VIDEO: फ़ेसबुक पर पिता के लिए गुहार लगाते युवक का वीडियो वायरल.. हज़ारों की संख्या में हुआ शेयर बोले एम्स डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर “ हम सब कर सकते हैं पर ईश्वर नहीं हो सकते.. हम जूझ रहे हैं लेकिन हमारी भी सीमा है”

Update: 2020-09-14 23:05 GMT

रायपुर,14 सितंबर 2020। कल दोपहर फ़ेसबुक पर अजय जॉन नाम के यूज़र ने एक बेहद भावुक वीडियो लाईव्ह के रुप में पोस्ट कर दिया। फ़ेसबुक यूज़र की भावनाओं का उद्गार कुछ ऐसा था कि देखते ही देखते दस हजार से उपर व्युज आए.. एक हज़ार से अधिक शेयर हुआ और क़रीब हज़ार लोगों ने कमेंट और रिएक्शन दिए।
फ़ेसबुक से इस युजर को लेकर मिली जानकारी के अनुसार अजय जॉन रायपुर के निवासी हैं और उनका दलीय झुकाव कांग्रेस की ओर है। वीडियो मे वे बिलखते हुए एम्स पर जमकर नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं

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“पिता की तबियत लगातार बिगड़ी पर कोई देखने नहीं पहुँचा.. मुझे पिता ने फ़ोन किया तो उन्हें देखने वाला कोई नहीं था.. एम्स प्रबंधन ने यह मानने से इंकार किया कि उन्हें नहीं देखा जा रहा था..मैंने उनकी हालत देख कर कहा मुझे नीजि अस्पताल में ले जाने दीजिए.. तो एम्स ने कार्डियक एंबुलेंस लाने की शर्त रख दी .. मैं वह ले आया तो अब यह कहकर रोक रहे हैं कि फेफड़ों में गंभीर स्थिति है हम ले जाने नहीं दे सकते.. ये एम्स वाले झूठ बोल रहे हैं .. ये दो दिन बाद बोल देंगे कि मेरे पापा गुजर गए.. “
युवक बिलख बिलख के रोते हुए एम्स पर गंभीर आरोप लगा रहा है। और प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत क्षेत्रीय विधायक का ज़िक्र करते हुए मदद मांगते दिख रहा है।
इधर इस मसले को लेकर एम्स ने अपना पक्ष रखा है। एम्स के डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर ने पूरे मसले पर संवेदना जताई और विस्तार से बात रखते हुए किसी भी लापरवाही से इंकार किया है। डॉ नितिन नागरकर ने कहा
“कोई भी बीमारी मरीज़ और उसके परिजनों को तनाव देती है, कोरोनावायरस के मरीज़ से हम नियमों के कारण परिजनों को मिलने नहीं दे सकते.. कोरोना अप्रत्याशित रुप लेता है.. ठीक होते होते अचानक समस्या गहरा जाती है..यह मसला भी वहीं से शुरु हुआ.. मैंने वीडियो देखा है और मरीज़ को लेकर मैं बता सकता हूँ कि हर मरीज़ का एम्स पूरा ध्यान रखता है, अजय जॉन के पिता भी सतत निगरानी में थे”
डॉ नितिन ने कहा –
“ कोई भी चिकित्सक यह क़तई नहीं चाहेगा कि मरीज़ स्वस्थ ना हो, हम इस बीमारी से मरीज़ों को स्वस्थ करने में पूरी ताक़त झोंक रहे है, पर यह भी तो है न कि हम सब हो सकते हैं ईश्वर नहीं हो सकते.. जॉन के पिता को अचानक समस्याएँ गहराईं”
एम्स हालाँकि इस विषय पर विचार कर रहा है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ों और परिजनों के बीच संवाद को थोडा और बेहतर किया जा सके, लेकिन यह संवाद सुरक्षा और सावधानी के मानकों के अनुरुप हो।

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