वीडियो: थाने के अंदर वकीलों के बीच जमकर मारपीट...एक दूसरे के ऊपर जमकर बरसाये घूंसा-लात....जानिए पूरा मामला
प्रयागराज 25 दिसम्बर 2021. एक शिकायत पर चल रही जांच को लेकर अधिÏक्ताओं का दो गुट आमने-सामने आ गये। इस दौरान कर्नलगंज थाने के बाहर और अंदर जमकर मारपीट हुई। थाने में वकीलों के बीच भिड़ंत की खबर मिलते ही पुलिस अफसर कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों को अलग स्थिति को कंट्रोल किया। इस मामले में दोनों गुटों की तरफ से तहरीर दी गई है। बताया जाता है कि कचहरी परिसर में भी मारपीट की गई थी।
प्रयागराज: थाने के अंदर वकीलों के बीच जमकर मारपीट...एक दूसरे के ऊपर जमकर बरसाये घूंसा-लात pic.twitter.com/mz4vZ89hmb
— NPG.News (@newpowergame) December 25, 2021
शुक्रवार शाम कर्नलगंज थाने में बड़ी संख्या में अधिवक्ता पहुंच गए। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहने लगे। इसे लेकर थाने में ही दोनों पक्षों के बीच विवाद होने लगा। बातचीत बढ़ी और फिर मारपीट शुरू हो गई। इससे थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोगों में अफरातफरी मच गई। कुछ अधिवक्ताओं ने बीच बचाव की भी कोशिश की, लेकिन असफल रहे। कुछ देर में एसपी सिटी दिनेश सिंह, सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान समेत शिवकुटी, जार्जटाउन, कैंट, सिविल लाइंस आदि थाने की पुलिस पहुंच गई। अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया।
एक पक्ष के विजय द्विवेदी ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में नैनी जेल में बंद आनंद गिरि के प्रकरण में अधिवक्ता होने के कारण चार्जशीट की नकल निकलवाने के लिए सीजेएम कोर्ट जा रहे थे। साथ में शिवम मिश्रा और प्रवीन भी थे। उसी समय रास्ते में अधिवक्ता सुशील पांडेय चार लोगों के साथ मिले और धमकी दी कि आनंद गिरि की पैरवी बंद कर दो, अन्यथा हत्या करवा दूंगा।
विरोध करने पर मारपीट करते हुए कागजात फाड़ दिए गए। हीरे की अंगूठी लूट ली गई। इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने कर्नलगंज थाने आए तो यहां भी मारपीट की गई। वहीं, अधिवक्ता सुशील पांडेय ने तहरीर देते हुए बताया कि कचहरी में उनके साथ अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने मारपीट की। जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ भी लूट की घटना को अंजाम दिया गया है। वे रिपोर्ट दर्ज कराने कर्नलगंज थाने पहुंचे तो यहां भी मारपीट की गई। सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान ने बताया कि मामला शांत करा दिया गया है। तहरीर दी जा रही है और इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।