के बाद से ही अमर दुबे दुल्हन का साथ छोड़कर फरार हो गया था। तभी से एसटीएफ उसके पीछे लगी थी।

अमर विकास के घर पर ही दिनरात रहता था। परिवार वालों ने पनकी निवासी खुशी से उसकी शादी तय की। शादी की तारीख 29 जून तय हुई। लेकिन इससे कुछ समय पहले जब खुशी के परिजनों को पता चला कि अमर के खिलाफ गंभीर धाराओं में पांच-छह केस दर्ज हैं। वह काम-धंधा भी कुछ नहीं करता है तो उन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया।

अमर की दादी ज्ञानवती की मानें तो अमर भी अभी शादी नहीं करना चाहता था। लेकिन, उसके पिता संजू व विकास दुबे ने उस पर शादी के लिए दबाव बनाया। उसके बाद बंदूक की दम पर लड़की के घरवालों को शादी के लिए तैयार किया। तय तारीख पर विकास ने बिकरू स्थित घर पर ही उसकी शादी कराई।

तीस जून को खुशी ससुराल पहुंची थीं। दो दिन बाद बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। पति अमर फरार हो गया। बुधवार को एसटीएफ ने अमर को हमीरपुर में हुई मुठभेड़ में मार गिराया और अमर की पत्नी खुशी को जेल भेज दिया। इस घटना से उसके परिवार वाले भी सकते में हैं। वहीं खुशी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

एसटीएफ सूत्रों का दावा है कि वह विकास दुबे के साथ ही फरार हुआ था और उसके साथ ही हरियाणा के फरीदाबाद तक गया था, लेकिन पुलिस ने छापा मारा तो वहां से भाग निकला था। वहीं से लखनऊ एसटीएफ की टीम अमर के पीछे लग गई थी। बुधवार सुबह उसे हमीरपुर में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। इसी के साथ दसवें दिन उसकी पत्नी विधवा हो गई।

हरियाणा के फरीदाबाद तक गया अमर दुबे पुलिस की पहुंच से बच नहीं पाया। पुलिस ने जब फरीदाबाद में छापा मारा तो वह वहां से भाग कर मौदहा कस्बा आया। यहां पहुंचने पर पैदल ही मौदहा क्षेत्र के अरतरा गांव के लिए चल पड़ा, लेकिन गांव पहुंचने पर रिश्तेदार ने अमर दुबे को शरण देने से इनकार कर दिया। शरण न मिलने पर वह यहां से मध्य प्रदेश जाने के जुगाड़ में था। बताते हैं कि मध्यप्रदेश के सतना, शहडोल आदि जनपदों में इनकी रिश्तेदारी हैं। यहीं पर जाकर शरण लेना चाहता था। इसी बीच टोह लेते हुए एसटीएफ अमर तक जा पहुंची।

 

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